रांचीः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि पर रविवार को रांची के धुर्वा स्थित तिरिल आश्रम में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की. दोनों नेताओं ने राज्यवासियों से बापू के दिखाए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की अपील की. दूसरी तरफ मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में महात्मा गांधी के अनुयायी कहे जाने वाले टाना भगतों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की.
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साल 1928 में भारत रत्न राजेंद्र प्रसाद और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रयास से दिल्ली स्थित सर्वोदय आश्रम में छोटानागपुर खादी ग्राम उद्योग की स्थापना की गई थी. 24 एकड़ में फैले इस आश्रम में कभी स्वतंत्रता सेनानियों का जमावड़ा लगा रहता था. लेकिन वक्त के साथ अब इस आश्रम पर सिस्टम की नजर सिर्फ 2 अक्टूबर यानी बापू की जयंती और 30 जनवरी यानी उनके शहादत दिवस के दिन ही पड़ती है.
खास बात है कि हर साल इन तारीखों पर इस आश्रम को कभी कुटीर उद्योग हब के रूप में विकसित करने की बात होती है तो कभी पर्यटन केंद्र के रूप में. लेकिन सच यह है कि तारीख बदलते ही सारे वादे कहीं गुम हो जाते हैं. अहिंसा के बल पर अंग्रेजों से देश को आजाद दिलाने वाले बापू की 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी. महात्मा गांधी का झारखंड से बेहद लगाव था. उन्होंने 1917 से 1940 के बीच 12 बार झारखंड की यात्रा की थी. 1946 का रामगढ़ अधिवेशन सबसे खास था.