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यूनियन बैंक के 4.75 करोड़ गायब करने का आरोपी बिहार से गिरफ्तार, 50 लाख बरामद - रांची के यूनियन बैंक से 4.75 करोड़ गायब

रांची के सदर थाना क्षेत्र के कोकर इलाके के एटीएम में पैसा भरने वाली एजेंसी को झांसा देकर फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही 50 लाख रूपए बरामद किए हैं.

यूनियन बैंक के 4.75 करोड़ गायब करने का आरोपी बिहार से गिरफ्तार
यूनियन बैंक के 4.75 करोड़ गायब करने का आरोपी बिहार से गिरफ्तार
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Published : Dec 9, 2020, 11:01 PM IST

रांची: जिले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र के कोकर इलाके के एटीएम में पैसा भरने वाली एजेंसी को झांसा देकर फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार किया है.

लंबे समय से फरार

आरोपी रूट नंबर 106 के 20 एटीएम में से चार करोड़ 75 लाख 3 हजार रुपये गबन कर फरार चल रहा था. आरोपी को रांची पुलिस ने बिहार के मधेपुर जिले के घैलाढ़ से गिरफ्तार किया है, जिसका नाम प्रभाष कुमार है. पुलिस ने उसके निशानदेही पर गबन के 47 लाख 96 हजार 5 सौ रूपये भी बरामद हुए हैं.

कोर्ट में किया गया पेश

गिरफ्तारी के बाद रांची पुलिस आरोपी को मधेपुरा सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद रांची लाया गया. आरोपित को पुलिस रांची लाकर गबन को लेकर पूछताछ कर रही है.

हेराफेरी का आरोप

ये मामला 2019 का है, काेकर इलाके के एटीएम में पैसा भरने वाली प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी आपसी मिलीभगत से बैंक के 4 करोड़ 75 लाख तीन हजार रुपये का गबन कर लिया था, इसे लेकर एसआईएस प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी कंचन ओझा ने सदर थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी. दर्ज एफआईआर में कंपनी के ही कस्टोडियन पर हेराफेरी का आरोप लगाया था.

एटीएम में पैसा भरने की जिम्मेदारी

पुलिस को दिए जानकारी में कंपनी के अधिकारी कंचन ओझा ने बताया था कि कोकर के रूट नंबर 106 के अंतर्गत आने वाले 20 एटीम में कैश भरने की जिम्मेदारी उनकी एजेंसी को दी गई है. सुपौल के थरबिटिया निवासी गणेश कुमार और समस्तीपुर मुसरीघरारी निवासी शिवकुमार को एजेंसी की ओर से बतौर कस्टोडियन बनाया गया था और उन्हीं के ऊपर एटीएम में पैसा भरने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

ये भी पढ़ें-कृषि कानूनों के विरोध पर स्मृति ईरानी ने विपक्ष को लिया आड़े हाथ, देखें वीडियो

खुला हेराफेरी का राज

पैसे के गबन की जानकारी कंपनी के इंटरनल ऑडिट से हुई. दरअसल, 15 दिसंबर 2019 से दोनों कस्टोडियन का मोबाइल ऑफ आ रहा था. इससे कंपनी के अधिकारियों को चिंता हुई. काफी प्रयास के बाद भी जब दोनों से संपर्क नहीं हो सका, तो ऑडिट कराया गया, जिसमें चार करोड़ 75 लाख तीन हजार रुपये कम मिले.

लंबे समये से तलाश

पुलिस पूछताछ में आरोपित प्रभाष ने बताया कि गबन के आरोप में जेल में बंद अपने भतीजे विपिन से मिलने पहुंचा, तो उसने छिपा कर रखे 50 लाख रूपये की जानकारी दी. उसी के कहने पर 50 लाख रूपये लेकर घर चला गया. इससे पहले एक अन्य आरोपित ने भी पुलिस को प्रभाष का नाम बताया. इसी के बाद से उसकी तलाश की जा रही थी

रांची: जिले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र के कोकर इलाके के एटीएम में पैसा भरने वाली एजेंसी को झांसा देकर फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार किया है.

लंबे समय से फरार

आरोपी रूट नंबर 106 के 20 एटीएम में से चार करोड़ 75 लाख 3 हजार रुपये गबन कर फरार चल रहा था. आरोपी को रांची पुलिस ने बिहार के मधेपुर जिले के घैलाढ़ से गिरफ्तार किया है, जिसका नाम प्रभाष कुमार है. पुलिस ने उसके निशानदेही पर गबन के 47 लाख 96 हजार 5 सौ रूपये भी बरामद हुए हैं.

कोर्ट में किया गया पेश

गिरफ्तारी के बाद रांची पुलिस आरोपी को मधेपुरा सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद रांची लाया गया. आरोपित को पुलिस रांची लाकर गबन को लेकर पूछताछ कर रही है.

हेराफेरी का आरोप

ये मामला 2019 का है, काेकर इलाके के एटीएम में पैसा भरने वाली प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी आपसी मिलीभगत से बैंक के 4 करोड़ 75 लाख तीन हजार रुपये का गबन कर लिया था, इसे लेकर एसआईएस प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी कंचन ओझा ने सदर थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी. दर्ज एफआईआर में कंपनी के ही कस्टोडियन पर हेराफेरी का आरोप लगाया था.

एटीएम में पैसा भरने की जिम्मेदारी

पुलिस को दिए जानकारी में कंपनी के अधिकारी कंचन ओझा ने बताया था कि कोकर के रूट नंबर 106 के अंतर्गत आने वाले 20 एटीम में कैश भरने की जिम्मेदारी उनकी एजेंसी को दी गई है. सुपौल के थरबिटिया निवासी गणेश कुमार और समस्तीपुर मुसरीघरारी निवासी शिवकुमार को एजेंसी की ओर से बतौर कस्टोडियन बनाया गया था और उन्हीं के ऊपर एटीएम में पैसा भरने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

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खुला हेराफेरी का राज

पैसे के गबन की जानकारी कंपनी के इंटरनल ऑडिट से हुई. दरअसल, 15 दिसंबर 2019 से दोनों कस्टोडियन का मोबाइल ऑफ आ रहा था. इससे कंपनी के अधिकारियों को चिंता हुई. काफी प्रयास के बाद भी जब दोनों से संपर्क नहीं हो सका, तो ऑडिट कराया गया, जिसमें चार करोड़ 75 लाख तीन हजार रुपये कम मिले.

लंबे समये से तलाश

पुलिस पूछताछ में आरोपित प्रभाष ने बताया कि गबन के आरोप में जेल में बंद अपने भतीजे विपिन से मिलने पहुंचा, तो उसने छिपा कर रखे 50 लाख रूपये की जानकारी दी. उसी के कहने पर 50 लाख रूपये लेकर घर चला गया. इससे पहले एक अन्य आरोपित ने भी पुलिस को प्रभाष का नाम बताया. इसी के बाद से उसकी तलाश की जा रही थी

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