रांची: लंबे मंथन के बाद आखिर प्रदेश भाजपा को विधायक दल का नेता मिल ही गया. पार्टी ने अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर बाउरी को विधायक दल का नेता घोषित कर दिया है. अब तक यह जिम्मेदारी बाबूलाल मरांडी के पास थी लेकिन दलबदल का मामला नहीं सुलझने की वजह से सदन के भीतर उनको मान्यता नहीं मिली हुई थी. करीब 3 साल और 9 माह के बाद प्रदेश भाजपा को विधायक दल का नेता मिला है जो सदन के भीतर पार्टी का नेतृत्व करेगा. वहीं पार्टी ने झामुमो छोड़कर भाजपा में आए जेपी भाई पटेल को विधानसभा में सचेतक मनोनीत किया है.
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पिछले दिनों विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे झारखंड पहुंचे थे. उन्होंने सभी विधायकों से बंद कमरे में एक-एक कर बातचीत की थी. उस वक्त रेस में जेपी भाई पटेल सबसे आगे चल रहे थे, लेकिन उनके नाम पर दूसरे विधायकों के रुख को देखते हुए पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. आखिर में इस फैसले पर फाइनल मुहर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लगानी पड़ी. जिसके बाद यह जिम्मेदारी अमर बाउरी को दी गई.
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा में बड़े बदलाव कर आगे की राजनीति का संकेत दे दिया है. एक तरफ आदिवासी बहुल इस राज्य के लिहाज से संथाल आदिवासी बाबूलाल मरांडी को प्रदेश की कमान दी है, तो दूसरी और अनुसूचित जाति वर्ग से पहली बार अमर बावरी को विधायक दल का नेता बनाकर दलित समाज के प्रति पार्टी की सोच जाहिर की है. इसके अलावा झारखंड की राजनीति को बदलने की ताकत रखने वाले कुर्मी समाज के जीपी पटेल को सचेतक बनाकर बड़ा दाव खेला है.
कौन हैं अमर बाउरी: अमर बाउरी चंदनक्यारी से भाजपा के विधायक हैं. 2014 के चुनाव में उन्होंने जेवीएम की टिकट पर जीत दर्ज की थी. बाद में वह जेवीएम के दूसरे विजयी विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे. इस मामले को तत्कालीन जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चुनौती दी थी. जिसके बाद यह मामला झारखंड की राजनीति में लंबे समय तक चला था.