रांची: चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव और रिम्स निदेशक का बंगला इन दिनों काफी सुर्खियों में है. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड आरजेडी का राजनीतिक केंद्र बना हुआ है. लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने बिहार से लगातार लोग रिम्स निदेशक का केली बंगलो पहुंच रहे हैं, जिसको प्रशासन ने संज्ञान में लिया है. अब इस बंगलो के बाहर राजद कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठा नहीं होने दी जा रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड में हलचल
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड में हलचल देखी जा रही है. सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को रिम्स निदेशक का केली बंगलो में शिफ्ट किए जाने के बाद से यह बंगला काफी चर्चित हो गया है. भारतीय जनता पार्टी समेत तमाम विपक्षी पार्टियों की ओर से राज्य सरकार को घेरा जा रहा है. राज्य सरकार पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि लालू की खातिरदारी में यहां की सरकार जुटी हुई है. लालू से मुलाकात करने जो भी यहां आ रहे हैं वह आसानी से उनसे मुलाकात कर बिहार चले जा रहे हैं. लालू प्रसाद यादव जहां ठहरे हुए हैं, उस बंगले के बाहर लगातार भीड़ जुट रही है, 2 दिनों से यहां पर काफी भीड़ देखी गई थी.
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प्रशासन अलर्ट
इतना ही नहीं तेज प्रताप यादव भी अपने समर्थकों के साथ यहां पहुंचे थे और इसे लेकर भी विपक्षों ने राज्य सरकार को जमकर लताड़ा था. हालांकि प्रशासन की ओर से फिलहाल केली बंगलो के बाहर भीड़ इकट्ठा नहीं होने दिया जा रहा है. मामले को लेकर रांची डीसी छवि रंजन ने कहा है कि जो भी लोग अब बिहार से यहां पहुंचेंगे, उन्हें पकड़कर क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. बुधवार को जब ईटीवी की टीम रिम्स निदेशक के बंगलो के पास पहुंची तो वहां का नजारा बदला सा था. समर्थकों की भीड़ नहीं थी, बिहार नंबर के कई वाहन बंगले के बाहर खड़ी जरूर दिखी. सफेद कुर्ताधारी नेता भी दिखे लेकिन बंगलो के आसपास प्रशासन ने उन्हें फटकने नहीं दिया. इस मामले में अब प्रशासन थोड़ा सजग दिख रहा है.