रांची: प्रदेश के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इशारों-इशारों में अकल्याणकारी योजनाओं को बंद करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का आंकलन कर रही है कि सरकार के पास जो बजट है और जिनको फायदा पहुंचाया जाना है, क्या वाकई उन लोगों तक पैसा जा रहा है या फिर उसका लाभ किसी और को मिल रहा है.
मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करने के मूड में सरकार
कृषि मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि इन सब चीजों के आकलन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में अगर यह महसूस होगा कि वो जनहित में नहीं है. इसके साथ ही किसी विशेष कार्य के लिए वैसी योजना शुरू की गई है ऐसे में सरकार को उसे बंद करने में कोई एतराज नहीं होगा. दरअसल, मौजूदा सरकार पिछली सरकार में शुरू हुई मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को चलाने के मूड में नहीं है. हालांकि कृषि मंत्री ने इस बाबत कोई स्पष्ट बात नहीं कही. मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सोमवार को हुई समीक्षा बैठक के दौरान उन योजनाओं को लेकर भी चर्चा हुई जिनकी उपयुक्त उपयोगिता अब नहीं नजर आ रही है.
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डोभा को लेकर मंगाई गई है डिटेल रिपोर्ट
वहीं, डोभा योजना को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उस संबंध में डाटा मंगाया गया है. राज्य में कुल कितने डोभा कि खुदाई की गई है, इसके साथ ही उनमें कितने बच्चों की जान गई है यह सारा डाटा मंगवाया जा रहा है. उसके बाद माननीय मुख्यमंत्री के साथ बैठकर वह तय करेंगे कि इन योजनाओं का क्या करना है.
किसानों को सीधा लाभ मिले इसको लेकर होगा काम
मंत्री ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में किसानों को सीधा लाभ होगा, इसकी कोशिश की जा रही है. आने वाले दिनों में किसान को डायरेक्ट फायदा हो उसकी तैयारियां की जा रही है.