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एक रुपये में रजिस्ट्री योजना बंद करना महिला सशक्तिकरण और उनके अधिकारों पर जोरदार प्रहार:आशा लकड़ा

रांची की मेयर आशा लकड़ा ने हेमंत सरकार की ओर से एक रूपये में महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री की योजना को बंद किए जाने पर कहा कि हेमंत सरकार ने एक बार फिर राज्य की महिलाओं के हक और अधिकार में कटौती का काम किया है.

asha lakra attacks state government
आशा लकड़ा
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Published : May 16, 2020, 8:33 PM IST

रांचीः हेमंत सरकार की ओर से एक रुपये में महिलाओं के नाम पर जमीन रजिस्ट्री की योजना को बंद किए जाने पर शहर की मेयर आशा लकड़ा ने शनिवार को कहा है कि महिलाओं के सम्मान, उनके हक और अधिकार का हनन हो रहा है. जब से इस सरकार ने सत्ता की बागडोर संभाली है, पिछली सरकार के जनहित की योजनाओं को बंद करने पर विचार कर रही है.

महिलाओं के हक और अधिकार में कटौती
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि एक रुपये में जमीन रजिस्ट्री का मुख्य मकसद महिलाओं को मुख्यधारा में लाने और उनके हक में बढ़ोतरी करना था. आदिवासी इलाकों में महिलाओं की हालत काफी खराब है. इसलिए तत्कालीन राज्य सरकार ने यह फैसला लिया था. साथ ही पिछली सरकार में यह भी निर्णय लिया गया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित आवासों की महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री होगी. राज्य सरकार का यह फैसला महिलाओं के स्वावलंबी बनाने और उनके हक और अधिकार की बढ़ोतरी करने के लिए किया गया था लेकिन हेमंत सरकार ने एक बार फिर राज्य की महिलाओं के हक और अधिकार के कटौती का काम किया है.

और पढ़ें- छत्तीसगढ़ में फंसे झारखंड के मजदूरों को भेजा जाएगा घर, रायपुर से चलाई जाएगी 5 बस

आशा लकड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करने के बाद अब हेमंत सरकार ने महिलाओं के नाम पर एक रूपये में की जा रही रजिस्ट्री को बंद कर देना महिला सशक्तिकरण और उनके अधिकारों पर जोरदार प्रहार है, जबकि यह योजना घरेलू हिंसा रोकने में कारगर साबित हो रहा था और महिलाओं के प्रति समाज की सोच बदली थी. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से लिए गए फैसले पर तत्काल रोक लगनी चाहिए.

रांचीः हेमंत सरकार की ओर से एक रुपये में महिलाओं के नाम पर जमीन रजिस्ट्री की योजना को बंद किए जाने पर शहर की मेयर आशा लकड़ा ने शनिवार को कहा है कि महिलाओं के सम्मान, उनके हक और अधिकार का हनन हो रहा है. जब से इस सरकार ने सत्ता की बागडोर संभाली है, पिछली सरकार के जनहित की योजनाओं को बंद करने पर विचार कर रही है.

महिलाओं के हक और अधिकार में कटौती
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि एक रुपये में जमीन रजिस्ट्री का मुख्य मकसद महिलाओं को मुख्यधारा में लाने और उनके हक में बढ़ोतरी करना था. आदिवासी इलाकों में महिलाओं की हालत काफी खराब है. इसलिए तत्कालीन राज्य सरकार ने यह फैसला लिया था. साथ ही पिछली सरकार में यह भी निर्णय लिया गया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित आवासों की महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री होगी. राज्य सरकार का यह फैसला महिलाओं के स्वावलंबी बनाने और उनके हक और अधिकार की बढ़ोतरी करने के लिए किया गया था लेकिन हेमंत सरकार ने एक बार फिर राज्य की महिलाओं के हक और अधिकार के कटौती का काम किया है.

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आशा लकड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करने के बाद अब हेमंत सरकार ने महिलाओं के नाम पर एक रूपये में की जा रही रजिस्ट्री को बंद कर देना महिला सशक्तिकरण और उनके अधिकारों पर जोरदार प्रहार है, जबकि यह योजना घरेलू हिंसा रोकने में कारगर साबित हो रहा था और महिलाओं के प्रति समाज की सोच बदली थी. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से लिए गए फैसले पर तत्काल रोक लगनी चाहिए.

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