रांची: झारखंड में रोजगार के अवसर की राह ताक रहे बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छी खबर है. एक महीने के भीतर सभी विभागों के रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकालने का निर्देश जारी हो गया है. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (Rural Development Minister Alamgir Alam) ने इस बाबत निर्देश दिया है.
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युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission) के अध्यक्ष सुधीर त्रिपाठी और महाधिवक्ता राजीव रंजन को एक महीने के अंदर नियुक्तियों में आ रही बाधाओं को दूर कर विज्ञापन प्रकाशित करने का निर्देश दिया है, ताकि राज्य के युवाओं को अवसर मिले और विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरा जा सके.
सीएम ने जाहिर की बेरोजगारों के प्रति सरकार की मंशा
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार पूरी तत्परता से सभी विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए प्रयासरत है. नियुक्ति से संबंधित नियमावलियों में जो विसंगतियां हैं, उन्हें जल्द दूर किया जाए. सरकार साल 2021 के अंत तक विभागों के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने के उद्देश्य से कार्य कर रही है, जिससे मानव बल की कमी के कारण जो विकासात्मक कार्य प्रभावित हो रहे हैं, उससे निजात पाया जा सके. खास बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने खुद ट्वीट कर बेरोजगारों के प्रति सरकार की मंशा जाहिर की है.
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युवाओं ने सरकार के खिलाफ छेड़ रखा है आंदोलन
बता दें कि हेमंत सरकार ने साल 2021 को नियुक्ति साल के रूप में घोषित किया था, लेकिन किसी भी विभाग में विज्ञापन और परीक्षा आयोजित कर एक भी पद नहीं भरा जा सका है. इसको सरकार की नाकामी बताकर मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा (BJP) हमेशा घेरती रही है. इन दिनों 'झारखंडी युवा मांगे रोजगार' हेस्टैग के साथ युवाओं ने सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है. लाखों छात्रों के इस अभियान से जुड़ने से यह मामला राष्ट्रीय स्तर का बन गया था.
नई नियमावली बनाने का निर्देश
यही नहीं मुख्यमंत्री ने राज्यकर्मियों की प्रोन्नति में आ रही अड़चनों को दूर करते हुए एक महीने के अंदर नई नियमावली (new manual) बनाने का भी निर्देश दिया है. इसके लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन होगा. समिति एससी/एसटी के प्रतिनिधित्व का अध्ययन कर अपना प्रतिवेदन देगी, जिसके आधार पर नई नियमावली बनेगी.