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कोरोना को किया परास्त, लेकिन अब परेशान कर रहा है डायबिटीज!

कोरोना वायरस (Corona Virus) को मात देकर स्वस्थ हुए कई लोगों को अब पोस्ट कोविड (Post Covid) कई बीमारियों से परेशानी हो रही है. म्यूकर माइकोसिस, MIS-C, न्यूरो और दिल की बीमारियों के साथ-साथ कई लोग डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं.

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डायबिटीज का खतरा
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Published : Sep 1, 2021, 11:00 PM IST

रांची: कोरोना वायरस (Corona Virus) से दूसरी लहर में गंभीर रूप से बीमार हुए मरीजों ने कोरोना को तो मात दे दी, लेकिन पोस्ट कोविड (Post Covid) कई बीमारियां उन्हें परेशान कर रही है. म्यूकर माइकोसिस, MIS-C, न्यूरो और दिल की बीमारियों के साथ-साथ डायबिटीज कोरोना से ठीक हुए मरीजों को परेशान कर रहा है वह है.

इसे भी पढ़ें: रांची में संक्रमितों से अधिक पोस्ट कोविड-19 पेशेंट, रिम्स में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीज



रिम्स के ओपीडी में पहुंच रहे डायबिटीज के मरीज

रिम्स के मेडिसीन और पोस्ट कोविड ओपीडी में हर दिन कई ऐसे मरीज पहुंचते हैं, जिन्होंने अपनी इच्छा शक्ति के बल पर कोरोना को तो मात दे दी, लेकिन वो डायबिटीज के शिकार हो गए. कोविड के इंफेक्शन से पहले ये लोग बिल्कुल स्वस्थ्य थे, लेकिन कोरोना के बाद जब समस्याएं हुई और जांच कराया तो ब्लड शुगर हाई पाया गया. लातेहार के अमित ने जब ओपीडी में जांच कराया तो डॉक्टरों ने उन्हें डायबिटीज बताया.

डायबिटीज के मरीज



क्या कहते हैं डॉक्टर

रिम्स कोविड टास्क फोर्स के डॉ ऋषि गुड़िया बताते हैं कि नॉवेल कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान न सिर्फ फेफड़े पर असर पड़ता है, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण अंग भी प्रभावित होते हैं. ऐसे में यह देखा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के बाद न सिर्फ उम्रदराज, बल्कि कम उम्र के लोग भी डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं. डॉ गुड़िया ने ईटीवी भारत से बताया कि अगर डायबिटीज कोरोना के दवाओं के साइड इफेक्ट के चलते हुआ है तो मरीज धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा, लेकिन अगर कोरोना वायरस के चलते पैंक्रियाज पर असर पड़ा होगा तो फिर जीवन भर के लिए यह रोग हो जाएगा.

जानकारी देते डॉक्टर

इसे भी पढ़ें: अमानवीय रिम्स! RIMS की गेट पर दर्द से कराह रहा था युवक, न व्हील चेयर मिला न स्ट्रेचर


डायबिटीज मरीजों की संख्या बढ़ी


रिम्स मेडिसीन विभाग के डॉ अजीत डुंगडुंग कहते हैं कि जिस तरह से पोस्ट कोविड प्रभाव के रूप में डायबिटीज मरीजों की संख्या बढ़ी है. वैसे में यह रिसर्च का विषय है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.


भारत को कहा जाता है कैपिटल ऑफ डायबिटीज


भारत पहले से ही बड़ी संख्या में मधुमेह की मरीजों की संख्या से जूझ रहा है. वैसे में पोस्ट कोविड बीमारी के रूप में मधुमेह का बढ़ता खतरा चिंता बढ़ाने वाला है.
डायबिटीज के चलते बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में सही समय पर डॉक्टर की सलाह, हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी जैसा व्यायाम और योगा कर इस खतरे को कम किया जा सकता है.

रांची: कोरोना वायरस (Corona Virus) से दूसरी लहर में गंभीर रूप से बीमार हुए मरीजों ने कोरोना को तो मात दे दी, लेकिन पोस्ट कोविड (Post Covid) कई बीमारियां उन्हें परेशान कर रही है. म्यूकर माइकोसिस, MIS-C, न्यूरो और दिल की बीमारियों के साथ-साथ डायबिटीज कोरोना से ठीक हुए मरीजों को परेशान कर रहा है वह है.

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रिम्स के ओपीडी में पहुंच रहे डायबिटीज के मरीज

रिम्स के मेडिसीन और पोस्ट कोविड ओपीडी में हर दिन कई ऐसे मरीज पहुंचते हैं, जिन्होंने अपनी इच्छा शक्ति के बल पर कोरोना को तो मात दे दी, लेकिन वो डायबिटीज के शिकार हो गए. कोविड के इंफेक्शन से पहले ये लोग बिल्कुल स्वस्थ्य थे, लेकिन कोरोना के बाद जब समस्याएं हुई और जांच कराया तो ब्लड शुगर हाई पाया गया. लातेहार के अमित ने जब ओपीडी में जांच कराया तो डॉक्टरों ने उन्हें डायबिटीज बताया.

डायबिटीज के मरीज



क्या कहते हैं डॉक्टर

रिम्स कोविड टास्क फोर्स के डॉ ऋषि गुड़िया बताते हैं कि नॉवेल कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान न सिर्फ फेफड़े पर असर पड़ता है, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण अंग भी प्रभावित होते हैं. ऐसे में यह देखा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के बाद न सिर्फ उम्रदराज, बल्कि कम उम्र के लोग भी डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं. डॉ गुड़िया ने ईटीवी भारत से बताया कि अगर डायबिटीज कोरोना के दवाओं के साइड इफेक्ट के चलते हुआ है तो मरीज धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा, लेकिन अगर कोरोना वायरस के चलते पैंक्रियाज पर असर पड़ा होगा तो फिर जीवन भर के लिए यह रोग हो जाएगा.

जानकारी देते डॉक्टर

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डायबिटीज मरीजों की संख्या बढ़ी


रिम्स मेडिसीन विभाग के डॉ अजीत डुंगडुंग कहते हैं कि जिस तरह से पोस्ट कोविड प्रभाव के रूप में डायबिटीज मरीजों की संख्या बढ़ी है. वैसे में यह रिसर्च का विषय है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.


भारत को कहा जाता है कैपिटल ऑफ डायबिटीज


भारत पहले से ही बड़ी संख्या में मधुमेह की मरीजों की संख्या से जूझ रहा है. वैसे में पोस्ट कोविड बीमारी के रूप में मधुमेह का बढ़ता खतरा चिंता बढ़ाने वाला है.
डायबिटीज के चलते बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में सही समय पर डॉक्टर की सलाह, हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी जैसा व्यायाम और योगा कर इस खतरे को कम किया जा सकता है.

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