रांची: अपनी मांगों के समर्थन में पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के द्वारा शुक्रवार को विधानसभा का घेराव किया गया. मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा का घेराव करने पहुंचे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों ने इस दौरान सरकार पर वादाखिलाफी करते हुए जमकर निशाना साधा. विधानसभा का घेराव करने पहुंचे इन आंदोलनकारियों को हालांकि विधानसभा पहुंचने से पहले जगरनाथपुर मंदिर के समीप रोक दिया गया, जिस वजह से ये बीच रोड पर ही बैठकर जमकर नारेबाजी करने लगे. आंदोलन कर रहे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे 2016 से कार्यरत हैं. चुनाव के वक्त वर्तमान सरकार ने मानदेय वृद्धि के अलावे अन्य मांगों को पूरा करने का वादा किया था मगर उसके बाद वह भूल गई.
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राज्यभर के 18 हजार स्वयंसेवक कर रहे हैं मांग: राज्यभर में 18 हजार पंचायत स्वयंसेवक हैं जो 2016 से कार्यरत हैं. आंदोलन कर रहे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी पलामू की महिला सविता देवी कहती हैं कि सरकार को यदि हमारे पदनाम से इतनी चिढ है तो पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक का नाम हटाकर पंचायत सहायक किया जाए. वहीं, रांची की अमिता कच्छप कहती हैं कि सरकार वार्ता के लिए तैयार नहीं है. राज भवन के समक्ष पिछले 21 दिनों से हम लोग धरना पर हैं लेकिन कोई भी वार्ता के लिए अधिकारी नहीं आए. इसके बाद विधानसभा घेराव करने के लिए मजबूरी में पंचायत स्वयं को आना पड़ा है.
उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांग को नहीं पूरी करती है तो आने वाले समय में आंदोलन और तेज किया जाएगा. आंदोलन कर रहे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ की पांच प्रमुख मांगें हैं जिसमें संघ के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के अलावे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को स्थायी किया जाए. पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक को उचित मानदेय दिया जाए, वर्तमान सरकार में स्वयंसेवक से काम नहीं लिया जा रहा है, उन सभी को काम दिया जाए और पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक का नाम हटाकर पंचायत सहायक किया जाए.