रांचीः झारखंड में जितनी संख्या में स्कूल कॉलेज है उससे भी ज्यादा पूरे राज्य में कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं. लेकिन पिछले 10 महीने से अधिक समय से राज्य के तमाम कोचिंग संस्थान बंद पड़े हैं और इसके कारण कोचिंग संचालकों से जुड़े शिक्षकों और कर्मचारियों को रोजी-रोटी पर आफत बन आई है. जिन भवनों में कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं उन भवनों का किराया भी देने में ये सक्षम नहीं हैं. इसके बावजूद सरकार की ओर से कोचिंग संस्थान खोले जाने को लेकर अब तक कोई निर्देश जारी नहीं हो सका है. कोचिंग संस्थान से जुड़े संचालकों ने एक बार फिर कहा है कि अगर कोचिंग संस्थान नहीं खोली गई तो मजबूरन कोचिंग संचालकों को सड़क पर उतरना पड़ेगा. अधिकतर कोचिंग संस्थान संचालित भवनों का भाड़ा नहीं देने के कारण बंद करने के कगार पर है.
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इस मामले को लेकर संचालकों की ओर से राज्यपाल, मुख्यमंत्री के साथ-साथ हर स्तर पर अवगत कराया गया. लेकिन अब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो सकी है. कोचिंग संचालकों ने जानकारी देते हुए कहा कि उनके मनोदशा भी फिलहाल सही नहीं है. वह मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं और कई कोचिंग संचालक तो डिप्रेशन में चले गए हैं. इस ओर जल्द से जल्द सरकार को ध्यान देने की जरूरत है नहीं तो इनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.