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प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की हत्या में अमन साहू गैंग का हाथ, रंगदारी से मना करने पर चली थी गोली

हजारीबाग में प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद बाबू की हत्या में अमन साहू गैंग का हाथ है. इसमें रंगदारी के लिए हत्या की बात सामने आई है. जेल में बंद अमन साहू से हजारीबाग पुलिस ने पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है.

Aman Sahu gang involved in murder of project coordinator in Hazaribag
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Published : May 18, 2023, 5:59 PM IST

रांचीः हजारीबाग के बड़कागांव में ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद बाबू की हत्या में जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू के इशारे पर की गई थी. पूरा मामला रंगदारी से जुड़ा हुआ है. जेल में बंद अमन साहू से हजारीबाग पुलिस ने पूछताछ में इसका खुलासा किया है.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand News: निजी कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की गोली मारकर हत्या, हैदराबाद के रहने वाले थे शरद बाबू

75 लाख रुपये से जुड़ा है मामलाः पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऋत्विक कंपनी एक काम के एवज में 75 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. अमन साहू के द्वारा कंपनी से इसी रकम में से रंगदारी मांगी गई थी. लेकिन कंपनी के द्वारा रंगदारी के तौर पर बेहद कम रकम देने की बात कही जा रही थी. इसी से नाराज होकर अमन साहू के गुर्गों ने शरद बाबू की दिनदहाड़े हत्या कर डाली.

कमाई का एक प्रतिशत देने की हुई थी डीलः शरद बाबू हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में लगी हजारीबाग पुलिस के जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. कंपनी और आपराधिक गिरोह के बीच सांठगांठ की बातें भी जांच में सामने आई है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऋत्विक कंपनी और अमन साहू गिरोह में यह करार हुआ था कि जो भी पैसे कंपनी को मिलेंगे उसका 1 प्रतिशत हिस्सा अमन साहू गिरोह का होगा.

कंपनी के वरीय अधिकारियों ने इसके लिए अमन साहू से बातचीत भी की थी. इसी बीच कंपनी को काम के एवज में पहली किश्त के तौर पर 75 लाख रुपये का भुगतान हुआ था. जैसे ही इसकी जानकारी अमन साहू को हुई उसने भुगतान के पैसे में से अपना हिस्सा मांगा. तब कंपनी की तरफ से हुई डील के अनुसार मात्र 75 हजार रुपये देने की बात अमन साहू को कही गई. इसी से नाराज होकर अमन साहू ने अपने गुर्गों को यह आदेश दिया था कि कंपनी के किसी न किसी व्यक्ति को गोली मार दी जाए. अमन साहू के आदेश पर शरद बाबू को गोली मारी गई, जिसमें उनकी मौत हो गई.

09 मई को हुई थी हत्याः हजारीबाग के बड़कागांव में 9 मई को दिनदहाड़े ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद बाबू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शरद बाबू अपने कार्यालय जाने के लिए अपनी गाड़ी से बैठकर जा रहे थे. उसी दौरान दो अपराधी बाइक पर सवार होकर उनके नजदीक पहुंचे और उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी. गोली लगने से बुरी तरह से घायल शरद बाबू की मौके पर ही मौत हो गई. इस वारदात में शरद बाबू का बॉडीगार्ड राजेंद्र प्रसाद भी गंभीर रूप से घायल हुआ.

शूटर अब तक फरारः शरद बाबू की हत्या करने वाला शूटर अब तक हजारीबाग पुलिस की गिरफ्त से दूर है. हालांकि हजारीबाग पुलिस ने हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा लिया है. हत्या की प्रमुख वजह कंपनी के द्वारा अपराधी गिरोहों के साथ सांठगांठ बनी है. पुलिस के जांच में यह बात सामने भी आई है कि कंपनी के शुरुआत से ही रंगदारी देने को लेकर अमन साहू से डील फाइनल की गई थी और रंगदारी देने से इनकार करने पर कंपनी के किसी भी एक अफसर को गोली मारने का आदेश अमन साहू के द्वारा दिया गया था. इसी क्रम में शरद बाबू की हत्या कर दी गई ताकि अमन साहू का खौफ बना रहे.

रांचीः हजारीबाग के बड़कागांव में ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद बाबू की हत्या में जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू के इशारे पर की गई थी. पूरा मामला रंगदारी से जुड़ा हुआ है. जेल में बंद अमन साहू से हजारीबाग पुलिस ने पूछताछ में इसका खुलासा किया है.

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75 लाख रुपये से जुड़ा है मामलाः पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऋत्विक कंपनी एक काम के एवज में 75 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. अमन साहू के द्वारा कंपनी से इसी रकम में से रंगदारी मांगी गई थी. लेकिन कंपनी के द्वारा रंगदारी के तौर पर बेहद कम रकम देने की बात कही जा रही थी. इसी से नाराज होकर अमन साहू के गुर्गों ने शरद बाबू की दिनदहाड़े हत्या कर डाली.

कमाई का एक प्रतिशत देने की हुई थी डीलः शरद बाबू हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में लगी हजारीबाग पुलिस के जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. कंपनी और आपराधिक गिरोह के बीच सांठगांठ की बातें भी जांच में सामने आई है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऋत्विक कंपनी और अमन साहू गिरोह में यह करार हुआ था कि जो भी पैसे कंपनी को मिलेंगे उसका 1 प्रतिशत हिस्सा अमन साहू गिरोह का होगा.

कंपनी के वरीय अधिकारियों ने इसके लिए अमन साहू से बातचीत भी की थी. इसी बीच कंपनी को काम के एवज में पहली किश्त के तौर पर 75 लाख रुपये का भुगतान हुआ था. जैसे ही इसकी जानकारी अमन साहू को हुई उसने भुगतान के पैसे में से अपना हिस्सा मांगा. तब कंपनी की तरफ से हुई डील के अनुसार मात्र 75 हजार रुपये देने की बात अमन साहू को कही गई. इसी से नाराज होकर अमन साहू ने अपने गुर्गों को यह आदेश दिया था कि कंपनी के किसी न किसी व्यक्ति को गोली मार दी जाए. अमन साहू के आदेश पर शरद बाबू को गोली मारी गई, जिसमें उनकी मौत हो गई.

09 मई को हुई थी हत्याः हजारीबाग के बड़कागांव में 9 मई को दिनदहाड़े ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद बाबू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शरद बाबू अपने कार्यालय जाने के लिए अपनी गाड़ी से बैठकर जा रहे थे. उसी दौरान दो अपराधी बाइक पर सवार होकर उनके नजदीक पहुंचे और उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी. गोली लगने से बुरी तरह से घायल शरद बाबू की मौके पर ही मौत हो गई. इस वारदात में शरद बाबू का बॉडीगार्ड राजेंद्र प्रसाद भी गंभीर रूप से घायल हुआ.

शूटर अब तक फरारः शरद बाबू की हत्या करने वाला शूटर अब तक हजारीबाग पुलिस की गिरफ्त से दूर है. हालांकि हजारीबाग पुलिस ने हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा लिया है. हत्या की प्रमुख वजह कंपनी के द्वारा अपराधी गिरोहों के साथ सांठगांठ बनी है. पुलिस के जांच में यह बात सामने भी आई है कि कंपनी के शुरुआत से ही रंगदारी देने को लेकर अमन साहू से डील फाइनल की गई थी और रंगदारी देने से इनकार करने पर कंपनी के किसी भी एक अफसर को गोली मारने का आदेश अमन साहू के द्वारा दिया गया था. इसी क्रम में शरद बाबू की हत्या कर दी गई ताकि अमन साहू का खौफ बना रहे.

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