रांची: मैनहर्ट कंपनी को सिवरेज ड्रेनेज निर्माण में परामर्शी बनाने में हुए कथित अनियमितता की जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो ने राज्य सरकार से इजाजत मांगी है. एसीबी ने इस संबंध में मंत्रिमंडल, निगरानी व सचिवालय विभाग के सचिव को पत्र लिखा है.
क्या है पूरा मामला
रांची में सिवरेज ड्रेनेज निर्माण की डीपीआर बनाने के लिए मैनहर्ट का चयन हुआ था. इस मामले में 31 जुलाई को विधायक सरयू राय ने एसीबी में आवेदन देकर डीजी नीरज सिन्हा से जांच की मांग की थी. मैनहर्ट मामले में पूर्व सीएम और मैनहर्ट को परामर्शी बनाने के दौरान नगर विकास मंत्री रहे सरयू राय, पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा समेत अन्य के खिलाफ जांच का अनुरोध किया गया था. एसीबी को मैनहर्ट मामले में विभाग से जांच की इजाजत मिली, तो पहले पीई दर्ज किया जाएगा. पीई जांच के बाद आए तथ्यों के आधार पर ही एफआईआर दर्ज होगा.
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क्या है सरयू राय का आरोप
सरयू राय का आरोप है कि मैनहर्ट की नियुक्ति में नगर विकास मंत्री रहते हुए रघुवर दास ने गड़बड़ी की. एसीबी को 18 बिंदुओं पर जांच के लिए सरयू राय ने आवेदन दिया था. आवेदन में बताया गया है कि 17 अगस्त 2005 को मैनहर्ट को परामर्शी बनाने का अनुचित आदेश दिया गया. मैनहर्ट कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया. तकनीकी शर्तों के साथ फर्जीवाड़ा का आरोप भी लगाया गया. आरोप यह भी है कि काम सिंगापुर की असली मैनहर्ट को नहीं देकर भारत में इसी नाम से बनायी संस्था को दिया गया. सरयू राय ने नगर निगम और मैनहर्ट के बीच समझौते को भी अनुचित बताया गया था.