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JCECEB BEd admission: कॉलेजों में नामांकन से वंचित हो रहे राज्य के विद्यार्थी, यह है वजह

झारखंड के हजारों विद्यार्थी सत्र 2021-23 के लिए होने वाले बीएड दाखिले में मौका गंवा (Application for JCECEB BEd admission Jharkhand students may lose their chance ) सकते हैं. वहीं दूसरे प्रांतों के विद्यार्थियों को इसका फायदा हो सकता है.

JCECEB
झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद
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Published : Oct 24, 2021, 2:01 PM IST

Updated : Oct 24, 2021, 2:19 PM IST

रांचीः झारखंड के हजारों विद्यार्थियों पर वर्ष 2021-2023 सत्र के बीएड में नामांकन के लिए वंचित रहने का खतरा मंडराने लगा (Application for JCECEB BEd admission Jharkhand students may lose their chance ) है. इसकी वजह बना है कई विश्वविद्यालयों की ओर से अंतिम सेमेस्टर का एग्जाम न लिया जाना. वहीं कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जिन्होंने एग्जाम तो ले लिया है लेकिन रिजल्ट का प्रकाशन नहीं कर सके हैं. ऐसे में B.Ed करने के लिए जो अर्हता चाहिए, यहां के विद्यार्थी उसको पूरा नहीं कर पाएंगे.

ये भी पढ़ें-बीएड कॉलेज आवंटन में घालमेलः JSCE की कार्यशैली पर सवाल, पूर्व विधायक ने की सीएम से हस्तक्षेप की मांग

गौरतलब है कि 7 सितंबर 2021 को राज्य के बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद (JCECEB) की ओर से आवेदन मंगाया गया था, जिसकी तिथि 27 सितंबर को बीत गई. इस बार 136 सरकारी और निजी बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए मेरिट को आधार बनाया जाना है. मेरिट सूची के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर के अंक को आधार बनाया जाना है.

देखें पूरी खबर

इसके आधार पर ही मेरिट लिस्ट तैयार कर अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराई जाएगी. 13 हजार से अधिक सीटों पर नामांकन के लिए जेसीईसीईबी की ओर से निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में प्राप्त अंक प्रतिशत के आधार पर मेधा सूची तैयार की जानी है. ऐसे में हजारों विद्यार्थियों के पास रिजल्ट न होने से दाखिले में दिक्कत आने की आशंका है.

अभ्यर्थियों के पास नहीं हैं शैक्षणिक प्रमाण पत्र

विभिन्न विश्वविद्यालयों से मिली जानकारी के मुताबिक कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जहां अब तक अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं नहीं हुईं हैं और कुछ विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं संचालित हो रही हैं लेकिन यहां भी रिजल्ट प्रकाशन में देरी है. जबकि जेसीईसीईबी (Jharkhand combined entrance competitive examination board) ने बीएड संस्थानों में नामांकन के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में प्राप्त अंक प्रतिशत देना जरूरी किया है. इधर अन्य राज्यों के विद्यार्थियों ने भी बड़ी संख्या में झारखंड से B.Ed करने के लिए आवेदन किया है. इससे दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों को यहां पढ़ने का मौका मिलने की संभावना है, जबकि विश्वविद्यालयों की गलती से यहां के विद्यार्थी मौका गंवा सकते हैं. इधर विभिन्न विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों ने भी राज्य सरकार और झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद के अधिकारियों का ध्यान इस ओर खींचने की बात कही है.


कोरोना महामारी के कारण पड़ा असर

कोरोना महामारी के कारण शिक्षा जगत पर व्यापक असर पड़ा है. प्राथमिक माध्यमिक के साथ-साथ उच्च शिक्षा भी इससे अछूता नहीं है. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में गतिविधियां कम होने की वजह से इस वर्ष परीक्षाओं में भी देरी हो रही है. इसी वजह से अब तक कई विश्वविद्यालयों के पीजी और यूजी के अंतिम सेमेस्टर के रिजल्ट प्रकाशित नहीं हो सके हैं. कई विद्यार्थियों का कहना है कि इसे ध्यान में रखते हुए जेसीईसीबी को B.Ed कॉलेजों में नामांकन के लिए अंतिम तिथि निर्धारित करने से पहले यहां के विद्यार्थियों के बारे में सोचने की जरूरत थी.

