सरकार और आंगनबाड़ी कर्मचारियों के बीच फंसा पेंच, राजभवन के सामने पंचायत का आयोजन - झारखंड आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ
झारखंड में आंगनबाड़ी कर्मचारी, सेविका, सहायिका पिछले 1 महीने से हड़ताल पर हैं. राज्य सरकार ने सभी को एक सप्ताह के भीतर काम पर लौटने का आदेश जारी किया है. इस आदेश को ये लोग धमकी के रूप में देख रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं की जाती है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
रांची: आंदोलनरत राज्यभर के आंगनबाड़ी कर्मचारी, सेविका, सहायिका संघ को सरकार ने काम पर लौटने का आदेश जारी करने के बाद राजभर के आंगनबाड़ी कर्मचारी सेविका सहायिका एक बार फिर गोलबंद हो रहे हैं. शुक्रवार को अपने छह सूत्री मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने को लेकर राजभवन के सामने महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यभर के सेविका सहायिका संघ उपस्थित हुए और आगे की रणनीति बनाई.
सरकार के महत्वाकांक्षी योजना में योगदान देने वाली राज्यभर की आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका पिछले 1 महीने से आंदोलन कर रहे हैं, जिन्हें राज्य सरकार ने 1 सप्ताह के भीतर काम पर लौटने का आदेश जारी किया गया है. इस आदेश को आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका सरकार की धमकी के रूप में देख रही है.
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इन लोगों का कहना है कि जब मांगें पूरी नहीं की जाती है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. उनका कहना है कि सरकार की इस धमकी से डरने वाले नहीं है. सरकार से इन लोगों की वार्ता भी हुई, लेकिन इनके मुख्य मांगे मानदेय में वृद्धि करने को लेकर सहमति नहीं बनी. हालांकि, सरकार ने एक कमेटी बनाने का भी निर्देश दिया, लेकिन आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका संघ उससे संतुष्ट नहीं है. इसे लेकर निराश आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका लगातार आंदोलन कर रही है. आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ का कहना है कि जो भी कमेटी है, उनसे हमारी वार्ता हो और वह लिखित रूप से हमारी मांगें पूरी करने का वादा करे तभी हड़ताल समाप्त की जाएगी.
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अपनी मांगों को लेकर राजभवन के सामने डटी
आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका प्रखंड और पंचायत से लेकर जिला स्तर में शिक्षा को पोषण स्वास्थ्य बीएलओ जनगणना, मतगणना जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. पिछले 35 दिनों से ये लोग अपनी मांगों को लेकर राजभवन के सामने डटी हुई है. बीते 1 सप्ताह से भूख हड़ताल भी जारी है, जिसके कारण कई कर्मचारियों की तबीयत भी बिगड़ गई इसके बावजूद अपनी मांगों को कमजोर नहीं होने दे रही है. राज्य के कई विपक्षी दल आंगनबाड़ी सेविक, सहायिका के समर्थन में खड़े हैं. सरकार और आंगनवाड़ी कर्मचारियों के बीच फंसे मामले को लेकर कई महत्वाकांक्षी योजना पर असर पड़ रही है. वैसे में सरकार को बीच का रास्ता निकालनी चाहिए ताकि सरकारी योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को मिल सके.
बाइट--3... आंगनवाड़ी सेविका सहायिका
आंदोलनरत राजभर के आंगनबाड़ी कर्मचारी सेविका सहायिका संघ को सरकार द्वारा काम पर लौटने का आदेश के बाद राजभर के आंगनबाड़ी एक बार फिर गोलबंद हो रहे हैं आज इसी क्रम में अपने छह सूत्री मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने को लेकर राजभवन के समक्ष महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें राजभर के सेविका सहायिका संघ उपस्थित हुए और आगे की रणनीति बना रही है
सरकार के महत्वाकांक्षी योजना में योगदान देने वाली राजभर के आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पिछले 1 महीने से आंदोलन कर रहे हैं जिन्हें सरकार द्वारा 1 सप्ताह के भीतर काम पर लौटने का आदेश जारी किया गया है इस आदेश को आंगनबाड़ी सेविका सहायिका सरकार की धमकी के रूप में देख रही है इन लोगों का कहना है कि जब मांगे पूरी नहीं की जाती है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा सरकार इस धमकी से डरने वाली नहीं है सरकार से इन लोगों की वार्ता भी हुई लेकिन इनके मुख्य मांगे मानदेय में वृद्धि करने को लेकर सहमति नहीं बनी हालांकि सरकार ने एक कमेटी बनाने का भी निर्देश दिया लेकिन आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ उससे संतुष्ट नहीं है इसको लेकर निराश आंगनवाड़ी सेविका सहायिका लगातार संबंध आंदोलन कर रही है आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ का कहना है कि जो भी कमेटी है उनसे हमारी वार्ता हो और वह लिखित रूप से देखी हमारी मानदेय की वृद्धि कितने दिन में होती है तब जाकर यह हड़ताल समाप्त की जाएगी।
Body:आंगनवाड़ी सेविका सहायिका प्रखंड पंचायत से लेकर जिला स्तर में शिक्षा को पोषण स्वास्थ्य बीएलओ जनगणना मतगणना जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो बीते 35 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर राजभवन के समक्ष अपनी मांगों को लेकर डटी है वहीं बीते 1 सप्ताह से भूख हड़ताल पर भी है इसकी वजह से कईयों की तबीयत भी बिगड़ गई इसके बावजूद अपनी मांगों को कमजोर नहीं होने दे रही है राज्य के कई विपक्षी दलों ने इनके प्रति सहानुभूति दिखाई और साथ खड़ा रहने का भरोसा दिया राज्य से आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को सम्मानजनक वेतन देने की मांग किया गया है मांगे पूरी नहीं होने पर आगामी विधानसभा चुनाव में प्रभावित करने का भी चुनौती राज्य सरकार को दिया है
Conclusion:सरकार और आंगनवाड़ी कर्मचारियों के बीच फंसे पैसे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर असर पड़ रही है वैसे में सरकार को बीच का रास्ता निकालनी चाहिए ताकि सरकारी योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को मिल सके और इन आंगनवाड़ी कर्मचारियों का भी समाधान हो सके लेकिन सरकार के द्वारा अब तक कोई पहल नहीं की जा रही है