रांचीः भाजपा और आजसू की दोस्ती अब प. बंगाल में परवान चढ़ती नजर आ रही है. यहां भाजपा आजसू की मदद से ममता को उनके दुर्ग में ललकारने की तैयारी में है. इसके लिए दोनों दलों ने गठबंधन किया है. आठ चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले दो चरण के लिए बीते दिनों भाजपा ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. इसमें से एक सीट बाघमुंडी की भाजपा ने आजसू के लिए छोड़ी है. अब इस सीट पर भाजपा के समर्थन से आजसू प्रत्याशी दम दिखाएंगे.
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बता दें कि पहले दो चरणों के लिए क्रमशः 27 मार्च और एक अप्रैल को मतदान होना है. इसके लिए छह मार्च को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने प्रत्याशियों की सूची जारी की. इसमें भाजपा ने 56 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी, जबकि पार्टी ने बाघमुंडी विधानसभा सीट सहयोगी दल सुदेश महतो की पार्टी आजसू के लिए छोड़ दी है. वहीं पार्टी ने तीन सीट पर अभी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की है. अब आजसू को बाघमुंडी सीट पर अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करनी है. बीजेपी महासचिव का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी प. बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में 200 से ज्यादा सीटें जीतेगी. उनका दावा है कि यहां भाजपा गठबंधन पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी. सिंह ने बताया कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अगुवाई में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सभी प्रत्याशियों के नामों की सूची को मंजूरी दी गई है.
तृणमूल के सुशांता महतो को आजसू देगी चुनौती
पुरुलिया जिले में पड़ने वाली बाघमुंडी सीट पर तृणमूल कांग्रेस ने सुशांता महतो को टिकट दिया है. इन्हें आजसू का प्रत्याशी चुनौती देगा. पुरुलिया जिला झारखंड और प. बंगाल की सीमा पर स्थित है. इससे माना जा रहा है कि आल झारखंड स्टूडेंट यूनियन(आजसू) का यहां प्रभाव है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में नहीं हो पाया था गठबंधन
बता दें कि एक साल पहले झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में आजसू और भाजपा में समझौता नहीं हो पाया था. इससे दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे दोनों दलों को नुकसान उठाना पड़ा. हालांकि बाद में दो सीट के लिए हुए विधानसभा उपचुनाव में दोनों दल फिर गले मिले और मतभेदों को भुलाकर विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उपचुनाव में दोनों को फिर हार का सामना करना पड़ा. अब भाजपा और आजसू झारखंड के पड़ोसी राज्य प. बंगाल में मिलकर तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देंगी. माना जा रहा है कि सीमावर्ती जिलों में खासतौर से दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ने पर फोकस किया है.