रांचीः भारत सरकार की ओर से देश में एनीमिया मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन झारखंड में इस अभियान को शुरू नहीं किया जा सका है. अब झारखंड में भी एनीमिया मुक्त भारत अभियान शीघ्र चलाया जाएगा. इसको लेकर सीएचओ को डिजिटल मशीन से हीमोग्लोबिन जांचने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
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सवा तीन करोड़ की आबादी वाला झारखंड एनीमिया से सबसे ज्यादा प्रभावित है. राज्य के 50% पुरुष और 60-65% महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं, जबकि देश का औसत आंकड़ा 40% के करीब है.
एनीमिया मुक्त भारत अभियान झारखंड में भी चलाने की तैयारी तेज हो गयी है. इसको लेकर भारत सरकार की ओर से झारखंड सरकार को बड़ी संख्या में हीमोग्लोबिन जांच की डिजिटल मशीन दी गई है. इन मशीन का कैसे उपयोग करना है. इसकी ट्रेनिंग रांची में सीएचओ को दी जा रही है. प्रशिक्षण लेकर सीएचओ अपने-अपने क्षेत्र में सहिया, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम-जीएनएम को प्रशिक्षण देगें, ताकि एक-एक व्यक्ति की हीमोग्लोबिन जांच की जा सके.
स्वास्थ्यकर्मी पहुंचेंगे घर-घर
इस अभियान के तहत स्वास्थ्यकर्मी घर-घर पहुंचकर महिला-पुरुषों की हीमोग्लोबिन जांच करेंगे. खून की कमी की शिकार महिला और पुरुष को आयरन की गोली और डॉक्टर की सलाह उपलब्ध कराया जाएगा. डॉक्टरों ने बताया कि स्वस्थ महिला-पुरुष के शरीर में 12 से 15.5 हीमोग्लोबिन की मात्रा होनी सामान्य मानी जाती है. लेकिन रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12 से कम एनेमिक का लक्षण है.
14 सितंबर तक चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
अभियान निदेशक उमाशंकर सिंह ने कहा कि डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर के प्रशिक्षण का कार्यक्रम 14 सितंबर तक चलेगा. इसके बाद सीएचओ अपने क्षेत्र में जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्तओं और नर्सो को प्रशिक्षित कर सके. इसके बाद अभियान चलाया जाएगा.