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सरकार के अल्टीमेटम का जवाब, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका खत्म नहीं करेंगी आंदोलन

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Published : Sep 19, 2019, 1:27 PM IST

झारखंड की आंगनबाड़ी सेविका सहायिका अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर पिछले 35 दिनों से राजभवन के समक्ष आंदोलन कर रही हैं. सरकार के अल्टीमेटम के बावजूद वो अपनी मांगों से नहीं हटने वाले हैं.

आंगनबाड़ी सेविका सहायिका

रांची: राज्य सरकार के अल्टीमेटम के बावजूद आंगनबाड़ी सेविका सहायिका अपनी नौ सूत्री मांग को लेकर राजभवन के समक्ष पिछले 35 दिनों से भूख हड़ताल पर डटी हुई हैं. आंगनबाड़ी सेविकाओं ने अपनी मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है.

देखें पूरी खबर

राजभवन के सामने पिछले 35 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका हड़ताल पर बैठी हुई हैं. ऐसे में सरकार ने 7 दिनों के अंदर हड़ताल खत्म करने का अल्टीमेटम दिया है. जिसको लेकर गुरुवार को सेविका सहायिका संघ के सदस्यों ने सीधे तौर पर कहा है कि किसी भी हाल में सेविका-सहायिका हड़ताल से नहीं हटेंगे. बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को ही हटाने का काम करेंगे.

आंदोलित सेविकाओं को 7 दिन का अल्टीमेटम

पिछले 7 दिनों से 11 सेविका-सहायिका सदस्य भूख हड़ताल पर हैं. जबकि पिछले 35 दिनों से अपनी मांगों को लेकर सेविका-सहायिका संघ आंदोलनरत है. ऐसे में बुधवार को सरकार की ओर से आंदोलन को 7 दिनों के अंदर हड़ताल खत्म करने का अल्टीमेटम दिया गया है. अगर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका हड़ताल खत्म नहीं करती हैं तो उन्हें चयन मुक्त कर दिया जाएगा. साथ ही इन सेविकाओं की जगह नए ढंग से सेविका सहायिका का चयन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें:- तबरेज मॉब लिंचिंग मामले पर कांग्रेस ने उठाया सवाल, कहा- किन परिस्थितियों में पदाधिकारियों ने बनाई थी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट

सरकार के इस आदेश के बाद आंदोलित सेविका सहायिका संघ के सदस्यों ने एक सुर में कहा है कि किसी भी रूप में हड़ताल खत्म नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव के समय सरकार को हर तरह की मदद सेविका सहायिकाओं ने की थी, लेकिन जब उनकी मांगों की बात आती है तो सरकार नहीं सुनती है. ऐसे में सेविकाओं ने कहा कि भले ही उन्हें चयन मुक्त कर दिया जाए, लेकिन अपनी मांगों को लेकर सभी सेविकाएं हड़ताल पर डटी रहेंगी.

रांची: राज्य सरकार के अल्टीमेटम के बावजूद आंगनबाड़ी सेविका सहायिका अपनी नौ सूत्री मांग को लेकर राजभवन के समक्ष पिछले 35 दिनों से भूख हड़ताल पर डटी हुई हैं. आंगनबाड़ी सेविकाओं ने अपनी मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है.

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राजभवन के सामने पिछले 35 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका हड़ताल पर बैठी हुई हैं. ऐसे में सरकार ने 7 दिनों के अंदर हड़ताल खत्म करने का अल्टीमेटम दिया है. जिसको लेकर गुरुवार को सेविका सहायिका संघ के सदस्यों ने सीधे तौर पर कहा है कि किसी भी हाल में सेविका-सहायिका हड़ताल से नहीं हटेंगे. बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को ही हटाने का काम करेंगे.

आंदोलित सेविकाओं को 7 दिन का अल्टीमेटम

पिछले 7 दिनों से 11 सेविका-सहायिका सदस्य भूख हड़ताल पर हैं. जबकि पिछले 35 दिनों से अपनी मांगों को लेकर सेविका-सहायिका संघ आंदोलनरत है. ऐसे में बुधवार को सरकार की ओर से आंदोलन को 7 दिनों के अंदर हड़ताल खत्म करने का अल्टीमेटम दिया गया है. अगर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका हड़ताल खत्म नहीं करती हैं तो उन्हें चयन मुक्त कर दिया जाएगा. साथ ही इन सेविकाओं की जगह नए ढंग से सेविका सहायिका का चयन किया जाएगा.

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सरकार के इस आदेश के बाद आंदोलित सेविका सहायिका संघ के सदस्यों ने एक सुर में कहा है कि किसी भी रूप में हड़ताल खत्म नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव के समय सरकार को हर तरह की मदद सेविका सहायिकाओं ने की थी, लेकिन जब उनकी मांगों की बात आती है तो सरकार नहीं सुनती है. ऐसे में सेविकाओं ने कहा कि भले ही उन्हें चयन मुक्त कर दिया जाए, लेकिन अपनी मांगों को लेकर सभी सेविकाएं हड़ताल पर डटी रहेंगी.

Intro:रांची. राजभवन के सामने पिछले 35 दिनों से मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका बैठी हुई है.ऐसे में सरकार ने 7 दिनों के अंदर हड़ताल खत्म करने का अल्टीमेटम दिया है. जिसको लेकर गुरुवार को सेविका सहायिका संघ के सदस्यों ने सीधे तौर पर कहा है कि किसी भी हाल में वह हड़ताल से नहीं हटेंगे. बल्कि सरकार को ही हटाने का काम करेंगी।


Body:पिछले 7 दिनों से 11 सेविका सहायिका सदस्य भूख हड़ताल पर हैं। जबकि पिछले 35 दिनों से अपनी मांगों को लेकर सेविका सहायिका संघ के द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। ऐसे में बुधवार को सरकार की ओर से उन्हें 7 दिनों के अंदर हड़ताल खत्म करने का अल्टीमेटम दिया गया है। नहीं तो उन्हें चयन मुक्त कर दिया जाएगा और उनकी जगह पर अन्य सेविका सहायिका का चयन किया जाएगा। ऐसे में सेविका सहायिका संघ के सदस्यों ने एक सुर में कहा है कि चुनाव के समय सरकार को हर तरह की मदद सेविका सहायिका करती हैं। लेकिन जब उनकी मांगों की बात आती है तो ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है।


Conclusion:ऐसे में उन्होंने कहा है कि किसी भी हाल में वह हड़ताल से नहीं हटेंगी। भले ही उन्हें चयन मुक्त कर दिया जाए। लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि अगर सरकार की तरफ से यह कार्रवाई की जाएगी। तो आने वाले समय में इस सरकार को भी हटाने का काम सेविका सहायिका कि सदस्य करेंगी।
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