रांची: कोलकाता में करीब पचास लाख रुपये कैश (kolkata Cash Kand) के साथ पकड़े गए झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपनी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए अदालत से आग्रह किया है. उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई है. अधिवक्ता ने न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट में राजीव कुमार के मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है.
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बता दें कि 11 अक्टूबर को अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में नियमित जमानत याचिका दाखिल की है. 1 अक्टूबर को रांची ED की विशेष कोर्ट ने उन्हें बेल देने से इंकार करते हुए बेल पिटीशन खारिज कर दी थी. निचली अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद राजीव कुमार ने हाईकोर्ट से बेल देने की गुहार लगाई है.
क्या है पूरा मामला: 31 जुलाई को झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार की कोलकाता से गिरफ्तारी हुई थी. आरोप था कि झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका में राहत पहुंचाने के नाम पर अधिवक्ता ने पहले 10 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन बाद में एक करोड़ रुपये देने की बात तय हुई. पहली किस्त में 50 लाख रुपये लेने के लिए ही राजीव कुमार कोलकाता आए थे. जहां उन्हें 50 लाख रुपये कैश के साथ गिरफ्तार कर लिया गया.
राजीव कुमार के करीबियों का कहना है कि राजीव कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ पीआईएल दायर कर लड़ाई लड़ते थे. इसीलिए भ्रष्टाचारी लोग इन्हें फंसाना चाह रहे हैं ताकि भ्रष्टाचार में संलिप्त लोग अपनी जान बचा सके.
राजीव कुमार से मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछः ईडी ने प. बंगाल में दर्ज केस के आधार पर अधिवक्ता राजीव कुमार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है. इस मामले के आधार पर ही अधिवक्ता राजीव कुमार और हाईकोर्ट में शेल कंपनियों, अवैध खनन की सीबीआई जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ता शिवशंकर शर्मा को मनी लॉन्ड्रिंग केस का आरोपी बनाया गया है. ईडी ने अधिवक्ता राजीव कुमार से इस मामले में पूछताछ भी की है.