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रांची: इंस्टीट्यूट प्रबंधक के खिलाफ ठगी का आरोप, ST-SC थाने में मामला दर्ज - Shine Abdurrazzak Ansari Institute of Health Education and Research Center ranchi

शाइन अब्दुर्रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर ओयना के इंस्टीट्यूट प्रबंधक के खिलाफ एसटी-एससी थाने में मामला दर्ज. डिप्लोमा की एक छात्रा ने एसटी-एससी थाने में एफआइआर दर्ज कराई. प्रबंधक पर पैसा ठगने और जाति सूचक गाली देने का है आरोप.

ST-SC थाना, रांची
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Published : Jul 30, 2019, 7:22 AM IST

Updated : Jul 30, 2019, 9:31 AM IST

रांची: शाइन अब्दुर्रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में सत्र 2017-20 के डिप्लोमा इन मेडिकल लैंब टेक्निशियन (डीएमएलटी) की एक छात्रा ने इंस्टीट्यूट प्रबंधक के खिलाफ एसटी-एससी थाने में एफआइआर दर्ज कराई है.

खुशबू नाम की छात्रा ने यह आरोप लगाया है कि संस्थान में दाखिला के दो वर्षों बाद तक एक भी परीक्षा नहीं लिया गया. जब वह इस बात की जानकारी लेने अपने सहपाठियों के साथ सेक्रेटरी के पास गई, तो उसे जातिसूचक गालियां देते हुए धमकी दी गई.

दो वर्ष पूर्व ली थी दाखिला

खुशबू वर्ष 2017 सितंबर में इरबा के ओयना रोड स्थित शाइन अब्दुर्रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट में डीएमएलटी कोर्स के लिए दाखिला ली थी. दाखिला से अबतक फीस के रूप में 1.58 लाख रुपये जमा करवा चुकी है. इसमें कोर्स फीस के साथ हॉस्टल फीस भी शामिल है. कोर्स की शर्तों के अनुसार प्रत्येक छह माह में सेमेस्टर परीक्षा होना था. जबकि दो वर्ष बीत जाने के बाद भी आजतक कोई परीक्षा नहीं लिया गया.

ये भी पढ़ें:- रामगढ़ः प्लंबर हत्याकांड का खुलासा, आपसी रंजिश में की गई थी हत्या

दो वर्ष तक की परीक्षा फीस भी जमा हो चुका है

छात्रा खुशबू के अनुसार इंस्टीट्यूट द्वारा सभी छात्राओं से 2 वर्ष की परीक्षा फीस भी अबतक ले लिया गया है. कई बार पूछने पर बताया जाता है कि अब जल्द ही परीक्षा होगी, पर हमेशा ऐसा कह कर टाला जाता रहा है. लेकिन यहां की सभी छात्राएं परेशान हैं. कई छात्राएं तो हॉस्टल छोड़कर चली भी गई हैं.

रांची: शाइन अब्दुर्रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में सत्र 2017-20 के डिप्लोमा इन मेडिकल लैंब टेक्निशियन (डीएमएलटी) की एक छात्रा ने इंस्टीट्यूट प्रबंधक के खिलाफ एसटी-एससी थाने में एफआइआर दर्ज कराई है.

खुशबू नाम की छात्रा ने यह आरोप लगाया है कि संस्थान में दाखिला के दो वर्षों बाद तक एक भी परीक्षा नहीं लिया गया. जब वह इस बात की जानकारी लेने अपने सहपाठियों के साथ सेक्रेटरी के पास गई, तो उसे जातिसूचक गालियां देते हुए धमकी दी गई.

दो वर्ष पूर्व ली थी दाखिला

खुशबू वर्ष 2017 सितंबर में इरबा के ओयना रोड स्थित शाइन अब्दुर्रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट में डीएमएलटी कोर्स के लिए दाखिला ली थी. दाखिला से अबतक फीस के रूप में 1.58 लाख रुपये जमा करवा चुकी है. इसमें कोर्स फीस के साथ हॉस्टल फीस भी शामिल है. कोर्स की शर्तों के अनुसार प्रत्येक छह माह में सेमेस्टर परीक्षा होना था. जबकि दो वर्ष बीत जाने के बाद भी आजतक कोई परीक्षा नहीं लिया गया.

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दो वर्ष तक की परीक्षा फीस भी जमा हो चुका है

छात्रा खुशबू के अनुसार इंस्टीट्यूट द्वारा सभी छात्राओं से 2 वर्ष की परीक्षा फीस भी अबतक ले लिया गया है. कई बार पूछने पर बताया जाता है कि अब जल्द ही परीक्षा होगी, पर हमेशा ऐसा कह कर टाला जाता रहा है. लेकिन यहां की सभी छात्राएं परेशान हैं. कई छात्राएं तो हॉस्टल छोड़कर चली भी गई हैं.

Intro:शाइन अब्दुर्रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर के सेके्रटरी आरिफ अहमद अंसारी के खिलाफ एसटी-एससी थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई है। एफआइआर डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्निशियन (डीएमएलटी) की छात्रा खुशबू कुमारी मिंज ने दर्ज कराई है। खुशबू रामगढ़ जिले के मांडू की रहने वाली है। छात्रा ने आरोप लगाया है कि संस्थान में दाखिला के दो वर्षों बाद तक एक भी परीक्षा नहीं लिया गया है। इस बात की जानकारी लेने जब खुशबू अपनी सहपाठियों के साथ सेक्रेटरी के पास गई, तो उसे जातिसूचक गालियां देते हुए धमकी दी गई। इसके अलावा छात्र-छात्राओं मूल प्रमाण पत्र भी जमा करवा लिया गया है। इन आरोपों को लेकर ठगी और जातिसूचक गाली देने के आरोप में एफआइआर दर्ज की गई है। पुलिस ने पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है। 


दो वर्ष पूर्व ली थी दाखिला

छात्रा खुशबू ने बताया कि वह वर्ष 2017 के सितंबर में इरबा ओयना रोड शाइन अब्दुर्रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में डीएमएलटी कोर्स के लिए दाखिला ली थी। उसका सेशन वर्ष 2017-20 है। दाखिला से लेकर अबतक 1.58 लाख रुपये जमा करवा चुकी है। इसमें कोर्स फीस के साथ हॉस्टल फीस भी जुटा है। फीस के रूप में 60 रुपये जमा करवा चुकी है। दाखिला व कोर्स की शर्तों के अनुसार प्रत्येक छह माह में सेमेस्टर परीक्षा होना था। दो वर्ष बीत गए। उन्हें पढ़ाया गया, लेकिन कोई परीक्षा नहीं ली गई। यही हाल सीनियर बैच की छात्राओं के साथ भी था। वर्ष 2017-20 बैच में 25 छात्र-छात्राएं हैं। सभी से ठगी की गई है। 


दो वर्ष की परीक्षा का भी लिया फीस 

छात्रा खुशबू के अनुसार सभी छात्राओं ने दो वर्ष की परीक्षा का फीस भी लिया गया है। दो बार में एक-एक हजार रुपये का चालान भी काटा गया। कई बार पूछने पर पूछा गया कि अब परीक्षा होगा। हमेशा टाला जाता रहा। सभी छात्राएं परेशान रहीं। कई छात्राएं हॉस्टल छोड़कर चली गई हैं। 

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Last Updated : Jul 30, 2019, 9:31 AM IST
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