रांची: जिला में मंगलवार को झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी शामिल हुए. इस अवसर पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई, साथ ही एड्स उन्मूलन की दिशा में कार्य कर रहे संस्थाओं और लोगों को सम्मानित कर हौसला अफजाई किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार एड्स उन्मूलन की दिशा में विभिन्न कार्यक्रम चला रही है, जिससे झारखंड को शीघ्र ही एड्स मुक्त किया जा सके. उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को आयोजित करने का उद्देश्य एचआईवी रोग के प्रति पूरे विश्व में जागरूक फैलाना है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारे बीच में वे लोग जो एचआईवी से ग्रसित हैं, हमे उनकी सहायता करनी चाहिए और लोगों के मन में यह जागरूकता लाना चाहिए कि यह एक छुआछूत बीमारी नहीं है. उन्होनें बताया कि यदि कोई व्यक्ति बीमार या दुर्घटनाग्रस्त है और इलाज के दौरान उसे एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाया जाता है तो ऐसे में संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. अगर एचआईवी संक्रमित व्यक्ति की इस्तेमाल की गई सुई और सीरिंज अन्य व्यक्ति इस्तेमाल करता है तो एसे में भी एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है. इसलिए हमेशा डिस्पोजेबल सुई और सीरिंज का ही उपयोग करें. एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला से उसके होने वाले शिशु में भी एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है. वहीं उन्होंने कहा कि अगर गर्भवती महिला का उचित इलाज हो और सावधानियां बरती जाए तो एचआईवी संक्रमित के बच्चे संक्रमित मुक्त हो सकते हैं.
एचआईवी पॉजिटिव मरीजों से भेदभाव ना करें: स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को छूने से, उनके साथ रहने से, साथ खाना खाने से, मच्छर के काटने से, छींकने या खांसने से संक्रमण नहीं फैलता है. इसलिए एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, इसलिए उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. वो भी हमारी ही तरह सामान्य जीवन जीने के हकदार हैं. हम अगर सहयोग करेंगे तो एआरटी ईलाज के सहारे वो लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.
राज्य सुरक्षा पेंशन योजना के तहत सरकार देती है 1000 रुपये प्रति माह
मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि सरकार एड्स पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए प्रतिबद्ध है. इसी के तहत सरकार राज्य सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 1000 रुपये प्रति माह मरीजों को देती है ताकि उन्हें इलाज में मदद मिल सके. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में संक्रमित मरीजों को अन्य सुविधा भी दी जाएगी ताकि वह अपना समुचित इलाज करा सके.
वहीं कार्यक्रम में मौजूद प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजीव रंजन ने बताया कि पूरे विश्व के साथ-साथ झारखंड में भी वैश्विक भागीदारी साझा जिम्मेदारी के साथ एड्स उन्मूलन का काम किया जा रहा है. परियोजना निदेशक राजीव रंजन ने बताया कि वर्तमान समय में 12 एआरटी केंद्र कार्य कर रहे हैं. वहीं जल्द ही गुमला में भी में केंद्र बनाया जा रहा है. जबकि सदर अस्पताल में और अनुमंडल अस्पताल में में कुल 66 जगहों पर एचआईवी टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है. वर्तमान में कुल 25500 संक्रमित मरीज मौजूद हैं, जिसमें लगभग 20 हजार मरीजों का इलाज एआरटी सेंटर्स से चल रहा है. उन्होंने बताया कि विभाग राज्य के मरीजों के लिए एक साल की दवा अपने पास मौजूद रखा है ताकि संक्रमित मरीजों को सही समय पर दवा मुहैया हो सके.
कोरोना काल में मरीजों तक दवा पहुंचाना एक चुनौती
परियोजना निदेशक राजीव रंजन ने बताया कि कोरोना काल में मरीजों तक दवा पहुंचाने में समिति और एचआईवी के लिए काम करने वाले सक्रिय सदस्यों को परेशानी हुई है. इसके बावजूद विभाग ने एक-एक संक्रमित मरीज को दवा पहुंचाने का काम किया है क्योंकि संक्रमित मरीजों को सही समय पर दवाई मिलना आवश्यक है.
जेल के कैदियों का भी समय-समय पर होगा स्क्रीनिंग टेस्ट
परियोजना निदेशक ने बताया कि समय-समय पर कई स्टेकहोल्डर जैसे ट्रक चालक प्रवासी मजदूरों का एचआईवी जांच के लिए स्क्रीनिंग किया जाता है. इसके अलावा जल्द ही जेल में रहने वाले कैदियों की समय-समय पर स्क्रीनिंग कराने की व्यवस्था की जा रही है ताकि अगर कोई संक्रमित कैदी हो तो उसे एआरटी सेंटर से जोड़ा जा सके.
गुप्त तरीके से भी करवा सकते हैं इलाज
परियोजना निदेशक राजीव रंजन ने बताया कि राज्य में कई काउंसलर की नियुक्ति की गई है. जिनसे मरीज बिना किसी झिझक के गुप्त तरीके से भी सलाह और परामर्श ले सकते हैं.
सात दिसंबर तक जिला स्तर पर चलेगा जन जागरुकता अभियान
परियोजना निदेशक राजीव रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि एचआईवी के मरीजों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है. कुछ दिन पहले विभाग की ओर से केंद्र सरकार के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया गया. वहीं मरीजों को उचित सुविधा पहुंचाने के लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है. साथ ही जन जागरूकता को बढ़ाने के लिए 1 दिसंबर से 7 दिसंबर तक जिला स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
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सरायकेला के सदर अस्पताल में विशेष कार्यक्रम
सरायकेला जिले में स्थित सदर अस्पताल सहित जिले भर में जागरूकता पूर्वक विश्व एड्स दिवस मनाया गया. इस अवसर पर सदर अस्पताल में विशेष कार्यक्रम किए गए, जिसमें सदर अस्पताल के सभी चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी रेड रिबन लगाकर कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ हिमांशु भूषण बरवार की ओर से दीप प्रज्वलित कर किया गया. मौके पर उन्होंने एड्स कंट्रोल को लेकर वर्ष 2020 के थीम को पढ़ा.
पाकुड़ में सेमिनार का आयोजन
पाकुड़ में भी विश्व एड्स दिवस के मौके पर सदर अस्पताल परिसर में सेमिनार का आयोजन किया गया. आयोजित सेमिनार में एड्स की रोकथाम, इससे बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए रंगोली, चित्रांकन, वाद विवाद सहित कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी. आयोजित सेमिनार में एड्स पीड़ितों की बेहतर देखभाल करते हुए खुद को कैसे सुरक्षित रखा जाए इस पर विस्तार से चर्चा की गई.
रोग से लड़ने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी
गिरिडीह में विश्व एड्स दिवस के मौके पर सिविल सर्जन डॉ सिद्धार्थ के देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम में लोगों को बताया गया कि किस तरह इस रोग से लड़ने के लिए सावधानी बरतनी है. कहा गया कि एकजुटता के साथ ही एचआईवी से हम लड़ सकते. अभी तक इस रोग का वैक्सिन नहीं आया है.