रांचीः रेलवे प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. सोमवार को एक यात्री रांची से अमृतसर जा रहा था और ट्रेन में चढ़ने के बाद बेहोश हो गया, लेकिन किसी ने इस यात्री को सुध नहीं लिया और नहीं कोई चिकित्सक पहुंचा. आनन-फानन में यात्री को गुरु नानक अस्पताल भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गई.
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कोरोना महामारी के दौरान एक तरफ मदद के हाथ उठ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर मानवता भी लगातार शर्मसार हो रही है. सिस्टम चलाने वाले लोग बेपरवाह और लापरवाह ही है. स्थिति यह है कि कोई नजर के सामने बेहोश होकर गिर जाए, तो उसे छूना तो दूर देखने वाला कोई नहीं है.
ट्रेन में चढ़ने के दौरान हुए बेहोश
मिली जानकारी के अनुसार एक यात्री रांची रेलवे स्टेशन से अमृतसर जा रहा था. ट्रेन में चढ़ते के दौरान ही बेहोश होकर गिर गया. प्लेटफॉर्म पर खड़े कुछ यात्रियों ने शोरगुल किया, तो एक घंटे बाद रेलवे अस्पताल के डॉक्टर देखने पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
ऑटो से भेजा गया गुरु नानक अस्पताल
चिकित्सक जब घंटे बाद स्टेशन पंहुच, तो सांस चल रही थी. इसके बाद ऑटो की मदद से गुरु नानक अस्पताल भेजा गया. यह स्थिति तब है, जब हाल में ही रांची जिला प्रशासन की ओर से रेलवे को एक एंबुलेंस मुहैया कराया गया था. लेकिन, कहीं एंबुलेंस नहीं दिखी और ऑटो से बेहोश यात्री को अस्पताल भेजा गया. मृतक की पहचान जगतार सिंह के रूप में की गई है, जो पंजाब के अमृतसर जिले के तरनतारन का रहने वाला था.