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वर्ल्ड एड्स डे: झारखंड में 10 हजार से ज्यादा मरीज, लगातार बढ़ रही संक्रमित लोगों की संख्या - रिम्स में एड्स मरीजों के लिए खास सुविधा

एडस दिवस के अवसर पर देश में कई जगहों पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. झारखंड में एडस के 10 हजार से भी अधिक मरीज पाए गए हैं, जिसमें 15 सौ मरीजों का इलाज रिम्स में चल रहा है.

AIDS Day is being celebrated all over the country
जानकारी देते एड्स नोडल पदाधिकारी
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Published : Dec 1, 2019, 3:13 PM IST

Updated : Dec 1, 2019, 7:55 PM IST

रांची: पूरे देश में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों के जागरूक करना है. देश में हजारों लोग इस बीमारी की वजह से परेशान हैं. एड्स के मरीजों की मदद के लिए देशभर में कई संस्थान अपना अहम योगदान दे रहा है.

वर्ल्ड एड्स डे पर खास

विश्व एड्स दिवस पर डॉ संजय कुमार बताते हैं कि असुरक्षित यौन संबंध की वजह से यह बीमारी ज्यादा फैलती है. शरीर में खून के आदान-प्रदान से भी यह बीमारी फैलने का डर रहता है.

इसे भी पढ़ें:- RIMS में लालू से मिली बेटी रोहिणी, कहा- बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाने की है जरूरत

झारखंड में एड्स के10 हजार मरीज
रिम्स में कार्यरत एडस नोडल पदाधिकारी डॉ संजय कुमार बताते हैं कि यह बीमारी अमूमन ऐसे लोगों में पाया जाता है, जिन्होंने एक दूसरे के साथ यौन संबंध बनाया है. उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 10 हजार ऐसे मरीज हैं, जो एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं. संजय कुमार ने बताया कि एड्स बीमारी ज्यादातर ऐसे मरीजों में देखा जाता है, जो परिवार से दूर रहकर काम कर रहे हैं, या फिर अशिक्षित हैं. क्योंकि ऐसे लोग ही विचलित होकर असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करते हैं.

जानकारी देते एड्स नोडल पदाधिकारी

खून के आदान-प्रदान से होता है एड्स
एडस नोडल पदाधिकारी डॉ संजय कुमार बताते हैं कि एड्स के मरीजों के साथ खाने-पीने या फिर सोने से संक्रमित होने का डर नहीं रहता है, लेकिन अगर एक शरीर से दूसरे शरीर में खून का आदान-प्रदान होता है, तभी यह बीमारी संक्रमित हो सकता है, हालांकि राज्य में कई एड्स सोसाइटी हैं, जो एड्स के मरीजों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर काम कर रहे हैं.

रिम्स में 1500 मरीजों का चल रहा इलाज
डॉ संजय कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि रिम्स में लगभग 1500 मरीज का इलाज चल रहा है, जो रिम्स अस्पताल से दवा लेकर अपना इलाज करवा रहे हैं. वहीं इस बीमारी के इलाज के लिए राज्य में लगभग 6 हजार से भी ज्यादा लोग रजिस्टर्ड करवाए हुए हैं, जिनका किसी न किसी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

इसे भी पढ़ें:- विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह ने जारी किया निर्देश, नए पैटर्न के तहत जैक को लेना होगा एग्जाम

एड्स के मरीजों में हो रही बढ़ोतरी
राज्य गठन के लगभग 19 वर्षों के बाद भी एड्स के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 के बाद 9 वर्षों में लगभग साढे 3 हजार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वहीं डॉक्टरों के अनुसार हर वर्ष नए मरीजों की एंट्री की जा रही है.

रिम्स में एड्स मरीजों के लिए विशेष सुविधा
रिम्स में भी एड्स के मरीजों के लिए ए.आर.टी प्लस सेंटर बनाया गया है, जहां पर सेकंड लाइन ड्रग्स तक उपलब्ध कराए जाते हैं. इस सेंटर पर एड्स के मरीजों के लिए सभी तरह की जांच और इलाज फ्री किया जाता है.

इसे भी पढ़ें:- नक्सलियों की मांद में बिना हिंसा पूरा हुआ पहले चरण का मतदान, 64.72 प्रतिशत हुई वोटिंग

क्या है एड्स(HIV)
यह एक प्रकार के इंफेक्शन है, जिससे गंभीर और जानलेवा बीमारी होता है. मेडिकल भाषा में इसे HIV (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) के नाम से जाना जाता है, लेकिन लोग इसे बोलचाल की भाषा में AIDS (एक्वायर्ड इम्यून डिफिशिएंसी सिंड्रोम) के नाम से जानते हैं.

