नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर सोमवार को झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय, (Avinash Pandey meets Sonia Gandhi) कांग्रेस नेता शशि थरूर, मध्यप्रदेश प्रभारी जेपी. अग्रवाल और बॉक्सर विजेंद्र सिंह की मुलाकात हुई. सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद अविनाश पांडे ने कहा कि सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान झारखंड को लेकर तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई, वहीं उन्होंने किसी व्यक्ति पर अन्याय ना हो इसका ध्यान रखने के अलावा उन्होंने इच्छा जताई है कि गठबंधन की सरकार अपनी जिम्मेदारी भी निभाती रहे. भारत जोड़ो यात्रा को लेकर झारखंड में एक सम्मेलन भी बुलाया गया है, जिसमें संगठन के चुनाव और कार्यक्रम पर चर्चा होगी. वहीं देश का एक एक कांग्रेस कार्यकर्ता चाहता है कि राहुल गांधी ही पार्टी अध्यक्ष बनें.
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सोनिया गांधी से मिलने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जेपी अग्रवाल ने कहा कि राज्य का नया प्रभारी बनने के उनसे मुलाकात नहीं हो सकी थी, इसलिए मुलाकात करने के लिए पहुंचा हूं. भारत जोड़ो यात्रा पर जेपी अग्रवाल ने कहा, यात्रा को लेकर लोग बहुत उत्साहित हैं, यदि राज्य के हालात देखेंगे तो बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो चाहते हैं कि वो यात्रा में शामिल हों. मध्यप्रदेश में यात्रा पहुंचने पर पता लगेगा कि एक बहुत बड़ा हुजूम है जो यात्रा में शामिल होने के लिए इंतजार कर रहा है.
राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, लोग इस परिवार पर, सोनिया गांधी पर, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पर विश्वास करते हैं. यदि लोगों से पूछा जाएगा तो उनकी पहली राय राहुल गांधी के अध्यक्ष के तौर पर होगी. जो भी फैसला सोनिया गांधी करेंगी वह फैसला सबको मान्य होगा.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेस झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सबसे ज्यादा सम्मान और सबसे ज्यादा सत्ता से सबंधित अधिकार दिए गए और आज ऐसे समय में इस प्रकार के निर्णय ले रहे हैं.
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पंजाब विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन करने वाले अमरिंदर सिंह पहले ही अपने कई करीबी नेताओं को भाजपा में शामिल करा चुके हैं. पंजाब में संगठन को मजबूत करने और जनाधार बढ़ाने के मिशन में लगी भाजपा अपनी राज्य इकाई की टीम में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी में है और यह माना जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी जल्द ही उन्हें पंजाब में कोई बड़ी भूमिका दे सकती है.
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू से टकराव के कारण कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था. उस समय चुनावी रणनीति के तहत अमरिंदर सिंह ने अपने कई करीबियों को भाजपा में शामिल करा दिया था लेकिन स्वयं अपने राजनीतिक दल के बैनर तले ही भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. हालांकि अमरिंदर सिंह न तो अपनी पटियाला सीट बचा पाए और न ही अपनी पार्टी के किसी उम्मीदवार को जीता पाए. आम आदमी पार्टी की आंधी में भाजपा के मंसूबे धरे के धरे रह गए.
2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अब भाजपा राज्य में संगठन का पुनर्गठन करने में जुट गई है और भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को पंजाब में अपना जनाधार बढ़ाने और संगठन को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.