रांची: बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा और समय रहते उनकी बीमारियों की पहचान करने के लिए राज्य में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 54 लाख बच्चों का और इस वित्तीय वर्ष में 22 लाख बच्चों की स्वास्थ्य जांच (Health Checkup) की गई. जिन बच्चों का हेल्थ चेकअप किया गया उसमें से करीब 02 लाख बच्चों का इलाज दवा के माध्यम से किया गया. वहीं 922 ऐसे बच्चे थे जिन्हें सर्जरी की आवश्यकता थी. ऐसे बच्चों की सर्जरी भी करवाई गई.
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में झारखंड की उपलब्धि की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य निदेशालय के उप निदेशक तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कोषांग प्रभारी डॉ बुका उरांव ने बताया कि राज्य के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों की स्वास्थ्य जांच सभी प्रसव केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र तथा स्कूलों में की जाती है. बच्चों के स्वास्थ्य जांच के लिए झारखंड सरकार द्वारा गठित 280 मोबाईल हेल्थ टीम लगातार काम कर रही है. ये मोबाइल हेल्थ टीम अपने-अपने प्रखंडों के आंगनबाड़ी केंद्रों और विद्यालयों में जाकर बच्चों में होने वाली 40 तरह की चिन्हित बीमारियों के पहचान के लिए स्वास्थ्य जांच करती है.
स्वास्थ्य जांच के क्रम में रोग से ग्रसित पाये गये बच्चों का इलाज किया जाता है और उन्हें सभी दवाइयां भी मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं. गंभीर रोग से ग्रसित बच्चों को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल (District Hospital) तथा चिकित्सा महाविद्यालय (Medical Hospital) रेफर किया जाता है. झारखंड स्वास्थ्य निदेशालय में उपनिदेशक सह राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि झारखंड विद्यालय स्वास्थ्य अभियान का आयोजन 14 नवंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक किया गया था. जिसमे स्कूल में अध्ययनरत कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के बच्चों की स्वास्थ्य की गई.
01 दिसंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक बच्चों के स्वास्थ्य जांच एवं इलाज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा की गई. इस योजना अंतर्गत 21 लाख 94 हजार 106 बच्चों के स्वास्थ्य जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया. जिसके तहत 16 लाख 53 हजार 842 बच्चों की चिकित्सकीय जांच की गई. स्कूल के शिक्षकों के सहयोग से आरबीएसके की टीम की स्क्रीनिंग के बाद 80 हजार 02 बच्चे विभिन्न रोगों से ग्रसित पाए गए. जिसका इलाज मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा की गई तथा गंभीर रोग से ग्रसित बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल एवं चिकित्सा महाविद्यालय में रेफर कर इलाज किया गया है.