क्या हैं लक्षण
डॉक्टर ने बताया कि एडस होने के कई लक्षण होते हैं खासकर बुखार आना, ठंड लगना, थकान, भूख कम लगना, उल्टी आना सांस लेने में समस्या होना जैसी समस्या मुख्य समस्या मानी जाती है.

रांची: पूरे देश में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों के जागरूक करना है. देश में हजारों लोग इस बीमारी की वजह से परेशान हैं. एड्स के मरीजों की मदद के लिए देशभर में कई संस्थान अपना अहम योगदान दे रहा है.

वर्ल्ड एड्स डे पर खास

विश्व एड्स दिवस पर डॉ संजय कुमार बताते हैं कि असुरक्षित यौन संबंध की वजह से यह बीमारी ज्यादा फैलती है. शरीर में खून के आदान-प्रदान से भी यह बीमारी फैलने का डर रहता है.

इसे भी पढ़ें:- RIMS में लालू से मिली बेटी रोहिणी, कहा- बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाने की है जरूरत

झारखंड में एड्स के10 हजार मरीज
रिम्स में कार्यरत एडस नोडल पदाधिकारी डॉ संजय कुमार बताते हैं कि यह बीमारी अमूमन ऐसे लोगों में पाया जाता है, जिन्होंने एक दूसरे के साथ यौन संबंध बनाया है. उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 10 हजार ऐसे मरीज हैं, जो एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं. संजय कुमार ने बताया कि एड्स बीमारी ज्यादातर ऐसे मरीजों में देखा जाता है, जो परिवार से दूर रहकर काम कर रहे हैं, या फिर अशिक्षित हैं. क्योंकि ऐसे लोग ही विचलित होकर असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करते हैं.

जानकारी देते एड्स नोडल पदाधिकारी

खून के आदान-प्रदान से होता है एड्स
एडस नोडल पदाधिकारी डॉ संजय कुमार बताते हैं कि एड्स के मरीजों के साथ खाने-पीने या फिर सोने से संक्रमित होने का डर नहीं रहता है, लेकिन अगर एक शरीर से दूसरे शरीर में खून का आदान-प्रदान होता है, तभी यह बीमारी संक्रमित हो सकता है, हालांकि राज्य में कई एड्स सोसाइटी हैं, जो एड्स के मरीजों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर काम कर रहे हैं.

रिम्स में 1500 मरीजों का चल रहा इलाज
डॉ संजय कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि रिम्स में लगभग 1500 मरीज का इलाज चल रहा है, जो रिम्स अस्पताल से दवा लेकर अपना इलाज करवा रहे हैं. वहीं इस बीमारी के इलाज के लिए राज्य में लगभग 6 हजार से भी ज्यादा लोग रजिस्टर्ड करवाए हुए हैं, जिनका किसी न किसी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

इसे भी पढ़ें:- विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह ने जारी किया निर्देश, नए पैटर्न के तहत जैक को लेना होगा एग्जाम

एड्स के मरीजों में हो रही बढ़ोतरी
राज्य गठन के लगभग 19 वर्षों के बाद भी एड्स के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 के बाद 9 वर्षों में लगभग साढे 3 हजार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वहीं डॉक्टरों के अनुसार हर वर्ष नए मरीजों की एंट्री की जा रही है.

रिम्स में एड्स मरीजों के लिए विशेष सुविधा
रिम्स में भी एड्स के मरीजों के लिए ए.आर.टी प्लस सेंटर बनाया गया है, जहां पर सेकंड लाइन ड्रग्स तक उपलब्ध कराए जाते हैं. इस सेंटर पर एड्स के मरीजों के लिए सभी तरह की जांच और इलाज फ्री किया जाता है.

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क्या है एड्स(HIV)
यह एक प्रकार के इंफेक्शन है, जिससे गंभीर और जानलेवा बीमारी होता है. मेडिकल भाषा में इसे HIV (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) के नाम से जाना जाता है, लेकिन लोग इसे बोलचाल की भाषा में AIDS (एक्वायर्ड इम्यून डिफिशिएंसी सिंड्रोम) के नाम से जानते हैं.

क्या हैं लक्षण
डॉक्टर ने बताया कि एडस होने के कई लक्षण होते हैं खासकर बुखार आना, ठंड लगना, थकान, भूख कम लगना, उल्टी आना सांस लेने में समस्या होना जैसी समस्या मुख्य समस्या मानी जाती है.

