रांचीः झारखंड सरकार ने अब हर जिला में पिछले दो महीने में कोरोना से हुई मौत का ऑडिट कराने का फैसला लिया है. पहले राज्य के छह बड़े मेडिकल संस्थान (Medical Institute) जहां सबसे ज्यादा कोरोना से मौत हुई थी, वहां डेथ ऑडिट (Death Audit) कराने के निर्देश दिया गया था. अब उसे और आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के झारखंड निदेशक रविशंकर शुक्ला ने सभी जिलों के उपायुक्त को उनके जिला में जिन अस्पतालों में सबसे ज्यादा मौत कोरोना से हुई, वहां का डेथ ऑडिट कराने का निर्देश दिया है.
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जांच टीम में ये होंगे शामिल
जिला स्तर पर कोरोना से हुई मौत के ऑडिट के लिए जो जांच टीम होगी, उसमें जिला स्तर के ये अधिकारी शामिल होंगे.
- जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (District Immunization Officer)
- जिला सर्विलांस पदाधिकारी (District Surveillance Officer)
- मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन के डॉक्टर (Doctor of Medicine of Medical College)
- WHO/UNICEF के SMO
- जिला महामारी रोग विशेषज्ञ (District Epidemiologist)
- जिला कार्यक्रम प्रबंधक (District Program Manager)
उपायुक्त तय करेंगे कि किन-किन अस्पतालों में होगा डेथ ऑडिट
NHM के IEC नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि जिला में किस-किस कोरोना अस्पताल में हुई कोरोना डेथ का ऑडिट होगा, यह उपायुक्त तय करेंगे पर इसका आधार उस अस्पताल में कोरोना से हुई डेथ की संख्या होगी और यह निजी अस्पताल भी हो सकता है.
डेथ ऑडिट से कई बात आएगी सामने- सिद्धार्थ त्रिपाठी
राज्य के हर जिला में कोरोना से हुई मौत के ऑडिट से यह पता चलेगा कि जिनकी मौत हुई वह किस सोशल इकोनॉमी क्लास के थे. जब वह अस्पताल आए उनकी स्थिति कैसी थी. अस्पताल में उन्हें कैसी सुविधा मिली और क्या-क्या दवा मिली, कोई कमी तो नहीं रह गई, अभी जानकारी होगी और 7 दिनों के अंदर मुख्यायल को डेथ ऑडिट का सभी जिला रिपोर्ट करेंगे.