रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने साहिबगंज जिले के लखीमपुर में तेरह वर्षीय आदिवासी नाबालिग बच्ची की हत्या की घटना में पुलिस की भूमिका की तीव्र निंदा की है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि हत्या के साथ सामूहिक दुष्कर्म की भी बात सामने आ रही हैं. पुलिस इस मामले को कवर अप करने की कोशिश में लगी है.
उन्होंने कहा की पीड़िता की मां ने थाने जाकर इस पूरे मामले की शिकायत की थी. लेकिन रंगा थाने के थानेदार ने उन्हें इस मामले को गांव में ही सलटाने की बात कहकर लौटा दिया था. उन्होंने कहा कि उसके बाद निराश परिजनों ने पीड़िता को दफना दिया. उन्होंने कहा कि जब एसपी से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी घटना की जानकारी कल ही मिली है.
स्थानीय डीएसपी ने भी इस घटना की जानकारी न होने की बात कही. उन्होंने कहा है कि अब पीड़िता की माता का वीडियो स्टेटमेंट सामने आ गया है कि वह थाने गई थी और थानेदार ने मामले को लेने से इंकार किया था.
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ऐसे में पुलिस की भूमिका बहुत निंदनीय हो जाती है, जिस तरीके से एक नाबालिग की हत्या के बाद न्याय मांगने थाना गई माता को पुलिस ने भगा दिया. यह पूरे सिस्टम की वास्तविकता को दिखाता है.
उन्होंने मांग की है कि अविलम्ब दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करके पूरे घटना की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच कराई जाए, क्योंकि वहां की पुलिस खुद इस मामले में कार्रवाई न करने को लेकर कठघरे में है.
आज पुलिस की मौजूदगी में दफनाए गए बच्ची के शव को फिर से निकाला गया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार के कार्यकाल में बेटियां बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं और इस सरकार के कार्यकाल में बलात्कार की रिकॉर्ड संख्या में घटनाएं हुईं हैं. यह घटना मुख्यमंत्री के विधानसभा इलाके में हुई है.जब मुख्यमंत्री के विधानसभा इलाके में यह स्थिति है, तो पूरे प्रदेश की स्थिति का आकलन किया जा सकता है.