रांची: वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में पिछले एक महीने में दूसरी बार अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है. गुरुवार को विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी करते हुए कई अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
ये भी पढ़ें- झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण कार्य में रुकावट से नाराज
किन-किन अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार
- आशीष रावत: अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण अधिकारी आशीष रावत को अतिरिक्त प्रभार देते हुए मानव संसाधन विकास के प्रधान मुख्य वन संरक्षक की जिम्मेदारी दी गई है.
- सत्यजीत सिंह: संथाल परगना के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक और निदेशक प्रसार वानिकी सत्यजीत सिंह को अगले आदेश तक अतिरिक्त प्रभार देते हुए उत्तरी छोटा नागपुर, पलामू, हजारीबाग का अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं निदेशक प्रसार वानिकी की जिम्मेदारी मिली है.
- अशोक कुमार: मुख्य वन संरक्षक, कार्मिक (राजपत्रित) अशोक कुमार को भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान का निदेशक और मुख्य वन संरक्षक के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
- जबर सिंह: पूर्वी सिंहभूम के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक जबर सिंह को अपने कार्यों के अलावा जमशेदपुर-चाईबासा अंचल के वन संरक्षक और कार्य नियोजन अधिकारी के अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी दी गई है.
- सतीश चंद्र राय: दुमका क्षेत्र के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक सतीश चंद्र राय अब अपने कार्य के अलावा वन संरक्षक प्रादेशिक अंचल दुमका और प्रादेशिक अंचल देवघर के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे.
- जेपी केसरी: हजारीबाग के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक जेपी केसरी अपने दायित्वों के अलावे हजारीबाग के प्रादेशिक अंचल के मुख्य वन संरक्षक के रूप में अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे.
- विमल लकड़ा: धनबाद वन प्रमंडल के पदाधिकारी विमल लकड़ा अपने कार्यों के अलावा बोकारो के प्रादेशिक अंचल के वन संरक्षक के रूप में अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे.
- ममता प्रियदर्शी: भारतीय वन सेवा की पदाधिकारी और जमशेदपुर वन प्रमंडल के इंचार्ज ममता प्रियदर्शी को भी अगले आदेश तक चाईबासा और जमशेदपुर के प्रादेशिक अंचल के वन संरक्षक के रूप में अतिरिक्त प्रभार मिला है. इनके अलावा राज्य में कुल 18 पदाधिकारियों को नई जिम्मेदारी दी गई है.
बेहतर होंगे हालात
जाहिर है झारखंड वन प्रधान राज्य है, इसीलिए यहां पर वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग काफी महत्व रखता है. झारखंड में जंगलों की रक्षा और प्रकृति की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इसी विभाग के पास है. ऐसे में इस विभाग के अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार देने से आने वाले समय में झारखंड में पर्यावरण के क्षेत्र में बेहरतर परिणाम की उम्मीद की जा सकती है.