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झरिया से 60 हजार लोग होंगे विस्थापित, तीन महीने के अंदर दूसरी जगह किया जाएगा शिफ्ट

धनबाद का झरिया आग के ऊपर बसा है. यहां जमीन के नीचे आग लगी हुई है. आए दिन यहां किसी न किसी इलाके में हादसा होते रहता है. झरिया से जल्द ही 60 हजार लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए तीन महीने का टाइम फ्रेम दिया गया है.

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Published : Jan 12, 2023, 11:01 PM IST

रांचीः झरिया कोलफील्ड इलाके के अग्नि प्रभावित एवं भू-धंसान वाले बेहद खतरनाक इलाकों में रह रहे लगभग 60 हजार लोगों को हटाकर आगामी तीन महीनों के भीतर सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जाएगा. केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा और झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने इस इलाके में कोयले का खनन करने वाली कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और जिला प्रशासन के अफसरों को तीन महीने के टाइम फ्रेम के अंदर यह टास्क पूरा करने का निर्देश दिया है. झरिया कोयलांचल में 70 ऐसी साइट चिन्हित की गई है, जहां जमीन के भीतर मौजूद कोयले में लगी आग बेहद खतरनाक रूप ले चुकी है और आए दिन जमीन धंसने के हादसे हो रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः Central Coal Secretary In Ranchi: जमीन विवाद की वजह से नहीं शुरू हो पा रही हैं झारखंड की कोल माइंस, केंद्रीय कोयला सचिव की मुख्य सचिव के साथ बैठक


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, झरिया में अग्निप्रभावित कुल 595 साइट हैं, लेकिन इनमें से 70 ऐसी है, जहां आबादी का एक पल भी रहना बेहद जोखिम भरा माना जा रहा है. पिछले कुछ सालों में इन इलाकों में अचानक जमीन फटने से मकान, मंदिर, मस्जिद, दुकान आदि के जमींदोज होने की दो दर्जन से भी ज्यादा घटनाएं हुई हैं. ऐसे इलाकों में बरोरा, कतरास, लोदना, पुटकी बलिहारी, कुसुंडा, सिजुआ और बस्ताकोला के क्षेत्र हैं. सबसे पहले इन क्षेत्रों के लोगों को विस्थापित किया जाना है. लगभग 12 हजार परिवारों के 60 हजार लोग बीसीसीएल की ओर से बनाए गए पुनर्वास क्षेत्रों में या फिर अन्यत्र भेजे जाएंगे. इनमें से साढ़े नौ हजार परिवार तो ऐसे हैं, जो कोलियरी की जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा करके रह रहे हैं. इनके अलावा 19 सौ लोग ऐसे हैं, जिनकी यहां पर जमीन और मकान हैं, कोयला कंपनी बीसीसीएल में काम कर रहे पांच सौ लोगों के परिवार भी इन बेहद खतरनाक क्षेत्रों में रह रहे हैं, इन्हें भी अन्यत्र भेजा जाएगा.


केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा और राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने 70 सबसे खतरनाक इलाके वाली आबादी की शिफ्टिंग के मुद्दे पर कोल इंडिया, जिला प्रशासन और बीसीसीएल से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए. बैठक में कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, कोयला मंत्रालय के अवर सचिव, बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता, सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, बीसीसीएल तकनीकी निदेशक संचालन संजय कुमार सिंह, डीटी प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग उदय अनंत कावले, झरिया मास्टर प्लान महाप्रबंधक धमेंद्र मित्तल आदि मौजूद थे. धनबाद उपायुक्त संदीप सिंह भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए.

इनपुटः आईएएनएस

रांचीः झरिया कोलफील्ड इलाके के अग्नि प्रभावित एवं भू-धंसान वाले बेहद खतरनाक इलाकों में रह रहे लगभग 60 हजार लोगों को हटाकर आगामी तीन महीनों के भीतर सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जाएगा. केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा और झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने इस इलाके में कोयले का खनन करने वाली कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और जिला प्रशासन के अफसरों को तीन महीने के टाइम फ्रेम के अंदर यह टास्क पूरा करने का निर्देश दिया है. झरिया कोयलांचल में 70 ऐसी साइट चिन्हित की गई है, जहां जमीन के भीतर मौजूद कोयले में लगी आग बेहद खतरनाक रूप ले चुकी है और आए दिन जमीन धंसने के हादसे हो रहे हैं.

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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, झरिया में अग्निप्रभावित कुल 595 साइट हैं, लेकिन इनमें से 70 ऐसी है, जहां आबादी का एक पल भी रहना बेहद जोखिम भरा माना जा रहा है. पिछले कुछ सालों में इन इलाकों में अचानक जमीन फटने से मकान, मंदिर, मस्जिद, दुकान आदि के जमींदोज होने की दो दर्जन से भी ज्यादा घटनाएं हुई हैं. ऐसे इलाकों में बरोरा, कतरास, लोदना, पुटकी बलिहारी, कुसुंडा, सिजुआ और बस्ताकोला के क्षेत्र हैं. सबसे पहले इन क्षेत्रों के लोगों को विस्थापित किया जाना है. लगभग 12 हजार परिवारों के 60 हजार लोग बीसीसीएल की ओर से बनाए गए पुनर्वास क्षेत्रों में या फिर अन्यत्र भेजे जाएंगे. इनमें से साढ़े नौ हजार परिवार तो ऐसे हैं, जो कोलियरी की जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा करके रह रहे हैं. इनके अलावा 19 सौ लोग ऐसे हैं, जिनकी यहां पर जमीन और मकान हैं, कोयला कंपनी बीसीसीएल में काम कर रहे पांच सौ लोगों के परिवार भी इन बेहद खतरनाक क्षेत्रों में रह रहे हैं, इन्हें भी अन्यत्र भेजा जाएगा.


केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा और राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने 70 सबसे खतरनाक इलाके वाली आबादी की शिफ्टिंग के मुद्दे पर कोल इंडिया, जिला प्रशासन और बीसीसीएल से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए. बैठक में कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, कोयला मंत्रालय के अवर सचिव, बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता, सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, बीसीसीएल तकनीकी निदेशक संचालन संजय कुमार सिंह, डीटी प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग उदय अनंत कावले, झरिया मास्टर प्लान महाप्रबंधक धमेंद्र मित्तल आदि मौजूद थे. धनबाद उपायुक्त संदीप सिंह भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए.

इनपुटः आईएएनएस

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