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उम्र कैद की सजा काट रहे 58 कैदी रिहा, CM के आदेश पर मिली रिहाई - आजीवन कारावास की सजा काट रहे 58 कैदी रिहा

रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 58 कैदियों को गुरुवार को रिहा किया गया. झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की अनुसंशा पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की स्वीकृति मिलने पर यह निर्णय लिया गया.

58 prisoners released from Birsa Muda jail in Ranchi
रिहा कैदी
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Published : Jan 23, 2020, 11:13 PM IST

Updated : Jan 24, 2020, 9:34 AM IST

रांची: बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 58 कैदियों को गुरुवार को रिहा किया गया. रिहा हुए कैदियों पर हत्या जैसे संगीन जुर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

देखें पूरी खबर

झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की अनुसंशा पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की स्वीकृति के बाद 58 कैदियों को रिहा किया गया. रिहा किए गए सभी कैदी हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. साथ ही रिहा किए गए कैदी कम से कम 14 साल की सजा पूरी कर चुके थे. गुरुवार को जेल से रिहा होते ही सभी कैदी अपनों से मिले, किन्हीं का बेटा, किसी का भाई, किसी की पत्नी लेने पहुंची थी. अपनों से मिलने पर सभी के आंसू छलक उठे. रिहा होने वाले अन्य कैदियों में रांची, खूंटी, गुमला, चाइबासा, गढ़वा, पलामू, लातेहार, सरायकेला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम और एक बिहार के सीवान जिले का रहने वाला है. सभी की अलग-अलग कहानियां हैं. हालांकि जेल में अनुशासित रहने और आदतन अपराध में शामिल नहीं रहने की वजह से राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद ने उनकी रिहाई पर मुहर लगा मुक्त कराया गया.

कैदी बोले, अब नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे

जेल गेट से रिहा होने के बाद सभी कैदियों ने कहा कि वे अब नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे. जेल से मुक्त करने से पहले जेल प्रशासन उन्हें शपथ भी दिलाई. जेल गेट से निकलते ही कैदियों में खुशी का ठिकाना नहीं था. कई के आंखों से खुशी के आंसू झलक रहे थे. जेल गेट के पास सुबह से ही भीड़ जमी थी. इनमें ऐसे लोग शामिल थे, जिनके परिजन रिहा होने वाले थे.

इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य सचिव की चिट्ठी का जल्द जवाब देगा रिम्स प्रबंधन, कई मुद्दों पर सचिव ने किए हैं सवाल

ये कैदी हुए रिहा

रांची के छोटे वर्मा, लखन महतो, दूती मुंडा, लेटे उरांव, मदन मोहन, लाल मुंडा, महेंद्र सिंह उर्फ सुकर सिंह, फुलेंद्र महतो, लालू महतो, तेजू कुमार, मुकेश नायक, राजू खोया, देबू महतो, जिउता मुंडा, खूंटी निवासी सुकरा बरजो, चमरा मुंडा, जूरा मुंडा, निताई मुंडा, सामुएल आइंद, घासिया मुंडा, रिसा मुंडा, गुमला निवासी एतवा खडिया, ठुंगरू उरांव, बिरसाई खडिया, बालेश्वर उरांव, चुइयूं उरांव उर्फ राजकेश्वर उरांव, जयराम भगत, आजाद अंसारी, किस्तो उरांव, मिनू उरांव, बिलिचिदान कुजूर, नुनू उर्फ नागेश्वर सिंह, लगन गोप, जोहन एक्का, नान्हू साहू, चंदर साहू, रतिया खडिया, चाईबासा निवासी सिंहराय लागुरी, बोयो बारी, गढ़वा निवासी लखन भुईयां, पलामू निवासी रामरतन सिंह, लातेहार सीटन भुइयां, सरायकेला निवासी गुरुवा मुंडा, बुधराम सोरेन, मदन कैबर्त, सिमडेगा निवासी जेवियर किंडो, अब्राहम लकड़ा, जलसू रौतिया, पूर्वी सिंहभूम निवासी सिंगराई हांसदा और बिहार का सीवान निवासी शाहनवाज अहमद शामिल है.

रांची: बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 58 कैदियों को गुरुवार को रिहा किया गया. रिहा हुए कैदियों पर हत्या जैसे संगीन जुर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

देखें पूरी खबर

झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की अनुसंशा पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की स्वीकृति के बाद 58 कैदियों को रिहा किया गया. रिहा किए गए सभी कैदी हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. साथ ही रिहा किए गए कैदी कम से कम 14 साल की सजा पूरी कर चुके थे. गुरुवार को जेल से रिहा होते ही सभी कैदी अपनों से मिले, किन्हीं का बेटा, किसी का भाई, किसी की पत्नी लेने पहुंची थी. अपनों से मिलने पर सभी के आंसू छलक उठे. रिहा होने वाले अन्य कैदियों में रांची, खूंटी, गुमला, चाइबासा, गढ़वा, पलामू, लातेहार, सरायकेला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम और एक बिहार के सीवान जिले का रहने वाला है. सभी की अलग-अलग कहानियां हैं. हालांकि जेल में अनुशासित रहने और आदतन अपराध में शामिल नहीं रहने की वजह से राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद ने उनकी रिहाई पर मुहर लगा मुक्त कराया गया.

