रांची: राजधानी रांची के पंडरा में 26 सितंबर को एक युवक के सिर में अपराधियों ने दो गोली थी. गोली लगने के बाद घायल युवक रात भर सड़क पर ही तड़पता रहा. सुबह जब उसके परिजनों को सूचना मिली तो आनन फानन में उसे रिम्स में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने उसकी जान बचा ली.
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रिम्स में घायल युवक का इलाज चल ही रहा था, तभी परिजन के किसी सदस्य ने निजी अस्पताल में ले जाने का निर्णय लिया. निजी अस्पताल ने घायल युवक की स्थिति को देखते हुए इलाज के लिए हाथ खड़े कर दिए. जिसके बाद घायल के परिजन एक बार फिर से उसे रिम्स ले आए. जहां न्यूरो विभाग के डॉक्टरों ने उनकी उम्मीद बढ़ाई ऑपरेशन किया.
रिम्स के वरिष्ठ डॉक्टर सीबी सहाय के निगरानी में मरीज का ऑपरेशन चला. डॉक्टर ने बताया कि पहली गोली सिर के पिछले हिस्से से घुसी और ब्रेन को डैमेज करते हुए सिर के सामने की हड्डी में जाकर टकराई. वहीं, दूसरी गोली सिर के पीछे बाएं कान और सिर के अंदर के हिस्से को क्षति पहुंचाते हुए बाएं आंख के पास जाकर फंस गई.
मरीज की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर सीबी सहाय और उनके टीम के सहयोगी चिकित्सकों ने मरीज के सिर का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया. डॉ विकास, कुमार, डॉ सौरभ बेसरा, डॉ दीपक, डॉ रवि, डॉक्टर मयंक, नेत्र विभाग के डॉक्टर दीपक लकड़ा, डॉक्टर शहनाज, डॉक्टर कुलदीप, डॉ धीरज, एनेस्थीसिया टीम की डॉक्टर अर्चना, डॉक्टर कार्तिक, डॉ प्रियदर्शनी, ओटी टेक्नीशियन और स्टाफ नर्स में सुनील आनंद, प्रभात कुमार, मंटू, सरोज, मधु, दीपा और विनीता के प्रयास से पूरे ऑपरेशन को सफल बनाया गया.
डॉ सीबी सहाय ने बताया कि यह ऑपरेशन निश्चित रूप से जटिल था, लेकिन उन्हें अपनी टीम पर भरोसा था. इसी भरोसे के साथ उन्होंने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया और ऑपरेशन करने का निर्णय सही रहा. फिलहाल मरीज के सिर से दोनों गोली निकाल दी गई है. मरीज के सिर की सूजन को कम करने के लिए आईसीयू में रखा गया है और जल्द ही मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा.
ऑपरेशन टीम में शामिल डॉक्टर विकास ने बताया कि इस तरह के जटिल ऑपरेशन को करना निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि है. दो गोली लगने के बाद मरीज को जिंदा बचाना रिम्स ही नहीं राज्य के रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस में शामिल है.