रांची: साल 2016 में झारखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित मुख्य समारोह में गायिका सुनिधि चौहान के कार्यक्रम और विद्यालयों में बच्चों के बीच टी-शर्ट, मिठाई और टॉफी वितरण में बरती गई अनियमितता की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी करेगी . मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अनियमितता की मिली शिकायतों के मद्देनजर एसीबी जांच के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.
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आपको बता दें कि इस साल 2016 के राज्य स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में हुई वित्तीय अनियमितता को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका सुनवाई के लिए विचाराधीन है. पिछले माह 11 जनवरी को इसी मसले पर निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम खुला पत्र लिखा था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि राज्य स्थापना दिवस समारोह-2016 के अवसर पर टॉफी, टी-शर्ट की खरीद और सुनिधि चौहान का कार्यक्रम आयोजित करने में तत्कालीन मुख्यमंत्री (रघुवर दास) सचिवालय की संलिप्तता के कारण लाखों रुपए के सरकारी धन का वारा-न्यारा होने के ठोस प्रमाण उपलब्ध कराया था. इस बारे में विधानसभा पटल पर आपने एसीबी जांच कराने का आश्वासन भी दिया था.
उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा था कि ऐसी नौबत न आये कि जो कार्रवाई सरकार को करनी चाहिये उसके लिये हमें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिये मजबूर होना पड़े. अब देखना है कि सरकार के स्टैंड पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास समेत पार्टी का क्या स्टैंड सामने आता है?
रघुवर दास की प्रतिक्रिया: स्थापना दिवस समारोह के नाम पर हुई वित्तीय अनियमितता की एसीबी से जांच के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे बताया है. उन्होंने कहा है कि हमने 5 साल ईमानदार सरकार और ईमानदार प्रशासन दिया है. इसके बावजूद अगर किसी को लगता है कि कोई गड़बड़ी हुई है, तो किसी भी जांच का मैं स्वागत करता हूं. सांच को आंच क्या? इस सरकार ने विधानसभा में स्वयं स्वीकार किया था कि इस मामले में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है. अभी हाल के दिनों में ही मैंने सरकार पर कुछ गंभीर सवाल उठाए थे, शायद निशाना सही जगह लगा है.