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रांचीः डॉक्टर ने रचा कीर्तिमान, 15 साल से बंद मुंह का सफल ऑपरेशन कर दी नई जिंदगी

गुमला की रहने वाली एक मरीज का पिछले 15 सालों से मुंह नहीं खुल रहा था. वह सिर्फ तरल पदार्थ पर जिंदा थी, लेकिन रांची के एक निजी क्लीनिक के डॉक्टर अनुज कुमार ने उसका सफल ऑपरेशन कर उसे एक नई जिंदगी दे दी है. चिकित्सा के क्षेत्र में झारखंड के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है.

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Published : Nov 22, 2020, 7:59 AM IST

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डॉक्टर ने रचा कीर्तिमान

रांची: चिकित्सा के क्षेत्र में झारखंड लगातार नई उपलब्धि प्राप्त कर रहा है, जिसका जीता जागता उदाहरण राजधानी के एक निजी अस्पताल में देखने को मिला. रांची के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर अनुज कुमार ने एक जटिल ऑपरेशन कर 16 वर्ष की युवती के जीवन में फिर से खुशियां वापस ला दी है. गुमला की रहने वाली एक 16 वर्षीय मरीज का मुंह पिछले 15 सालों से बंद था. वह अपना मुंह नहीं खोल पा रही थी, जिसके कारण अब तक सिर्फ तरल पदार्थ पर ही खुद को जिंदा रखी हुई थी.

देखें पूरी खबर


मरीज काफी गरीब है, उसके बाद भी उनके परिजनों ने इलाज में अपने स्तर से कोई कसर नहीं छोड़ा. मरीज को रांची ही नहीं, बल्कि राज्यों और आसपास के सभी बड़े अस्पतालों में दिखाया गया लेकिन सर्जरी की जटिलता को देखकर कोई भी डॉक्टर ऑपरेशन करने की जिम्मेदारी नहीं ले रहा था. कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद परिजन ने अंतिम में राजधानी के एक निजी अस्पताल हेल्थ प्वाइंट में कार्यरत मैक्सिलोफेसियल सर्जन डॉ अनुज कुमार से संपर्क किया, जहां उन्हें उम्मीद की एक किरण दिखी, क्योंकि डॉक्टर अनुज कुमार ने यह जटिल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया.

इसे भी पढे़ं:- अपहृत बच्ची को पुलिस ने किया बरामद, आरोपी महिला गिरफ्तार

डॉक्टर अनुज कुमार ने बताया कि यह ऑपरेशन कई मायनों में खास था, क्योंकि ऐसी परिस्थिति में जहां मरीज मुंह नहीं खोल पाता वैसे में एनेस्थीसिया देना बहुत कठिन हो जाता है. लेकिन अस्पताल के वरिष्ठ एनएसथेटिस्ट डॉक्टर ओपी श्रीवास्तव ने फाइबर ऑप्टिकल की मदद से मरीज को बेहोश किया, मरीज के बेहोश होने के बाद लगभग 4 घंटे की जटिल सर्जरी में डॉ अनुज कुमार ने मस्तिष्क और जबड़े की हड्डी को अलग कर दिया जो की पूरी तरह से सफल रहा है. वहीं ऑपरेशन सफल होने के बाद परिजनों ने भी संतुष्टि जाहिर की.

रांची: चिकित्सा के क्षेत्र में झारखंड लगातार नई उपलब्धि प्राप्त कर रहा है, जिसका जीता जागता उदाहरण राजधानी के एक निजी अस्पताल में देखने को मिला. रांची के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर अनुज कुमार ने एक जटिल ऑपरेशन कर 16 वर्ष की युवती के जीवन में फिर से खुशियां वापस ला दी है. गुमला की रहने वाली एक 16 वर्षीय मरीज का मुंह पिछले 15 सालों से बंद था. वह अपना मुंह नहीं खोल पा रही थी, जिसके कारण अब तक सिर्फ तरल पदार्थ पर ही खुद को जिंदा रखी हुई थी.

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मरीज काफी गरीब है, उसके बाद भी उनके परिजनों ने इलाज में अपने स्तर से कोई कसर नहीं छोड़ा. मरीज को रांची ही नहीं, बल्कि राज्यों और आसपास के सभी बड़े अस्पतालों में दिखाया गया लेकिन सर्जरी की जटिलता को देखकर कोई भी डॉक्टर ऑपरेशन करने की जिम्मेदारी नहीं ले रहा था. कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद परिजन ने अंतिम में राजधानी के एक निजी अस्पताल हेल्थ प्वाइंट में कार्यरत मैक्सिलोफेसियल सर्जन डॉ अनुज कुमार से संपर्क किया, जहां उन्हें उम्मीद की एक किरण दिखी, क्योंकि डॉक्टर अनुज कुमार ने यह जटिल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया.

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डॉक्टर अनुज कुमार ने बताया कि यह ऑपरेशन कई मायनों में खास था, क्योंकि ऐसी परिस्थिति में जहां मरीज मुंह नहीं खोल पाता वैसे में एनेस्थीसिया देना बहुत कठिन हो जाता है. लेकिन अस्पताल के वरिष्ठ एनएसथेटिस्ट डॉक्टर ओपी श्रीवास्तव ने फाइबर ऑप्टिकल की मदद से मरीज को बेहोश किया, मरीज के बेहोश होने के बाद लगभग 4 घंटे की जटिल सर्जरी में डॉ अनुज कुमार ने मस्तिष्क और जबड़े की हड्डी को अलग कर दिया जो की पूरी तरह से सफल रहा है. वहीं ऑपरेशन सफल होने के बाद परिजनों ने भी संतुष्टि जाहिर की.

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