रांची: राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आजसू के नेता और कार्यकर्ता 30 अप्रैल को राजधानी रांची की सड़कों पर उतरेंगे. पार्टी द्वारा चलाए जा रहे न्याय मार्च यात्रा कार्यक्रम के तहत प्रदेश स्तरीय इस कार्यक्रम में राज्य भर से बड़ी संख्या में आजसू कार्यकर्ता भाग लेंगे. इस संबंध में आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने बुधवार को प्रदेश कार्यालय में विधानसभा प्रभारियों की बैठक में इसका ऐलान किया. बैठक में सभी विधानसभा प्रभारियों को प्रदेश स्तरीय न्याय मार्च कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में कार्यकर्ताओं को राजधानी रांची में लाने की जिम्मेदारी दी गई.
नियोजन नीति के साथ विभिन्न मुद्दों को लेकर आजसू चला रहा आंदोलनः नियोजन नीति के साथ-साथ राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार, प्रशासनिक कुप्रबंधन और गिरती कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे पर आजसू पार्टी न्याय मार्च निकाल कर सरकार के खिलाफ इन दिनों आंदोलन कर रही है. जिला स्तरीय कार्यक्रम के बाद न्याय मार्च का समापन 23 अप्रैल को होना था, लेकिन ईद की वजह से इस आंदोलन को 30 अप्रैल को करने का निर्णय लिया गया है. आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने कहा कि न्याय मार्च के जरिए हम वर्तमान सरकार की खामियों को जनता के बीच ले कर जाएंगे. इसके लिए जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने के बाद न्याय मार्च का समापन राजधानी रांची में प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम के दौरान होगा.
आजसू प्रमुख ने की जातिगत जनगणना की मांगः बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी जातिगत जनगणना की मांग आजसू ने की है. आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने जातिगत जनगणना के पक्ष में बयान दिया है. झारखंड में कांग्रेस के सहयोग से झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार चल रही है. कांग्रेस को यहां भी सरकार के ऊपर दबाव बनाना चाहिए कि जातिगत जनगणना हो. जिसका लाभ यहां के लोगों को मिल सके. बिहार में जातिगत जनगणना हो रही है. यदि उसी तर्ज पर झारखंड में भी हो तो कोई बात नहीं है. गौरतलब है कि जिलास्तरीय न्याय मार्च कार्यक्रम के तहत 13 मार्च को रांची में मोरहाबादी बापू वाटिका से समाहरणालय तक पैदल मार्च कर आजसू कार्यकर्ताओं ने न्याय मार्च निकाला था.