रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Jharkhand State Congress Committee) के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के खिलाफ नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अब मोर्चा खोल दिया है. प्रदेश अध्यक्ष के कार्यशैली से नाराज पार्टी नेता गोलबंद हो रहे हैं और अपनी बातों को आलाकमान तक पहुंचाने की रणनीति बना रहे हैं. गुरुवार को यूथ कांग्रेस में रहे पुराने नेताओं ने एक बैठक की, जिसमें उन्होंने संगठन की जमीनी हकीकत को रखा.
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बैठक में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा, संजय पासवान, महगामा विधायक सह सचिव दीपिका पांडे सिंह और प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन सिंह समेत नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. सभी ने एक सुर में कहा, कि संगठन चलाने में पुलिसिया रवैया बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
रामेश्वर उरांव के कार्यशैली पर सवाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के खिलाफ लगातार दिल्ली जाकर पार्टी के नेता और विधायक शिकायत कर रहे हैं. पार्टी के कई नेता एक व्यक्ति एक पद के फार्मूले को लागू करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि अब तक आलाकमान की ओर से इस दिशा में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. वहीं नेताओं को जिले से बाहर नहीं जाने के लिए चिट्ठी भी निकाली गई है, जिससे नेता खासा नाराज दिख रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा ने पुराने यूथ कांग्रेस के नेताओं के साथ हुई बैठक के मकसद को लेकर कहा, कि इससे संगठन की जमीनी हकीकत सामने आई है और कार्यकर्ताओं की जो नाराजगी है, वह भी रखी गई है.
नेताओं को जिले से बाहर ना जाने का फरमान गलत
मानस सिन्हा ने कहा, कि सरकार में रहने के बावजूद कार्यकर्ताओं का प्रशासन नहीं सुनता है, आम जनता की समस्या के समाधान के लिए प्रशासन के पास जाने के बावजूद काम नहीं होता है. वहीं उन्होंने नेताओं के जिले से बाहर ना जाने को लेकर निकाली गई चिट्ठी को सरासर गलत बताते हुए कहा, कि पुलिसिया रवैया किसी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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संगठन में क्या कुछ चल रहा है इसके लिए बैठक जरूरी
बैठक के दौरान महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा, कि समय-समय पर संगठन के हालात की समीक्षा होनी चाहिए, ऐसे में यह बैठक सकारात्मक है. उन्होंने कहा, कि कांग्रेस पार्टी में अपनी बातों को आलाकमान तक पहुंचाने के लिए प्लेटफॉर्म है. उन्होंने कहा, कि लंबे समय से यूथ कांग्रेस से जुड़े पुराने नेताओं से मुलाकात नहीं हुई थी, इस वजह से बैठक की गई है और इससे सही मायने में पता चल पाया है, कि संगठन में क्या कुछ चल रहा है.
संगठन चलाने के लिए परिवार के तरह काम करना जरूरी
वहीं उन्होंने कहा, कि पुलिस का रवैया सभी लोग पसंद नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, कि संगठन चलाने के लिए परिवार की तरह काम करना होगा और सभी को साथ लेकर चलना होगा, सरकार को समझना होगा कि बोर्ड निगम में संगठन के लोगों का जगह सुनिश्चित हो और इसका प्रयास संगठन के वरिष्ठ नेताओं को करना चाहिए, ताकि वह भी सरकार के कार्यों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करा सकें.