रांची: झारखंड पर्यटन विकास निगम में कार्यरत आलोक प्रसाद पर समाजसेवी कुलन पतरस आइंद ने फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया है. कुलन पतरस का कहना है कि आलोक प्रसाद की तरफ से झारखंड पर्यटन विकास निगम की नियमावली का पूर्ण रूप से उल्लंघन किया गया है. साथ ही फर्जी प्रमाणपत्र का उपयोग कर महाप्रबंधक पद पर पदोन्नति की गयी है. उक्त मामले में कुलन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की है.
क्या है फर्जीवाड़ा
आलोक प्रसाद के प्रमाणपत्र के संबंध झारखंड पर्यटन विकास निगम के पास जो जानकारी है उसके अनुसार उनकी शैक्षणिक योग्यता इस प्रकार है. आलोक ने 1978 में मैट्रिक, 1986 एमबीए, 1992 में एलएलबी और 2009 में पीएचडी की है. कुलन पतरसस का कहना है कि आलोक प्रसाद की सेवा पुस्तिका में उनकी जन्म तिथि 12 /12 /1964 अंकित है. उस समय में समय 11वीं कक्षा उत्तीर्ण को मैट्रिक कहा जाता था, तो केवल 13 साल 5 महीने में 11 कक्षा पास करना कैसे संभव हुआ, जबकि 1964 1965 में प्रथम कक्षा में नामांकन के लिए न्यूनतम 5 वर्ष अनिवार्य था.