कैदी बोले, अब नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे

जेल गेट से रिहा होने के बाद सभी कैदियों ने कहा कि वे अब नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे. जेल से मुक्त करने से पहले जेल प्रशासन उन्हें शपथ भी दिलाई. जेल गेट से निकलते ही कैदियों में खुशी का ठिकाना नहीं था. कई के आंखों से खुशी के आंसू झलक रहे थे. जेल गेट के पास सुबह से ही भीड़ जमी थी. इनमें ऐसे लोग शामिल थे, जिनके परिजन रिहा होने वाले थे.

इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य सचिव की चिट्ठी का जल्द जवाब देगा रिम्स प्रबंधन, कई मुद्दों पर सचिव ने किए हैं सवाल

ये कैदी हुए रिहा

रांची के छोटे वर्मा, लखन महतो, दूती मुंडा, लेटे उरांव, मदन मोहन, लाल मुंडा, महेंद्र सिंह उर्फ सुकर सिंह, फुलेंद्र महतो, लालू महतो, तेजू कुमार, मुकेश नायक, राजू खोया, देबू महतो, जिउता मुंडा, खूंटी निवासी सुकरा बरजो, चमरा मुंडा, जूरा मुंडा, निताई मुंडा, सामुएल आइंद, घासिया मुंडा, रिसा मुंडा, गुमला निवासी एतवा खडिया, ठुंगरू उरांव, बिरसाई खडिया, बालेश्वर उरांव, चुइयूं उरांव उर्फ राजकेश्वर उरांव, जयराम भगत, आजाद अंसारी, किस्तो उरांव, मिनू उरांव, बिलिचिदान कुजूर, नुनू उर्फ नागेश्वर सिंह, लगन गोप, जोहन एक्का, नान्हू साहू, चंदर साहू, रतिया खडिया, चाईबासा निवासी सिंहराय लागुरी, बोयो बारी, गढ़वा निवासी लखन भुईयां, पलामू निवासी रामरतन सिंह, लातेहार सीटन भुइयां, सरायकेला निवासी गुरुवा मुंडा, बुधराम सोरेन, मदन कैबर्त, सिमडेगा निवासी जेवियर किंडो, अब्राहम लकड़ा, जलसू रौतिया, पूर्वी सिंहभूम निवासी सिंगराई हांसदा और बिहार का सीवान निवासी शाहनवाज अहमद शामिल है.

Intro:पीके बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 58 कैदियों को गुरुवार को रिहा कर दिया गया. हत्या जैसे संगीन जुर्म के आरोप में इन कैदियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.


झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की अनुसंशा पर सीएम की स्वीकृति के बाद ये कैदी रिहा किए गए। रिहा किए गए सभी कैदी हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले हैं। जो, कम से कम 14 साल की सजा पूरी कर चुके हैं। जेल से रिहा होते ही सभी कैदी अपनों से मिले। किन्हीं का बेटा, किसी का भाई, किसी की पत्नी लेने पहुंची थी। अपनों से मिल सभी के आंसू छलक उठे थे।रिहा होने वाले अन्य कैदियों में रांची, खूंटी, गुमला, चाइबासा, गढ़वा, पलामू, लातेहार, सरायकेला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम और एक बिहार के सीवान जिले का रहने वाला है। सभी की अलग-अलग कहानियां हैं। हालांकि जेल में अनुशासित रहने और आदतन अपराध में शामिल नहीं रहने की वजह से राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद ने उनकी रिहाई पर मुहर लगा मुक्त कराया गया।

कैदी बोले, अब नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे

जेल गेट से रिहा होने के बाद सभी कैदियों ने कहा कि वे अब नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे। जेल से मुक्त करने से पहले जेल प्रशासन उन्हें शपथ भी दिलाई। जेल गेट से निकलते ही कैदियों में खुशी का ठिकाना नहीं था। कई के आंखों से खुशी के आंसू झलक रहे थे। जेल गेट के पास सुबह से ही भीड़ जमी थी। इनमें ऐसे लोग शामिल थे, जिनके परिजन रिहा होने वाले थे।

ये कैदी हुए रिहा
रांची के छोटे वर्मा, लखन महतो, दूती मुंडा, लेटे उरांव, मदन मोहन, लाल मुंडा, महेंद्र सिंह उर्फ सुकर सिंह, फुलेंद्र महतो, लालू महतो, तेजू कुमार, मुकेश नायक, राजू खोया, देबू महतो, जिउता मुंडा, खूंटी निवासी सुकरा बरजो, चमरा मुंडा, जूरा मुंडा, निताई मुंडा, सामुएल आइंद, घासिया मुंडा, रिसा मुंडा, गुमला निवासी एतवा खडिय़ा, ठुंगरू उरांव, बिरसाई खडिय़ा, बालेश्वर उरांव, चुइयूं उरांव उर्फ राजकेश्वर उरांव, जयराम भगत, आजाद अंसारी, किस्तो उरांव, मिनू उरांव, बिलिचिदान कुजूर, नुनू उर्फ नागेश्वर सिंह, लगन गोप, जोहन एक्का, नान्हू साहू, चंदर साहू, रतिया खडिय़ा, चाइबासा निवासी सिंहराय लागुरी, बोयो बारी, गढ़वा निवासी लखन भुईयां, पलामू निवासी रामरतन सिंह, लातेहार सीटन भुइयां, सरायकेला निवासी गुरुवा मुंडा, बुधराम सोरेन, मदन कैबर्त, सिमडेगा निवासी जेवियर किंडो, अब्राहम लकड़ा, जलसू रौतिया, पूर्वी सिंहभूम निवासी सिंगराई हांसदा और बिहार का सीवान निवासी शाहनवाज अहमद। Body:1Conclusion:2
Last Updated : Jan 24, 2020, 9:34 AM IST
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