रांची: झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले मतदान के दौरान 5 लाख से अधिक मतदाता ऐसे हैं जिन्हें पोलिंग स्टेशन जाने की जरूरत नहीं होगी. खुद इलेक्शन कमीशन उनके घरों का दरवाजा खटखटाएगा और उनसे उनका मतपत्र लेगा.
दरअसल, देश में पहली बार 80 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजन और दिव्यांग मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलट के मार्फत मतदान की प्रक्रिया कराए जाने का निर्णय लिया है. इसके तहत इस श्रेणी में आने वाले मतदाता बिना मतदान केंद्र गए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. इस बाबत राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय चौबे ने शुक्रवार को बताया कि राज्य में 80 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजन की संख्या 2.18 लाख से अधिक है, जबकि मौजूदा तारीख में 2.73 लाख से अधिक दिव्यांग मतदाता है.
उन्होंने कहा कि दिव्यांग मतदाताओं की संख्या आने वाले दिनों में 3 लाख से पार हो जाएगी. उन्होंने बताया कि पुलिस पदाधिकारी सुरक्षा बल और चुनाव काम में शामिल वाहन चालक पोस्टल बैलट का उपयोग करते हैं, उसी तरह 80 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजन और दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.
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चुनाव की घोषणा के साथ लगा आचार सहिता
विनय चौबे ने बताया कि चुनावों की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार सहिता लग गया है. इसके अनुसार अब राज्य में ट्रांसफर पोस्टिंग और नए प्रोजेक्ट नहीं शुरू किए जा सकेंगे, हालांकि उन्होंने साफ किया कि वैसे प्रोजेक्ट की घोषणा पहले हो चुकी है उसके बारे में चुनाव आयोग विभागों को पत्र लिखेगा. उन्होंने कहा कि सभी विभागों को पत्र लिखा जाएगा और उनके हिसाब से जानकारी ली जाएगी कि किस प्रोजेक्ट की स्वीकृति ली गई है और किस का काम शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने साफ किया कि सरकार के रूटीन वर्क में किसी तरह की कोई व्यवधान नहीं पड़ेगा. राजनेता अब सरकारी हेलीकॉप्टर का उपयोग भी नहीं कर सकेंगे.
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पर्याप्त मात्रा में है EVM और VVPAT
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि राज्य में कुल 29,464 पोलिंग स्टेशन है. जिनमें से 4690 शहरी इलाकों में है, जबकि 24,774 ग्रामीण इलाकों में है. उन्होंने बताया कि सभी पोलिंग स्टेशन 20053 बिल्डिंग के अंदर अवस्थित है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग के पास पर्याप्त मात्रा में ईवीएम, वीवीपैट और अन्य चीजें हैं.
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वामपंथी उग्रवाद एक चुनौती, पर्याप्त मात्रा में होंगे सुरक्षा बल तैनात
मौके पर मौजूद एडीजी और राज्य पुलिस के नोडल ऑफिसर एमएल मीणा ने कहा कि चुनावों के दौरान सुरक्षा एक चुनौती है. साथ ही गृह मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार राज्य में देश के 30 में से 13 अति उग्रवाद प्रभावित जिले हैं. साथ ही राज्य के 24 में से 19 जिले उग्रवाद प्रभावित हैं, उन्होंने कहा कि उग्रवाद को ध्यान में रखते हुए केंद्र से पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बल की मांग की गई है और अगले चार-पांच दिन में सुरक्षा बल की पहली खेप पहुंच जाएगी.
उन्होंने कहा कि स्मूथ फंक्शनिंग के लिए कम्युनिकेशन प्लान बनाया जा रहा है ताकि बाहर से आने वाले सुरक्षा बल जवानों को दिक्कत ना हो. उन्होंने कहा और घात लगाकर हमला करना वामपंथी उग्रवादियों का एक तरीका रहा है. इस बाबत बाहर से आने वाले सुरक्षा बल जवानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है. साथ ही रांची में एक एयर एंबुलेंस भी तैनात रहेगा ताकि दुर्घटना होने पर मेडिकल असिस्टेंस दिया जा सके. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पैसे की आवाजाही और शराब के दुरुपयोग पर भी कड़ी नजर रहेगी.
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5 चरण में होना है चुनाव
बता दें कि झारखंड में पांच चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसकी घोषणा शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग ने की है. इसके तहत 30 नवंबर को पहला चरण, 7 दिसंबर को दूसरा चरण, 12 दिसंबर को तीसरा चरण, 16 दिसंबर को चौथा चरण और 20 दिसंबर को पांचवां और आखिरी चरण में चुनाव होना है. राज्य के 81 विधानसभा सीटों के लिए इन 5 चरणों में होने वाले मतदान की गणना 23 दिसंबर को की जाएगी.