रांचीः दलबदल मामले में बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने बाबूलाल की याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने मंगलवार 24 जनवरी को फैसला सुना दिया है. बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दलबदल मामले में स्पीकर के न्यायाधिकरण में फैसला सुरक्षित रखे जाने के खिलाफ याचिका की थी.
यह भी पढ़ेंः दलबदल मामले में बाबूलाल मरांडी की याचिका पर कल सुनवाई
इस मामले में न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा है कि यह मामला अभी विधानसभा अध्यक्ष के न्याधीकरण में लंबित है. यह सबज्यूडिस होने के कारण इस बिंदु पर अभी इस याचिका पर सुनवाई करना उचित नहीं है. इसके बाद अदालत ने इसे नॉट मेंटेनेबल बताते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.
इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान झारखंड विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट व अन्य हाईकोर्ट के जजमेंट को प्रस्तुत किया गया था. कहा गया कि स्पीकर के न्यायाधिकरण में जब तक कोई आदेश बाबूलाल मरांडी के मामले में न हो जाए, तब तक झारखंड हाईकोर्ट इस रिट को नहीं सुन सकता है. यह याचिका मेंटेनेबल नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर देना चाहिए. संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर का न्यायाधिकरण किसी विधायक को डिसक्वालीफाई करने के निर्णय लेने में सक्षम है. हाई कोर्ट इसमें इंटरफेयर नहीं कर सकता है. यह भी कहा गया था कि किसी राजनीतिक दल का विलय करना या न करना, यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है.
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि बिना गवाही कराये ही स्पीकर के न्यायाधिकरण ने फैसला सुरक्षित रखा है. स्पीकर के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव के मामले में अलग-अलग तरीके से सुनवाई हो रही है, जो अनुचित है.