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फर्जी IAS मोनिका के चक्कर में बुरे फंसे झारखंड विधानसभा के आप्त सचिव, स्पीकर ने किया निलंबित

फर्जी आईएएस अधिकारी मोनिका की मदद के करने के आरोप में झारखंड विधानसभा के आप्त सचिव पंकज को निलंबित कर दिया गया है. पंकज पर फर्जी आईएएस अधिकारी मोनिका की मदद करने का आरोप है.

FAKE IAS OFFICER MONIKA
फर्जी आईएस अधिकारी मोनिका
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Published : Jul 29, 2021, 7:54 AM IST

Updated : Jul 29, 2021, 10:24 AM IST

रांची: फर्जी आईएएस अधिकारी मोनिका झारखंड विधानसभा के आप्त सचिव पंकज के लिए गले की फांस बन गई है. आप्त सचिव पर मोनिका के आईएएस अधिकारी नहीं होने की जानकारी होने के बावजूद उसे प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के रूप में लोगों से मिलवाने और झारखंड भवन दिल्ली में कमरा आवंटित कराने का आरोप लगा है. इस आरोप के बाद आप्त सचिव पंकज को निलंबित कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- पूरी फिल्मी है इस मोनिका की कहानी, IAS बनने की हसरत ने पहुंचा दिया हवालात

विधानसभा अध्यक्ष ने किया निलंबित

पिछले हफ्ते रांची के वीआईपी इलाकों में शुमार अशोक नगर कॉलोनी से अरगोड़ा पुलिस ने फर्जी आईएएस अधिकारी मोनिका को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इसी बीच जांच के दरम्यान यह जानकारी मिली की झारखंड विधानसभा के आप्त सचिव पंकज ने मोनिका को झारखंड भवन दिल्ली में कमरा आवंटित कराया था. इस फर्जीवाड़ा में झारखंड विधानसभा के आप्त सचिव पंकज कुमार की संलिप्तता सामने आई थी. विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बाद पंकज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

कहानी पूरी फिल्मी है

मोनिका की कहानी पूरी फिल्मी है. साल 2018 में यूपीएससी मेंस और पीटी क्लियर करने के बाद मोनिका यह मानने लगी थी कि वह अब आईएएस अधिकारी बन जाएगी. लेकिन वह इंटरव्यू में फेल हो गई. फेल हो जाने के बावजूद मोनिका ने एक फिल्मी प्लॉट तैयार किया और फर्जी आईएएस अधिकारी बन गई. फिर अपने आप को आईएएस अधिकारी साबित करने के लिए ड्राइवर और बॉडीगार्ड रख लिया. गिरफ्त में आयी मोनिका ने पुलिस को बताया कि मेंस क्लियर होने के बाद उसने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को बता दिया था कि वह यूपीएससी पास कर चुकी है. इसके बाद सभी रिश्तेदार उसे एक आईएएस के रूप में जानने लगे थे. उसके इस झूठ से पर्दा न उठ जाए इसके लिए उसने पूरे फर्जीवाड़े का खेल रचा.

आप्त सचिव ने की मदद

खुद को 2020 बैच की आईएएस अधिकारी बता रही मोनिका को फर्जीवाड़े में झारखंड विधानसभा के आप्त सचिव पंकज का भी भरपूर सहयोग मिला. पंकज ने ये जानते हुए कि मोनिका आईएएस अधिकारी नहीं है, इसके बावजूद उसे कई जगहों पर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी कहकर कई दूसरे आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से मिलवाया.

फर्जी नाम से बनाया फेसबुक पेज

अपने झूठ को सही साबित करने के लिए मोनिका ने फेसबुक पर भी मोनिका आईएएस नाम से एक पेज बना रखा था. पुलिस पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि वह रांची, जमशेदपुर समेत कई जिलों के डीसी और डीडीसी से मुलाकात करती रहती थी. कई बार वो सरकारी बैठकों में भी शामिल हो चुकी है. कहीं आईएएस अधिकारियों की बैठक या कोई अन्य कार्यक्रम की जानकारी मिलती थी तो वहां भी पहुंच जाती थी. फर्जी न लगे इसलिए वह अपने साथ बॉडीगार्ड और सरकार की लोगो के साथ असिस्टेंट कलेक्टर लिखा और सरकारी पहचान चिन्ह वाली कार में घूमती थी.

