रांची: सदर अस्पताल में कोरोना के संभावित खतरे से निपटने की तैयारियां शुरू हो गयी है. अस्पताल के नए भवन के पांचवें तल्ले पर 60 बेडेड कोरोना वार्ड बनाया गया है. ये तैयारी शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के साथ झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की ऑनलाइन बैठक के बाद शुरू की गई है. उपाधीक्षक डॉ ए के खेतान ने अस्पताल में उपलब्ध सभी वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन की क्रियाशीलता की टेस्टिंग करने का निर्देश जारी किया है.
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कोरोना को लेकर सदर अस्पताल में की जा रही तैयारियों की जानकारी देते हुए उपाधीक्षक ने कहा कि सभी को यह ख्याल जरूर रखना चाहिए कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में अभी संदिग्धों की RAT और RTPCR टेस्टिंग की जा रही है. जो भी गाइडलाइन मिलेगा, उसका पालन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पांचवें तल्ले पर 60 बेडेड कोरोना वार्ड तैयार रखा गया है. अस्पताल परिसर में पीएम केयर फंड से मिला पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर उपलब्ध है.
800 किलो लीटर/मिनट की क्षमता के दो PSA प्लांट हैं. ये दोनों PSA प्लांट की हवा से 1600 किलो लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनाने की क्षमता है. इसके साथ-साथ पीएम केयर फंड से बने 100 किलो लीटर प्रति मिनट का एक अन्य PSA प्लांट भी सदर अस्पताल में है. इसके अलावा सदर अस्पताल में 235 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन भी है. डॉ ए के खेतान ने बताया कि वैक्सीन नहीं होने की वजह से अभी टीकाकरण नहीं हो पा रहा है, जैसे ही वैक्सीन उपलब्ध होगा, टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा.
राज्यभर में कोरोना से निपटने के लिए ऐसी है व्यवस्था: झारखंड में अभी 15 RT PCR टेस्टिंग लैब है. वहीं 300 ट्रूनेट मशीन भी हैं, जिसका उपयोग कोरोना सैंपल टेस्ट के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा रिम्स में कोरोना जांच, कोबास 68 मशीन, जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की भी व्यवस्था है. झारखंड के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी ना हो, इसके लिए लगभग 120 PSA प्लांट लगे हुए हैं. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लगभग साढ़े बारह हजार बेड कोरोना संक्रमितों के लिए राज्य के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित रखा गया है.