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रांची में अधिवक्ताओं ने कोर्ट से की फिजिकल सुनवाई की मांग, वर्चुअल माध्यम से उत्पन्न हो रही कई समस्याएं

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Published : Nov 24, 2020, 5:18 PM IST

वैश्विक महामारी के मद्देनजर न्यायिक कार्य बाधित ना हो इसे लेकर सरकार की ओर से अदालतों में वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन रांची में अधिवक्ता अब फिजिकल कोर्ट से सुनवाई करने की मांग कर रहे हैं.

Advocates demand hearing from physical court in Ranchi
रांची में अधिवक्ताओं ने की फिजिकल कोर्ट से सुनवाई की मांग

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से रांची व्यवहार न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हो रही है, लेकिन जैसे ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई, तमाम चीजों पर धीरे-धीरे रियायतें बरती जा रही है, लेकिन अदालत में अब भी सुनवाई वर्चुअल कोर्ट के ही माध्यम से हो रही है.

देखें पूरी खबर

ट्रायल हो रहा बाधित

अधिवक्ता लगातार कोर्ट में सुनवाई फिजिकल माध्यम करने की मांग कर रहे हैं. रांची जिला बार एसोसिएशन के कार्यालय को अधिवक्ताओं के लिए खोल दिए जाने के बाद राज्य के सभी जिला न्यायालय को भी पहले की तरह रेगुलर करने की मांग उठने लगी है. लॉकडाउन के दौरान अदालतों में मुकदमें की सुनवाई बाधित ना हो इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन फाइलिंग और मामले की सुनवाई की जा रही है. अधिवक्ता की मानें तो अब धीरे-धीरे वर्चुअल कोर्ट से रेगुलर कोर्ट की तरफ जाने की जरूरत है. व्यवहार न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता मानते हैं कि वर्चुअल कोर्ट के जरिए सिर्फ बेल और जरूरी मामलों की सुनवाई हो रही है, लेकिन ट्रायल बाधित हो रहा है.

ये भी पढ़ें-रांचीः रेडियो खांची देगा बच्चों के पोषण की जानकारी, मिला और एक नया प्रोजेक्ट

कई अधिवक्ताओं के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या

रांची जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव सह स्टेट बार काउंसिल के प्रवक्ता संजय विद्रोही ने अदालतों में सुनवाई फिजिकल कोर्ट के माध्यम से हो इसकी वकालत करते हुए कहा कि ना तो सरकार अधिवक्ताओं की तकलीफों को समझ रही है और ना ही न्यायालय में बैठे उच्च अधिकारी, इसलिए अब अधिवक्ता अपनी मांग को लेकर आंदोलन करने पर भी मजबूर हो रहे हैं. वहीं, जिला बार एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी पवन खत्री ने कहा कि वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से सिर्फ गिने-चुने अधिवक्ताओं को ही काम मिल पा रहा है. बाकी अधिवक्ता दाने-दाने को मोहताज हैं. कई अधिवक्ता तो वकालत का पेशा छोड़ दूसरे कार्यों में भी लग गए हैं. ऐसे में जिला बार एसोसिएशन सरकार से मांग करती है कि जल्द से जल्द न्यायालय में वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से चल रही सुनवाई को फिजिकल कोर्ट के माध्यम से सुनवाई की अनुमति दी जाए.

फिजिकल कोर्ट से सुनवाई करने की मांग
वैश्विक महामारी के मद्देनजर न्यायिक कार्य बाधित ना हो, इसको लेकर सरकार की ओर से अदालतों में वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है. कोर्ट की सुनवाई भारतीय कानून प्रणाली की रीढ़ मानी जाती है, लेकिन मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए तकनीक का सहारा लेकर न्यायपालिका कार्य कर रही है और इसी बीच अधिवक्ता न्यायालय में सुनवाई फिजिकल कोर्ट से करने की मांग कर रहे हैं.

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से रांची व्यवहार न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हो रही है, लेकिन जैसे ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई, तमाम चीजों पर धीरे-धीरे रियायतें बरती जा रही है, लेकिन अदालत में अब भी सुनवाई वर्चुअल कोर्ट के ही माध्यम से हो रही है.

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ट्रायल हो रहा बाधित

अधिवक्ता लगातार कोर्ट में सुनवाई फिजिकल माध्यम करने की मांग कर रहे हैं. रांची जिला बार एसोसिएशन के कार्यालय को अधिवक्ताओं के लिए खोल दिए जाने के बाद राज्य के सभी जिला न्यायालय को भी पहले की तरह रेगुलर करने की मांग उठने लगी है. लॉकडाउन के दौरान अदालतों में मुकदमें की सुनवाई बाधित ना हो इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन फाइलिंग और मामले की सुनवाई की जा रही है. अधिवक्ता की मानें तो अब धीरे-धीरे वर्चुअल कोर्ट से रेगुलर कोर्ट की तरफ जाने की जरूरत है. व्यवहार न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता मानते हैं कि वर्चुअल कोर्ट के जरिए सिर्फ बेल और जरूरी मामलों की सुनवाई हो रही है, लेकिन ट्रायल बाधित हो रहा है.

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कई अधिवक्ताओं के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या

रांची जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव सह स्टेट बार काउंसिल के प्रवक्ता संजय विद्रोही ने अदालतों में सुनवाई फिजिकल कोर्ट के माध्यम से हो इसकी वकालत करते हुए कहा कि ना तो सरकार अधिवक्ताओं की तकलीफों को समझ रही है और ना ही न्यायालय में बैठे उच्च अधिकारी, इसलिए अब अधिवक्ता अपनी मांग को लेकर आंदोलन करने पर भी मजबूर हो रहे हैं. वहीं, जिला बार एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी पवन खत्री ने कहा कि वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से सिर्फ गिने-चुने अधिवक्ताओं को ही काम मिल पा रहा है. बाकी अधिवक्ता दाने-दाने को मोहताज हैं. कई अधिवक्ता तो वकालत का पेशा छोड़ दूसरे कार्यों में भी लग गए हैं. ऐसे में जिला बार एसोसिएशन सरकार से मांग करती है कि जल्द से जल्द न्यायालय में वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से चल रही सुनवाई को फिजिकल कोर्ट के माध्यम से सुनवाई की अनुमति दी जाए.

फिजिकल कोर्ट से सुनवाई करने की मांग
वैश्विक महामारी के मद्देनजर न्यायिक कार्य बाधित ना हो, इसको लेकर सरकार की ओर से अदालतों में वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है. कोर्ट की सुनवाई भारतीय कानून प्रणाली की रीढ़ मानी जाती है, लेकिन मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए तकनीक का सहारा लेकर न्यायपालिका कार्य कर रही है और इसी बीच अधिवक्ता न्यायालय में सुनवाई फिजिकल कोर्ट से करने की मांग कर रहे हैं.

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