Intro:1 दिसंबर को पूरे विश्व में विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है जिसका उद्देश्य यह होता है कि एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों के जागृत करना और जो इस बीमारी की वजह से आज परेशान है वैसे लोगों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से एडस सोसाइटी की तरफ से मदद करना।


Body:विश्व एड्स दिवस पर डॉ संजय कुमार बताते हैं कि असुरक्षित यौन संबंध की वजह से यह बीमारी ज्यादा फैलती है विशेषकर असुरक्षित यौन एवं शरीर में खून के आदान-प्रदान से भी बीमारी फैलने का डर रहता है।

रिम्स में कार्यरत एड्स नोडल पदाधिकारी एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संजय बताते हैं कि यह बीमारी अमूमन ऐसे लोगों में पाया जाता है जिनके द्वारा संबंध बनाया गया है, उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 10 हज़ार ऐसे मरीज है जो एचआईवी पॉजिटिव पाये गये।

एड्स के मरीजों को लेकर रिम्स में पदस्थापित एड्स नोडल पदाधिकारी डॉ संजय कुमार बताते हैं कि एड्स बीमारी ज्यादातर ऐसे मरीजों में देखे जाते हैं जो परिवार से दूर रहकर काम कर रहे हैं या फिर अशिक्षित है क्योंकि ऐसे लोग ही विचलित होकर असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करते हैं।

एड्स नोडल पदाधिकारी डॉ संजय कुमार बताते हैं कि एड्स के मरीजों के साथ खाने पीने या फिर सोने से संक्रमित होने का डर नहीं रहता है लेकिन अगर एक शरीर से दूसरे शरीर में खून का आदान-प्रदान होता है तभी यह बीमारी संक्रमित हो सकता है हालांकि राज्य में कई एड्स सोसाइटी है जो एड्स के मरीजों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर काम कर रहे हैं और लोगों को यह जानकारी दे रहे हैं कि एड्स के मरीजों से गलत व्यवहार ना करें।



Conclusion:डॉ संजय कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि रिम्स में लगभग 1500 मरीज का इलाज चल रहा है जो रिम्स अस्पताल से दवा लेकर अपना इलाज करवा रहे हैं। वहीं इस बीमारी के इलाज़ के लिए राज्य में लगभग 6 हज़ार से भी ज्यादा लोग रजिस्टर्ड करवाएं हुए हैं जिनका किसी न किसी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

राज्य गठन के लगभग 19 वर्षों के बाद भी एड्स के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 के बाद 9 वर्षों में लगभग साढे 3 हज़ार मरीज़ो की संख्या में बढ़ोतरी हुई है वहीं डॉक्टरों के अनुसार हर वर्ष नए मरीजों की एंट्री की जा रही है। हालांकि मरीजों की संख्या कम करने के लिए एक सोसाइटी एवं सामाजिक संगठनों के द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है लेकिन अशिक्षा और अन्य कारणों की वजह से इसकी संख्या में कमी नहीं देखी जा रही है जो निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण


रिम्स में भी एड्स के मरीजों के लिए ए.आर.टी प्लस सेंटर बनाया गया है जहां पर सेकंड लाइन ड्रग्स तक उपलब्ध कराए जाते हैं,इस सेंटर पर एड्स के मरीजों के लिए सभी तरह की जांच एवं इलाज फ्री किया जाता है।ऐसे मरीजों को रिम्स एवं एड्स सोसाइटी की ओर से भी विशेष ध्यान दिया जाता है साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए भी कई कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं ताकि एड्स के मरीजों के साथ लोगों का व्यवहार गलत ना रहें।

क्या है एड्स(HIV)
यह एक प्रकार के इंफेक्शन है जिससे गंभीर एवं जानलेवा बीमारी होता है मेडिकल भाषा में इसे HIV (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) के नाम से जाना जाता है, लेकिन लोग इसे बोलचाल की भाषा में AIDS (एक्वायर्ड इम्यून डिफिशिएंसी सिंड्रोम) के नाम से जानते हैं।

क्या हैं लक्षण।
डॉक्टर ने बताया कि एड्स होने के कई लक्षण होते हैं खासकर बुखार आना,ठंड लगना, थकान,भूख कम लगना, उल्टी आना सांस लेने में समस्या होना जैसी समस्या मुख्य समस्या मानी जाती है।

बाइट- डॉ संजय कुमार,डॉक्टर व एड्स नोडल पदाधिकारी।
Last Updated : Dec 1, 2019, 7:55 PM IST
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