ETV Bharat / state

बंद हो सकती है मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने दिए संकेत

सूबे के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने समीक्षा बैठक के बाद कहा कि जो योजनाएं जनहित में नहीं है उसे सरकार बंद कर सकती है. दरअसल, मौजूदा सरकार पिछली सरकार में शुरू हुई मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को चलाने के मूड में नहीं है. हालांकि कृषि मंत्री ने इस बाबत कोई स्पष्ट बात नहीं कही.

Badal patrlekh, बादल पत्रलेख
बादल पत्रलेख, कृषि मंत्री
author img

By

Published : Feb 10, 2020, 11:20 PM IST

रांची: प्रदेश के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इशारों-इशारों में अकल्याणकारी योजनाओं को बंद करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का आंकलन कर रही है कि सरकार के पास जो बजट है और जिनको फायदा पहुंचाया जाना है, क्या वाकई उन लोगों तक पैसा जा रहा है या फिर उसका लाभ किसी और को मिल रहा है.

जानकारी देते कृषि मंत्री

मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करने के मूड में सरकार
कृषि मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि इन सब चीजों के आकलन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में अगर यह महसूस होगा कि वो जनहित में नहीं है. इसके साथ ही किसी विशेष कार्य के लिए वैसी योजना शुरू की गई है ऐसे में सरकार को उसे बंद करने में कोई एतराज नहीं होगा. दरअसल, मौजूदा सरकार पिछली सरकार में शुरू हुई मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को चलाने के मूड में नहीं है. हालांकि कृषि मंत्री ने इस बाबत कोई स्पष्ट बात नहीं कही. मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सोमवार को हुई समीक्षा बैठक के दौरान उन योजनाओं को लेकर भी चर्चा हुई जिनकी उपयुक्त उपयोगिता अब नहीं नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें- राहुल पुरवार होंगे झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, विनय चौबे बन सकते हैं सीएम के प्रधान सचिव

डोभा को लेकर मंगाई गई है डिटेल रिपोर्ट
वहीं, डोभा योजना को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उस संबंध में डाटा मंगाया गया है. राज्य में कुल कितने डोभा कि खुदाई की गई है, इसके साथ ही उनमें कितने बच्चों की जान गई है यह सारा डाटा मंगवाया जा रहा है. उसके बाद माननीय मुख्यमंत्री के साथ बैठकर वह तय करेंगे कि इन योजनाओं का क्या करना है.

किसानों को सीधा लाभ मिले इसको लेकर होगा काम
मंत्री ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में किसानों को सीधा लाभ होगा, इसकी कोशिश की जा रही है. आने वाले दिनों में किसान को डायरेक्ट फायदा हो उसकी तैयारियां की जा रही है.

रांची: प्रदेश के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इशारों-इशारों में अकल्याणकारी योजनाओं को बंद करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का आंकलन कर रही है कि सरकार के पास जो बजट है और जिनको फायदा पहुंचाया जाना है, क्या वाकई उन लोगों तक पैसा जा रहा है या फिर उसका लाभ किसी और को मिल रहा है.

जानकारी देते कृषि मंत्री

मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करने के मूड में सरकार
कृषि मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि इन सब चीजों के आकलन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में अगर यह महसूस होगा कि वो जनहित में नहीं है. इसके साथ ही किसी विशेष कार्य के लिए वैसी योजना शुरू की गई है ऐसे में सरकार को उसे बंद करने में कोई एतराज नहीं होगा. दरअसल, मौजूदा सरकार पिछली सरकार में शुरू हुई मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को चलाने के मूड में नहीं है. हालांकि कृषि मंत्री ने इस बाबत कोई स्पष्ट बात नहीं कही. मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सोमवार को हुई समीक्षा बैठक के दौरान उन योजनाओं को लेकर भी चर्चा हुई जिनकी उपयुक्त उपयोगिता अब नहीं नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें- राहुल पुरवार होंगे झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, विनय चौबे बन सकते हैं सीएम के प्रधान सचिव

डोभा को लेकर मंगाई गई है डिटेल रिपोर्ट
वहीं, डोभा योजना को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उस संबंध में डाटा मंगाया गया है. राज्य में कुल कितने डोभा कि खुदाई की गई है, इसके साथ ही उनमें कितने बच्चों की जान गई है यह सारा डाटा मंगवाया जा रहा है. उसके बाद माननीय मुख्यमंत्री के साथ बैठकर वह तय करेंगे कि इन योजनाओं का क्या करना है.

किसानों को सीधा लाभ मिले इसको लेकर होगा काम
मंत्री ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में किसानों को सीधा लाभ होगा, इसकी कोशिश की जा रही है. आने वाले दिनों में किसान को डायरेक्ट फायदा हो उसकी तैयारियां की जा रही है.

Intro:इससे जुड़ा बाइट लाइव यू से जाएगा

रांची। प्रदेश के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इशारा किया कि वैसी योजनाएं जिनसे किसान हो या आम लोगों को कोई का लाभ नहीं पहुंच रहा है उन्हें सरकार बंद कर सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का आकलन कर रही है कि सरकार के पास जो बजट है और जिनको फायदा पहुंचाया जाना है क्या वाकई उन लोगों तक पैसा जा रहा है या फिर उसका लाभ किसी और को मिल रहा है। कृषि मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि इन सब चीजों के आकलन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में अगर यह महसूस होगा कि वो जनहित में नहीं है। साथ ही किसी विशेष कार्य के लिए वैसी योजना शुरू की गई है ऐसे में सरकार को उसे बंद करने में कोई एतराज नहीं होगा। दरअसल मौजूदा सरकार पिछली सरकार में शुरू हुई मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को चलाने के मूड में नहीं है। हालांकि कृषि मंत्री ने इस बाबत कोई स्पष्ट बात नहीं कही




Body:उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सोमवार को हुई रिव्यु मीटिंग के दौरान उन योजनाओं को लेकर भी चर्चा हुई जिनकी उपयुक्त उपयोगिता अब नहीं नजर आ रही है

डोभा को लेकर मंगाई गई है डिटेल रिपोर्ट
वहीं डोभा योजना को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उस संबंध में डाटा मंगाया गया है। राज्य में कुल कितने डोभा कि खुदाई की गई है। साथ ही उनमें कितने बच्चों की जान गई है यह सारा डाटा मंगवाया जा रहा है। उसके बाद माननीय मुख्यमंत्री के साथ बैठकर वह तय करेंगे कि इन योजनाओं का क्या करना है।

किसानों को सीधा लाभ मिले इसको लेकर होगा काम
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में किसानों को सीधा लाभ होगा इसकी कोशिश की जा रही है। आने वाले दिनों में किसान को डायरेक्ट फायदा हो उसकी तैयारियां की जा रही है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.