रांची: कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना के बीच झारखंड सरकार इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रही है. खासकर 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को संक्रमण से बचाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
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बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है तीसरी लहर
अभी तो तीसरी लहर नहीं आई है लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है. ऐसे में जो बच्चे कम प्रतिरोधक क्षमता वाले हैं और कुपोषित हैं उनके लिए संक्रमण और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
झारखंड की बात करें तो कुपोषण के मामले में झारखंड देश में अव्वल पर आता है. राज्य में लगभग 40% बच्चे कुपोषित हैं जिनको कोरोना की तीसरी लहर से बचाना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.
कुपोषण के साथ कोरोना का संक्रमण हो सकता है जानलेवा: डॉ राजेश कुमार
वहीं कुपोषित बच्चों में कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर झारखंड के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश कुमार ने कहा है कि कोरोना वायरस किसी भी बच्चे के लिए खतरनाक है. उसमें भी यदि बच्चे कुपोषित हैं उनके लिए यह संक्रमण और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
कुपोषित बच्चों में संक्रमण ज्यादा फैलता है तो मौत की संभावना भी बढ़ जाती है. इसलिए कुपोषण के प्रति जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है. साथ ही साथ बच्चों के भोजन पर अभिभावकों को विशेष ध्यान देना चाहिए.
6 माह के बाद बच्चे को दें ये भोजन
डॉ राजेश कुमार ने ईटीवी भारत के माध्यम से अभिभावकों को जानकारी देते हुए बताया कि 0 से 6 महीने तक के बच्चों को मां का दूध ही पिलाना चाहिए. फिर 6 महीने के बाद उसे धीरे-धीरे सेमी सॉलिड भोजन जैसे सूजी, चावल, खिचड़ी दाल देना चाहिए, ताकि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी हो सके.
बच्चों में संक्रमण के फैलाव की बात सुनते ही बच्चे के अभिभावक अभी से ही डरे और सहमे हैं. अभिभावकों ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है. सरकार से आग्रह करते हैं कि जल्द से जल्द बच्चों के लिए भी कोरोना से मुक्ति पाने के लिए कोई दवा का निजात करें.
राज्य सरकार ने कसी कमर
राज्य में फिलहाल 0 से 18 वर्ष के बच्चों की कुल संख्या एक करोड़ 43 लाख है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 28,700 बच्चों में कोरोना के सिंप्टोमेटिक लक्षण होंगे. वहीं 8,610 बच्चों की स्थिति गंभीर हो सकती है. जिन्हें आईसीयू में एडमिट करने की जरूरत पड़ सकती है.
बच्चों को बचाने के लिए कमेटी का गठन
कुपोषित बच्चों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से एक कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट जमा करते हुए यह बताया है कि कोरोना की तीसरी लहर झारखंड के बच्चे को ज्यादा प्रभावित कर सकती है. इसीलिए सभी जिले में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट(पीआईसीयू) की स्थापना की जा रही है.
सभी जिलों में बनाए जा रहे हैं पीआईसीयू
राज्य के प्रमंडलीय जिलों में 20 बेड का पीआईसीयू, तो वहीं दूसरे जिलों में दस बेड का पीआईसीयू बनाया जा रहा है. सभी जिलों में वेंटिलेटर थैरेपी, हाई फ्लो नेसल केनुला की सुविधा बहाल की जा रही है. सभी मेडिकल कॉलेज और शहर के बड़े हॉस्पिटल में अलग से पीआईसीयू के स्थापना का सुझाव कमेटी ने राज सरकार को दिया है.
बच्चों के लिए अलग से कोविड वार्ड बनाने की तैयारी
झारखंड में कुपोषण की समस्या को देखते हुए मालनूट्रिशन ट्रीटमेंट सेंटर में एक अलग से कोविड वार्ड बनाने की व्यवस्था की जा रही है. कुपोषित बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए मालनूट्रिशन की स्थिति का ख्याल रखने पर सुझाव दिया गया है. साथ ही कुपोषण से कैसे बचें इसको लेकर परिवार और बच्चों को जागरूक करने के लिए भी खाका तैयार हो रहा है.