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Alert For Influenza Virus In Jharkhand: झारखंड में H1N3 और इन्फ्लुएंजा वायरस को लेकर अलर्ट जारी, अपर मुख्य सचिव ने जारी की एडवाइजरी

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Published : Mar 12, 2023, 8:32 PM IST

झारखंड में इन्फ्लूएंजा वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने राज्य के सभी डीसी के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है. उन्होंने सभी अस्पतालों में आवश्यक तैयारी करने का भी निर्देश जारी किया है.

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Advisory Issued For Influenza Virus In Jharkhand

रांचीः देश के कई प्रदेशों में इन्फ्लूएंजा A वायरस के सब वेरिएंट H1N3 और H1N1 के संक्रमण में बढ़ोतरी के बाद झारखंड के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह ने सभी जिले के उपायुक्त को एडवाइजरी जारी कर दी है. जिसमें अपर मुख्य सचिव ने लिखा है कि देश के कई हिस्सों में ILI यानी इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इलनेस (SARI) के केस बढ़े हैं. ऐसे में मौसमी इन्फ्लूएंजा के इन मामलों की सक्रिय निगरानी और प्रबंधन की तैयारियां दुरुस्त की जाए. इस संबंध में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव ने पत्र भी भेजा है. जिसके आलोक में अपर मुख्य सचिव ने सभी डीसी को यह निर्देश दिया है.

ये भी पढे़ं-मंकीपॉक्स को लेकर झारखंड में अलर्ट, स्वास्थ विभाग ने जारी की एडवाइजरी
इन्फ्लूएंजा का तेजी से फैलाव चिंता का विषयःअपर मुख्य सचिव ने कहा है कि हाल ही में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन रोग (SARI) देश के कुछ भागों में तेजी से फैला है. इनमें से अधिकांश मामले इन्फ्लूएंजा A वायरस HINI, H3N2 आदि के कारण होते हैं. इन्फ्लूएंजा का तेजी से फैलाव खासकर H3N2 चिंता का विषय है. इन्फ्लूएंजा एक मौसमी बीमारी है. अभी का मौसम जो अन्य वायरल श्वसन रोग जनकों के लिए भी अनुकूल है. एडेनोवायरस आदि और अधिक उम्रसमूह वाले लोग, अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों, गर्भवती महिलाएं इन वायरस के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं.डीसी को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि कुछ राज्यों में पिछले कुछ महीनों में COVID-19 की सकारात्मकता दर में क्रमिक वृद्धि भी हुई है.

क्या हैं लक्षणः मौसमी इन्फ्लूएंजा बुखार, खांसी के लक्षणों के साथ एक श्वसन संक्रमण है. जिसमें बदन दर्द, कमजोरी आदि के लक्षण दिखते हैं. यह आमतौर पर दो टाइम पिक पर होता है. पहला जनवरी से मार्च तक और दूसरा मानसून के बाद वाले समय में. इनमें से अधिकांश रोगजनक एक समान हल्के और खुद से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई बार बीमार लोगों, अधिक उम्र वाले लोगों, गर्भवती महिलाओं में यह गंभीर रूप ले लेता है. ऐसे में उन्हें अस्पताल में भर्ती कर इलाज की जरूरत पड़ सकती है. इसलिए समय की मांग है कि हम सतर्क रहें और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों का पालन करें.

जागरूक रहें और इन बातों का करें पालनः इन्फ्लूएंजा के बारे में सामुदायिक जागरुकता बढ़ाने और श्वसन शिष्टाचार का पालन करना चाहिए. जैसे मुंह और नाक को ढंकना, खांसने या छींकने वक्त रुमाल से नाक और मुंह को ढकना, इधर-उधर थूकने से बचना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करना और जहां तक संभव हो भीड़ वाली जगहों में जाने से बचना, वहीं आंखों और नाक को छूने से बचें, हाथों की बार-बार साबुन और पानी से धोना, हाथ नहीं मिलाना आदि है. साथ ही लक्षण दिखने पर प्रारंभिक सूचना देना और पीड़ित लोगों से संपर्क सीमित करना, सांस की बीमारी हो तो अलर्ट रहें, अधिक दिक्कत होने पर अस्पताल में भर्ती हों. पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें और डॉक्टर की सलाह के बिना दवा नहीं लें.
सभी जिला स्क्रीनिंग, मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग सुनिश्चित करेंः इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामले में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं (बाह्य रोगी और आंतरिक रोगी विभाग) सहित का पता लगाने के लिए नियमित आधार पर मेडिकल कॉलेज, आईडीएसपी-आईएचआईपी पोर्टल में अपलोड करें.
सभी जिले ILI-SARI मामलों की निगरानी करेंः इन मामलों में एसएआरआई के साथ-साथ संदिग्ध नमूनों को जांच के लिए भेजें. इन्फ्लूएंजा, COVID-19 और एडेनोवायरस जब भी आवश्यक हो तकनीकी जांच करें, मौसमी इन्फ्लूएंजा और COVID-19 के लिए दिशा निर्देश भारत सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं जो ILI और SARI मामलों की एकीकृत निगरानी प्रदान करता है.

अस्पताल कर्मियों और पदाधिकारियों के लिए जरूरी निर्देशः सभी जिले के अधिकारी अपने स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को लक्षणों के प्रति संवेदनशील और जागरूक रहने के लिए कहें. साथ ही अस्पतालों में बेड, दवाईयों के मामले में अपने अस्पताल की तैयारियों का आकलन करें. इसके अलावे ऑक्सीजन, उपकरण और जरूरी दवाइयां तैयार रखें. लक्षण दिखने पर सैंपल रिम्स रांची में दो नामित रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब्स (वीआरडीएलएस) और इन्फ्लुएंजा नमूना परीक्षण के लिए एमजीएम जमशेदपुर भेजें. साथ ही सभी सतर्क रहें और टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट की पांच गुणा रणनीति पर ध्यान दें. टीकाकरण और COVID उचित व्यवहार का पालन करें.

