रांची: जितिया व्रत में मां अपने बेटे की लंबी उम्र के लिए व्रत करती है. झारखंड और बिहार के लोग बेहद ही श्रद्धा के साथ इस पर्व को मनाते हैं. इस पर्व के दिन भी आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका धरने पर बैठी रही और राजभवन के सामने ही जितिया पर्व मनाया.
मानदेय में बढ़ोतरी की मांग
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं की मुख्य मांगे हैं कि मानदेय में बढ़ोतरी की जाए. उनका कहना है कि जब तक राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तब तक वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगी. आंगनबाड़ी सेविका फुलकियारिया ने कहा कि सरकार की तानाशाही के कारण वे लोग जितिया जैसा पर्व भी राजभवन के सामने मनाने को मजबूर हैं.
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कमेटी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं पर नहीं दे रही ध्यान
बता दें कि बीते दिनों आंगनबाड़ी प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री की वार्ता हुई, जिसमें आंगनबाड़ी कर्मचारियों की मुख्य मांग में बढ़ोतरी पर राज्य सरकार ने अपने बजट के आधार पर बढ़ोतरी करने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का आदेश दिया है. जिस पर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संतुष्ट नजर नहीं आ रही है. उनका कहना है कि मानदेय की बढ़ोतरी के लिए सरकार की कमेटी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं का कहना हैं कि जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिलता है तब तक वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगी. वहीं, सरकार ने सभी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं को अल्टीमेटम देते हुए कार्य पर वापस लौटने का निर्देश जारी किया है. बावजूद इसके आंगनबाड़ी सेविका संघ अपनी मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष डटे हुए हैं.