रांची: सहकारिता यानी को ऑपरेटिव राज्य के विकास का आधार हो सकता है इसलिए सरकार की योजना सहकारिता को मजबूत कर झारखंड के आम अवाम को सशक्त और समृद्ध बनाने की है. कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में विकास का बीड़ा सरकार ने उठाया है. इंटीग्रेटेड फार्मिंग की सोच को धरातल पर उतारने की दिशा में विभाग काम कर रहा हैं.
ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक, 21 प्रस्तावों पर लगी मुहर
लोकार्पण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम
500 लैंप्स पैक्स के बीच पूंजी का वितरण
500 लैंप्स पैक्स के बीच दस करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी के वितरण की शुरुआत करते हुए बादल पत्रलेख ने कहा कि कार्यशील पूंजी का सदुपयोग सुनिश्चित होना चाहिए साथ ही जिला स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए. कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमारे सहकारी समिति से जुड़े लोगों ने जान की परवाह किये बिना धान उत्पादन के क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लक्ष्य से ज्यादा धान की अधिप्राप्ति की है. 60 लाख मीट्रिक टन के विरुद्ध 62.85 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति हुई है. साथ ही हमने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 80 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है.
झारखंड में अन्न भंडारण लिए बनेगा 200 यार्ड
कृषि विभाग राज्य में धान स्टॉक के लिए 200 यार्ड बनाने की योजना पर काम चल रहा है साथ ही राज्य में कम से कम 100 राइस मिल के लिए संबंधित विभाग को जमीन के लिए भी लिखा जा चुका है. राइस मिल प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया है तो 5000 मीट्रिक टन क्षमता का कोल्ड स्टोरेज और 30 मीट्रिक टन क्षमता के कई कोल्ड रूम तैयार किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग कृषि के क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं का विकास करने जा रहा है. कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी पी. ने कहा कि एनसीडीसी ने पहली बार सहकारी समिति को सम्मानित करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं इस पर और ज्यादा काम करने की जरूरत है. सरकार की विभिन्न योजनाओं को सहकारिता के माध्यम से कार्यान्वित करने से बेहतर नतीजे दिखाई देते हैं.
"सहकार संवाद" का लोकार्पण
कार्यक्रम में निबंधक, सहयोग समितियां कार्यालय की ओर से प्रकाशित होने वाले मासिक पत्रिका"सहकार संवाद" के प्रवेशांक का तथा झारखंड सहकारी मैनुअल का लोकार्पण क कृषि मंत्री के द्वारा किया गया. कार्यशाला में मुख्य रूप से एनसीडीसी के क्षेत्रीय निदेशक सिद्धार्थ कुमार, रजिस्ट्रार सहकारिता मृत्युंजय कुमार बरनवाल, निदेशक पशुपालन शशि प्रकाश झा और बड़ी संख्या में सहकारिता के कर्मी और अधिकारी उपस्थित थे.