रांचीः झारखंड के हजारों विद्यार्थियों पर वर्ष 2021-2023 सत्र के बीएड में नामांकन के लिए वंचित रहने का खतरा मंडराने लगा (Application for JCECEB BEd admission Jharkhand students may lose their chance ) है. इसकी वजह बना है कई विश्वविद्यालयों की ओर से अंतिम सेमेस्टर का एग्जाम न लिया जाना. वहीं कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जिन्होंने एग्जाम तो ले लिया है लेकिन रिजल्ट का प्रकाशन नहीं कर सके हैं. ऐसे में B.Ed करने के लिए जो अर्हता चाहिए, यहां के विद्यार्थी उसको पूरा नहीं कर पाएंगे.

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गौरतलब है कि 7 सितंबर 2021 को राज्य के बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद (JCECEB) की ओर से आवेदन मंगाया गया था, जिसकी तिथि 27 सितंबर को बीत गई. इस बार 136 सरकारी और निजी बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए मेरिट को आधार बनाया जाना है. मेरिट सूची के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर के अंक को आधार बनाया जाना है.

देखें पूरी खबर

इसके आधार पर ही मेरिट लिस्ट तैयार कर अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराई जाएगी. 13 हजार से अधिक सीटों पर नामांकन के लिए जेसीईसीईबी की ओर से निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में प्राप्त अंक प्रतिशत के आधार पर मेधा सूची तैयार की जानी है. ऐसे में हजारों विद्यार्थियों के पास रिजल्ट न होने से दाखिले में दिक्कत आने की आशंका है.

अभ्यर्थियों के पास नहीं हैं शैक्षणिक प्रमाण पत्र

विभिन्न विश्वविद्यालयों से मिली जानकारी के मुताबिक कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जहां अब तक अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं नहीं हुईं हैं और कुछ विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं संचालित हो रही हैं लेकिन यहां भी रिजल्ट प्रकाशन में देरी है. जबकि जेसीईसीईबी (Jharkhand combined entrance competitive examination board) ने बीएड संस्थानों में नामांकन के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में प्राप्त अंक प्रतिशत देना जरूरी किया है. इधर अन्य राज्यों के विद्यार्थियों ने भी बड़ी संख्या में झारखंड से B.Ed करने के लिए आवेदन किया है. इससे दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों को यहां पढ़ने का मौका मिलने की संभावना है, जबकि विश्वविद्यालयों की गलती से यहां के विद्यार्थी मौका गंवा सकते हैं. इधर विभिन्न विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों ने भी राज्य सरकार और झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद के अधिकारियों का ध्यान इस ओर खींचने की बात कही है.


कोरोना महामारी के कारण पड़ा असर

कोरोना महामारी के कारण शिक्षा जगत पर व्यापक असर पड़ा है. प्राथमिक माध्यमिक के साथ-साथ उच्च शिक्षा भी इससे अछूता नहीं है. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में गतिविधियां कम होने की वजह से इस वर्ष परीक्षाओं में भी देरी हो रही है. इसी वजह से अब तक कई विश्वविद्यालयों के पीजी और यूजी के अंतिम सेमेस्टर के रिजल्ट प्रकाशित नहीं हो सके हैं. कई विद्यार्थियों का कहना है कि इसे ध्यान में रखते हुए जेसीईसीबी को B.Ed कॉलेजों में नामांकन के लिए अंतिम तिथि निर्धारित करने से पहले यहां के विद्यार्थियों के बारे में सोचने की जरूरत थी.

Last Updated : Oct 24, 2021, 2:19 PM IST
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