रांची: हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल विस्तार को फाइनल करने के लिए रांची से दिल्ली का लगातार दौरा करते रहे हैं, लेकिन अभी तक सहयोगी दल के साथ मिलकर मंत्री के नमों पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. कांग्रेस में दावेदार कई हैं लेकिन उनके पास अब तीन विधायकों को ही एकोमोडेट करने की गुंजाइश है.
बाबूलाल के रुख पर निर्भर
मंत्रिमंडल विस्तार कहीं न कहीं बाबूलाल के रुख पर भी निर्भर करता है. चुनाव के बाद पिछले 10 दिनों से बाबूलाल के बीजेपी में जाने की चर्चा है, लेकिन उनकी ओर से अभी तक कुछ साफ नहीं किया गया है. बाबूलाल अगर बीजेपी के साथ जाते हैं तो उनके दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में जा सकते हैं. सूत्र बताते हैं कि ये दोनों कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के संपर्क में हैं. ऐसे में जेवीएम के इन दो विधायकों में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है. ये तब साफ हो पाएगा जब बाबूलाल अपना रुख साफ करें.
कांग्रेस से इनको मिल सकती है जगह
मंत्रिमंडल के लिए जो नाम चर्चा में हैं उनमें कांग्रेस से पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख के नाम शामिल हैं, साथ ही कांग्रेस से पहली बार विधानसभा पहुंची चार महिला विधायक अंबा प्रसाद, पूर्णिमा सिंह, ममता देवी और दीपिका पांडे के नामों की चर्चा हो रही है. दिल्ली में ना सिर्फ मंत्रियों के नामों पर चर्चा जारी है बल्कि प्रमुक विभागों को लेकर भी जेएमएम और कांग्रेस के बीच खींचतान चल रहा है.
जेएमएम से इनके नामों की चर्चा
वहीं, अगर बात करें जेएमएम की तो इस पार्टी से स्टीफन मरांडी, हाजी हुसैन अंसारी, मथुरा प्रसाद महतो, जगरनाथ महतो, बैद्यनाथ राम और चंपई सोरेन जैसे कद्दावर नेताओं का नाम मंत्रिमंडल के रेस में शामिल है. वहीं समीर महंती और मिथिलेश ठाकुर जैसे युवा नेताओं को भी मंत्री बनाने की बात चल रही है. समीर महंती ने जेएमएम से बीजेपी में शामिल हुए कुणाल षाड़ंगी को हराया है तो मिथिलेश ठाकुर ने पलामू प्रमंडल में जेएमएम की उपस्थिति दर्ज कराई.