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राज्यसभा हार्स ट्रेडिंग मामला: सीएम रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और अजय कुमार की बढ़ी मुसीबतें, PC एक्ट के तहत चलेगा केस

राज्यसभा चुनाव 2016 में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ अब कार्रवाई शुरू होगी. इसके लिए सीएम ने मंजूरी दे दी है.

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एडीजी अनुराग गुप्ता
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Published : May 26, 2021, 10:20 AM IST

रांची: साल 2016 राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ प्रीवेंशन आफ करप्शन एक्ट के तहत मामला चलेगा. राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में चुनाव को प्रभावित करने के मामले में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 7 और 13 (1) (डी) और 13 (2) व आईपीसी 120 (बी) के तहत कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- राज्यसभा हॉर्स ट्रेडिंग मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को क्या दिया आदेश? पढ़ें पूरी रिपोर्ट


सीएम की सहमति मिलने का था इंतजार
राज्यसभा चुनाव 2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में रांची के जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (पीसी एक्ट) यानी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं भी जुड़ेंगी. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी मंजूरी दे दी है. पीसी एक्ट के तहत मामला चलाने का आदेश वर्ष 2016 में राज्यसभा चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में दी गई थी. इसमें अनुराग गुप्ता और अजय कुमार को प्राथमिक अभियुक्त माना गया है, जबकि रघुवर दास को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है.

जानकारों के अनुसार पीसी एक्ट किसी व्यक्ति विशेष पर नहीं लगेगा, बल्कि उक्त केस में जुड़ेगा. अब पीसी एक्ट लगने के बाद जांच में अगर कोई दोषी मिलेगा तब ही उसके खिलाफ पीसी एक्ट में कार्रवाई होगी. अब तक उक्त केस में किसी पर आरोप फाइनल नहीं हो सका है.

निलंबित हो चुके है एडीजी अनुराग
राज्य सरकार ने इससे पहले 14 फरवरी को अनुराग गुप्ता को जगन्नाथपुर थाने में दर्ज केस के आधार पर निलंबित कर दिया था. 26 मार्च 2016 को राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में तत्कालीन स्पेशल ब्रांच एडीजी अनुराग गुप्ता व तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. भारत निर्वाचन आयोग ने दोनों के खिलाफ चुनाव को प्रभावित करने से जुड़ी असंज्ञेय धाराओं में कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की थी. पीसी एक्ट जुड़ने के बाद मामले में दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान है.

क्या है पूरा मामला
साल 2016 में राज्यसभा चुनाव के बाद बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो टेप जारी किया था. इस कथित टेप में एडीजी अनुराग गुप्ता, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी, उनके पति योगेंद्र साव के बीच बातचीत की बात सामने आई थी. मामला सामने आने के बाद पूरे मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी. प्रथम दृष्टया जांच के बाद आयोग ने एफआईआर का आदेश दिया था. गृह विभाग के अवर सचिव अवधेश ठाकुर के बयान पर सरकार ने तब मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में फरवरी महीने में अनुराग गुप्ता के निलंबन के बाद राज्य सरकार ने विभागीय कार्रवाई शुरू की थी.

रांची: साल 2016 राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ प्रीवेंशन आफ करप्शन एक्ट के तहत मामला चलेगा. राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में चुनाव को प्रभावित करने के मामले में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 7 और 13 (1) (डी) और 13 (2) व आईपीसी 120 (बी) के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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सीएम की सहमति मिलने का था इंतजार
राज्यसभा चुनाव 2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में रांची के जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (पीसी एक्ट) यानी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं भी जुड़ेंगी. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी मंजूरी दे दी है. पीसी एक्ट के तहत मामला चलाने का आदेश वर्ष 2016 में राज्यसभा चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में दी गई थी. इसमें अनुराग गुप्ता और अजय कुमार को प्राथमिक अभियुक्त माना गया है, जबकि रघुवर दास को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है.

जानकारों के अनुसार पीसी एक्ट किसी व्यक्ति विशेष पर नहीं लगेगा, बल्कि उक्त केस में जुड़ेगा. अब पीसी एक्ट लगने के बाद जांच में अगर कोई दोषी मिलेगा तब ही उसके खिलाफ पीसी एक्ट में कार्रवाई होगी. अब तक उक्त केस में किसी पर आरोप फाइनल नहीं हो सका है.

निलंबित हो चुके है एडीजी अनुराग
राज्य सरकार ने इससे पहले 14 फरवरी को अनुराग गुप्ता को जगन्नाथपुर थाने में दर्ज केस के आधार पर निलंबित कर दिया था. 26 मार्च 2016 को राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में तत्कालीन स्पेशल ब्रांच एडीजी अनुराग गुप्ता व तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. भारत निर्वाचन आयोग ने दोनों के खिलाफ चुनाव को प्रभावित करने से जुड़ी असंज्ञेय धाराओं में कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की थी. पीसी एक्ट जुड़ने के बाद मामले में दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान है.

क्या है पूरा मामला
साल 2016 में राज्यसभा चुनाव के बाद बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो टेप जारी किया था. इस कथित टेप में एडीजी अनुराग गुप्ता, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी, उनके पति योगेंद्र साव के बीच बातचीत की बात सामने आई थी. मामला सामने आने के बाद पूरे मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी. प्रथम दृष्टया जांच के बाद आयोग ने एफआईआर का आदेश दिया था. गृह विभाग के अवर सचिव अवधेश ठाकुर के बयान पर सरकार ने तब मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में फरवरी महीने में अनुराग गुप्ता के निलंबन के बाद राज्य सरकार ने विभागीय कार्रवाई शुरू की थी.

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