रांची: झारखंड सरकार प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है. लॉकडाउन में राज्य से बाहर फंसे मजदूरों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर ट्रेन बस और विमान से लगातार झारखंड लाया जा रहा है, लेकिन करीब दो साल पहले मलेशिया में गिरिडीह के एक मजदूर की मौत हो जाने के बाद उनका शव अबतक झारखंड नहीं लाया जा सका है. इसको लेकर मृतक के परिजन लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं.
![Appeal to Cm to bring worker dead body from abroad to ranchi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-ran-01-majboormajdur-avb-7203712_04062020142629_0406f_1591260989_179.jpg)
सिर्फ आश्वासन दे रही है कंपनी
रामेश्वर महतो के परिजनों ने बताया कि रामेश्वर महतो के शव को लाने के लिए मलेशिया की कंपनी से भी कई बार बात की गई, लेकिन वहां से सिर्फ आज-कल भेजने का आश्वासन मिल रहा है. उन्होंने बताया कि रामेश्वर के शव को मलेशिया के मोर्चरी में रखा गया है. वहीं, जब पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने ट्रेड यूनियन के नेता भुवनेश्वर केवट से बात की तो उन्होंने मामले की संज्ञान लेते हुए आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द उनके शव को लाने के लिए श्रम मंत्री से बात की जाएगी और रामेश्वर महतो के परिवार को हर संभव मदद भी किया जाएगा.
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बता दें कि पिछले 2 महीनों से मृतक रामेश्वर महतो के परिजनों का हाल बुरा हो गया है. ईटीवी भारत के पहल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ट्वीट के माध्यम से संज्ञान लेते हुए विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद से पीड़ित परिवार की मदद के लिए गुहार लगाया है. रामेश्वर के परिवार के लोगों के साथ खड़े रहने की बात कई लोग कर रहे हैं, लेकिन रामेश्वर महतो के परिवार के साथ आई इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार कितनी मदद करती है, ये देखने की बात होगी.