रांचीः देश के कई प्रदेशों में इन्फ्लूएंजा A वायरस के सब वेरिएंट H1N3 और H1N1 के संक्रमण में बढ़ोतरी के बाद झारखंड के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह ने सभी जिले के उपायुक्त को एडवाइजरी जारी कर दी है. जिसमें अपर मुख्य सचिव ने लिखा है कि देश के कई हिस्सों में ILI यानी इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इलनेस (SARI) के केस बढ़े हैं. ऐसे में मौसमी इन्फ्लूएंजा के इन मामलों की सक्रिय निगरानी और प्रबंधन की तैयारियां दुरुस्त की जाए. इस संबंध में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव ने पत्र भी भेजा है. जिसके आलोक में अपर मुख्य सचिव ने सभी डीसी को यह निर्देश दिया है.

ये भी पढे़ं-मंकीपॉक्स को लेकर झारखंड में अलर्ट, स्वास्थ विभाग ने जारी की एडवाइजरी
इन्फ्लूएंजा का तेजी से फैलाव चिंता का विषयःअपर मुख्य सचिव ने कहा है कि हाल ही में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन रोग (SARI) देश के कुछ भागों में तेजी से फैला है. इनमें से अधिकांश मामले इन्फ्लूएंजा A वायरस HINI, H3N2 आदि के कारण होते हैं. इन्फ्लूएंजा का तेजी से फैलाव खासकर H3N2 चिंता का विषय है. इन्फ्लूएंजा एक मौसमी बीमारी है. अभी का मौसम जो अन्य वायरल श्वसन रोग जनकों के लिए भी अनुकूल है. एडेनोवायरस आदि और अधिक उम्रसमूह वाले लोग, अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों, गर्भवती महिलाएं इन वायरस के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं.डीसी को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि कुछ राज्यों में पिछले कुछ महीनों में COVID-19 की सकारात्मकता दर में क्रमिक वृद्धि भी हुई है.

क्या हैं लक्षणः मौसमी इन्फ्लूएंजा बुखार, खांसी के लक्षणों के साथ एक श्वसन संक्रमण है. जिसमें बदन दर्द, कमजोरी आदि के लक्षण दिखते हैं. यह आमतौर पर दो टाइम पिक पर होता है. पहला जनवरी से मार्च तक और दूसरा मानसून के बाद वाले समय में. इनमें से अधिकांश रोगजनक एक समान हल्के और खुद से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई बार बीमार लोगों, अधिक उम्र वाले लोगों, गर्भवती महिलाओं में यह गंभीर रूप ले लेता है. ऐसे में उन्हें अस्पताल में भर्ती कर इलाज की जरूरत पड़ सकती है. इसलिए समय की मांग है कि हम सतर्क रहें और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों का पालन करें.

जागरूक रहें और इन बातों का करें पालनः इन्फ्लूएंजा के बारे में सामुदायिक जागरुकता बढ़ाने और श्वसन शिष्टाचार का पालन करना चाहिए. जैसे मुंह और नाक को ढंकना, खांसने या छींकने वक्त रुमाल से नाक और मुंह को ढकना, इधर-उधर थूकने से बचना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करना और जहां तक संभव हो भीड़ वाली जगहों में जाने से बचना, वहीं आंखों और नाक को छूने से बचें, हाथों की बार-बार साबुन और पानी से धोना, हाथ नहीं मिलाना आदि है. साथ ही लक्षण दिखने पर प्रारंभिक सूचना देना और पीड़ित लोगों से संपर्क सीमित करना, सांस की बीमारी हो तो अलर्ट रहें, अधिक दिक्कत होने पर अस्पताल में भर्ती हों. पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें और डॉक्टर की सलाह के बिना दवा नहीं लें.
सभी जिला स्क्रीनिंग, मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग सुनिश्चित करेंः इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामले में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं (बाह्य रोगी और आंतरिक रोगी विभाग) सहित का पता लगाने के लिए नियमित आधार पर मेडिकल कॉलेज, आईडीएसपी-आईएचआईपी पोर्टल में अपलोड करें.
सभी जिले ILI-SARI मामलों की निगरानी करेंः इन मामलों में एसएआरआई के साथ-साथ संदिग्ध नमूनों को जांच के लिए भेजें. इन्फ्लूएंजा, COVID-19 और एडेनोवायरस जब भी आवश्यक हो तकनीकी जांच करें, मौसमी इन्फ्लूएंजा और COVID-19 के लिए दिशा निर्देश भारत सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं जो ILI और SARI मामलों की एकीकृत निगरानी प्रदान करता है.

अस्पताल कर्मियों और पदाधिकारियों के लिए जरूरी निर्देशः सभी जिले के अधिकारी अपने स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को लक्षणों के प्रति संवेदनशील और जागरूक रहने के लिए कहें. साथ ही अस्पतालों में बेड, दवाईयों के मामले में अपने अस्पताल की तैयारियों का आकलन करें. इसके अलावे ऑक्सीजन, उपकरण और जरूरी दवाइयां तैयार रखें. लक्षण दिखने पर सैंपल रिम्स रांची में दो नामित रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब्स (वीआरडीएलएस) और इन्फ्लुएंजा नमूना परीक्षण के लिए एमजीएम जमशेदपुर भेजें. साथ ही सभी सतर्क रहें और टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट की पांच गुणा रणनीति पर ध्यान दें. टीकाकरण और COVID उचित व्यवहार का पालन करें.

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