रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में पशुपालकों के पशुओं का बीमा सुनिश्चित करने के लिए बैंक अधिकारियों के साथ बैठक कर सरकार द्वारा शीघ्र निर्णय लेने की घोषणा की है. प्रोजेक्ट भवन में कृषि विभाग द्वारा बिरसा ग्राम विकास योजना सह कृषक पाठशाला योजना अंतर्गत सूचीबद्ध कार्यकारी एजेंसियों और पशुधन आपूर्तिकर्ताओं के साथ एमओयू सह नियुक्ति पत्र वितरण समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह घोषणा की है.
26 वेटनरी डॉक्टरों को दिया गया नियुक्ति पत्रः इस मौके पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की मौजूदगी में जेपीएससी द्वारा चयनित 26 वेटनरी डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दिया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री के हाथों से नियुक्ति पत्र पाकर चिकित्सक काफी खुश नजर आये.
भाषण नहीं काम पर ध्यान देना जरूरीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मौके पर कहा कि कृषि विभाग में भाषण नहीं काम पर ध्यान देने की आवश्यकता है, तभी आउटपुट अधिक से अधिक निकल पाएगा. वर्तमान समय में जो वास्तव में किसान हुआ करते थे वो खेतिहर किसान का रूप ले चुके हैं. किसानों की संख्या तेजी से घटी है. इसके कई कारणों में एक बड़ा कारण नीति निर्धारण है. जलवायु परिवर्तन के साथ नीति निर्धारण इसके लिए जिम्मेदार हैं.
कृषि क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएंः रोजगार सबसे ज्यादा कृषि क्षेत्र देता है, लेकिन देश को इसकी चिंता नहीं है. दुनिया के कई देश खेती के क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं. वर्तमान समय में किसानों की हालत यह है कि 10 रुपए लागत लगाने पर दो रुपए में उत्पाद बेचना पड़ता है. हमारे जैसे खरीदार के लिए यह अच्छा है, लेकिन किसानों के लिए यह बड़ी मुश्किल खड़ी कर देता है.
32 वर्षों के बाद राज्य में कृषि पदाधिकारी की हुई नियुक्तिः सरकार बनने के बाद हमलोगों ने कृषि क्षेत्र पर फोकस किया है. 32 वर्षों के बाद इस राज्य में पहली बार कृषि पदाधिकारी की नियुक्ति हुई. जलवायु परिवर्तन के इस दौर में किसान भगवान भरोसे हैं. हमारी सरकार ने बजट में 4000 करोड़ का प्रावधान किया है. जिससे राज्य के किसानों के बीच विभिन्न योजनाओं को चला कर लाभ पहुंचाया जा सके.
राइस मिल खोलेगी सरकारः मुख्यमंत्री ने कहा कि राइस मिल खोलने के लिए सरकार ने नीति बनाई है. जिससे धान खरीद में आ रही परेशानी को दूर होगी. उन्होंने कहा कि किसान पाठशाला की परिकल्पना इसलिए की गई है कि किसानों को नई तकनीक से खेती करने की जानकारी दी जा सके. मुख्यमंत्री ने कुपोषण के लिए गांवों में दुधारू पशुओं की कमी होने की वजह बताते हुए कहा कि पहले हर घर में गाय, भैंस लोग पालते थे. जिससे घर के लोगों को दूध मिलता था. इस कारण कई लोग 100 वर्ष तक जीते थे, लेकिन आज 60 होते-होते शरीर जवाब देने लगता है.
कृषक पाठशाला में किसानों को लाने की व्यवस्था कराएं सचिवः की बसों से लाने की मुख्यमंत्री ने कृषि सचिव को निर्देश दिया कि कृषक पाठशाला में किसानों को ट्रेनिंग दिलाने के लिए जिलों को जोन में बांटकर बसों में लेकर उन्हें पाठशाला तक पहुंचाने का काम करें.
किसानों की बेहतरी के लिए राज्य सरकार तत्परः वहीं मौके पर कृषि मंत्री बादल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की बेहतरी के लिए तत्पर है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप कृषक पाठशाला खोला गया है. इसके तहत 400 करोड़ का वित्तीय प्रावधान भी किया गया है. यह योजना राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है. योजना के तहत राज्य में कृषि प्रगणन क्षेत्रों के बीज प्रगणन क्षेत्रों को 100 कृषि पाठशालाओं के रूप में तीन वर्षो में चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा. एक कृषक पाठशाला में आसपास के गांवों के लगभग 600 से 800 किसानों को वैज्ञानिक और उन्नत कृषि विधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
17 कृषक पाठशाला के लिए हुआ एमओयूः प्रथम चरण में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 17 कृषक पाठशाला को संचालित करने के लिए विभिन्न कार्यकारी एजेंसियों के साथ मंगलवार को एमओयू किया गया है. जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 तक के 26 कृषक पाठशाला के लिए कार्यकारी एजेंसियों का चयन आने वाले समय में किया जाएगा. इसी तरह वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए चयनित 57 कृषक पाठशालाओं को संचालित करने के लिए एजेंसियों का चयन आने वाले समय में किया जाएगा.
एनजीओ के माध्यम से कृषक पाठशाला का होगा संचालनः गौरतलब है कि एनजीओ के माध्यम से सरकार कृषक पाठशाला संचालित करेगी और इसके लिए मंगलवार को राज्य के विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के साथ सरकार ने एमओयू किया है.