मध्यप्रदेश की रहने वाली है मोनिका

रांची के अशोक नगर से गिरफ्त में आई फर्जी आईएएस अधिकारी मोनिका मूल रूप से मध्यप्रदेश के कटनी की रहने वाली है. उसके पिता शेषमणि हेडमास्टर हैं जबकि मां हेडक्लर्क है.

रांची: फर्जी आईएएस अधिकारी मोनिका झारखंड विधानसभा के आप्त सचिव पंकज के लिए गले की फांस बन गई है. आप्त सचिव पर मोनिका के आईएएस अधिकारी नहीं होने की जानकारी होने के बावजूद उसे प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के रूप में लोगों से मिलवाने और झारखंड भवन दिल्ली में कमरा आवंटित कराने का आरोप लगा है. इस आरोप के बाद आप्त सचिव पंकज को निलंबित कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- पूरी फिल्मी है इस मोनिका की कहानी, IAS बनने की हसरत ने पहुंचा दिया हवालात

विधानसभा अध्यक्ष ने किया निलंबित

पिछले हफ्ते रांची के वीआईपी इलाकों में शुमार अशोक नगर कॉलोनी से अरगोड़ा पुलिस ने फर्जी आईएएस अधिकारी मोनिका को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इसी बीच जांच के दरम्यान यह जानकारी मिली की झारखंड विधानसभा के आप्त सचिव पंकज ने मोनिका को झारखंड भवन दिल्ली में कमरा आवंटित कराया था. इस फर्जीवाड़ा में झारखंड विधानसभा के आप्त सचिव पंकज कुमार की संलिप्तता सामने आई थी. विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बाद पंकज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

कहानी पूरी फिल्मी है

मोनिका की कहानी पूरी फिल्मी है. साल 2018 में यूपीएससी मेंस और पीटी क्लियर करने के बाद मोनिका यह मानने लगी थी कि वह अब आईएएस अधिकारी बन जाएगी. लेकिन वह इंटरव्यू में फेल हो गई. फेल हो जाने के बावजूद मोनिका ने एक फिल्मी प्लॉट तैयार किया और फर्जी आईएएस अधिकारी बन गई. फिर अपने आप को आईएएस अधिकारी साबित करने के लिए ड्राइवर और बॉडीगार्ड रख लिया. गिरफ्त में आयी मोनिका ने पुलिस को बताया कि मेंस क्लियर होने के बाद उसने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को बता दिया था कि वह यूपीएससी पास कर चुकी है. इसके बाद सभी रिश्तेदार उसे एक आईएएस के रूप में जानने लगे थे. उसके इस झूठ से पर्दा न उठ जाए इसके लिए उसने पूरे फर्जीवाड़े का खेल रचा.

आप्त सचिव ने की मदद

खुद को 2020 बैच की आईएएस अधिकारी बता रही मोनिका को फर्जीवाड़े में झारखंड विधानसभा के आप्त सचिव पंकज का भी भरपूर सहयोग मिला. पंकज ने ये जानते हुए कि मोनिका आईएएस अधिकारी नहीं है, इसके बावजूद उसे कई जगहों पर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी कहकर कई दूसरे आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से मिलवाया.

फर्जी नाम से बनाया फेसबुक पेज

अपने झूठ को सही साबित करने के लिए मोनिका ने फेसबुक पर भी मोनिका आईएएस नाम से एक पेज बना रखा था. पुलिस पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि वह रांची, जमशेदपुर समेत कई जिलों के डीसी और डीडीसी से मुलाकात करती रहती थी. कई बार वो सरकारी बैठकों में भी शामिल हो चुकी है. कहीं आईएएस अधिकारियों की बैठक या कोई अन्य कार्यक्रम की जानकारी मिलती थी तो वहां भी पहुंच जाती थी. फर्जी न लगे इसलिए वह अपने साथ बॉडीगार्ड और सरकार की लोगो के साथ असिस्टेंट कलेक्टर लिखा और सरकारी पहचान चिन्ह वाली कार में घूमती थी.

मध्यप्रदेश की रहने वाली है मोनिका

रांची के अशोक नगर से गिरफ्त में आई फर्जी आईएएस अधिकारी मोनिका मूल रूप से मध्यप्रदेश के कटनी की रहने वाली है. उसके पिता शेषमणि हेडमास्टर हैं जबकि मां हेडक्लर्क है.

Last Updated : Jul 29, 2021, 10:24 AM IST
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