रांची: आज देवोत्थान है. सनातन धर्मावलंबियों के लिए आज का दिन बेहद ही खास है. भगवान विष्णु क्षीर सागर से करीब पांच माह तक विश्राम करने के पश्चात आज उठ रहे हैं. इस मौके पर देवोत्थान या तुलसी विवाह के रुप में मनाये जाने की परंपरा है. धार्मिक कार्यों के अलावे आज यानी 23 नवंबर से मांगलिक कार्य भी शुरू हो रहे हैं.
शहनाई की गूंज आपको सुनाई पड़ने लगेगी. यानी बैंड, बाजा और बारात का सीजन शुरू हो रहा है, जिसको लेकर लोग कई महीनों से इंतजार कर रहे थे. पंडित गयादत्त मिश्र कहते हैं कि नवंबर की तूलना में दिसंबर शादी विवाह मुहूर्त के लिए खास होगा, जिसमें अधिक लग्न होंगे. हालांकि 16 दिसंबर से खरमास हो जायेगा जिसका समापन 15 जनवरी को होगा. फिर अगले साल मई-जून में शुक्रास्त गुरुस्त होगा जिस वजह से लग्न नहीं है और शादी विवाह नहीं हो सकेगा. इसलिए जो भी शादी विवाह होगा वह अप्रैल तक ज्यादा होगा.
शादी विवाह के लिए बैंक्वेट हॉल से लेकर बाजारों में रौनक: शादी विवाह का मौसम आते ही राजधानी रांची सहित झारखंड के बाजारों में रौनक लौट आई है. बैंक्वेट हॉल से लेकर बैंड बाजे तक की बुकिंग जोरों पर है. अपनी बेटी की शादी की तैयारी कर रहे हरमू निवासी मनोज सिंह कहते हैं कि उन्होंने कांके रोड स्थित रिसॉर्ट को करीब तीन महीने पहले बुक करा रखा है. इसी तरह बैंड बाजा और कैटरर का प्रबंध पहले से कर रखा है इसके बाबजूद होटल के कमरे सहित कई ऐसी व्यवस्था है जिसमें मशक्कत करनी पड़ रही है. इन सबके बीच शादी विवाह को लेकर बाजार में रौनक देखने को मिल रही है. वेडिंग कपड़े से लेकर ज्वेलरी दुकानों में अभी से भीड़ देखने को मिल रही है. समय से पहले लोग इन दुकानों में अपना पसंदीदा सामान का बुकिंग करने में जुटे हैं.
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