रांची: हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में बनी यूपीए की सरकार अपने कार्यकाल का चार साल पूरा करने जा रही है. 29 दिसंबर 2019 को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रुप में शपथ लेने वाले हेमंत सोरेन के लिए यह दूसरा मौका था जब सत्ता का बागडोर उनके हाथों में आया. इससे पहले जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में रह चुके हेमंत सोरेन के दूसरी बार सीएम बनने से लोगों की काफी उम्मीदें बंधी हुई हैं.
जाहिर तौर पर इन उम्मीदों पर खरा उतरना इनके लिए बेहद मुश्किल भरा रहा है. सत्ता संभालने के बाद सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती कोरोना से जनता को उबारना था. स्वास्थ्य सुविधा की लचर स्थिति पर विपक्ष के हमले भी इस दौरान तेज हुए मगर सरकार ने काफी धैर्य के साथ काम लिया. कोरोना के वक्त देश-विदेश में फंसे प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन और हवाई यात्रा के जरिए घर वापसी कराकर झारखंड सरकार जहां वाहवाही लूटने में लगी रही. वहीं विपक्ष सरकार को केन्द्र द्वारा दिए जा रहे कोरोना वैक्सीन के सही से इस्तेमाल नहीं किए जाने पर हमला बोलती रही. कोरोना वैक्सीन एक्सपायर होने पर केन्द्र और राज्य के बीच खासा विवाद होता रहा.
विवादों में उलझती रही सरकार
- कोरोना वैक्सीन के एक्सपायरी पर केन्द्र और राज्य के बीच जारी रहा विवाद.
- डीवीसी बकाया पर केन्द्र और झारखंड सरकार होता रहा आमने सामने.
- बकाया रॉयल्टी की मांग करते हुए माइनिंग बंद करने की मुख्यमंत्री ने दी धमकी, केन्द्र की पहल के बाद सुलझा मसला.
- भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उलझती रही हेमंत सरकार.
- चुनाव आयोग का बंद लिफाफा ने हेमंत सरकार की बढाई मुश्किल, बंद लिफाफा से सरकार पर जारी रहा सस्पेंस.
- रांची के बड़गाई में माइनिंग लीज मामले में खुद फंसे मुख्यमंत्री, विपक्ष का होता रहा हमला. विपक्ष ने राजभवन से लेकर ईडी तक की लिखित शिकायत.
- ईडी का समन खुब सुर्खियों में रहा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लिखित जवाब देकर ईडी नोटिस को देते रहे चुनौती.
- ईडी के रडार पर पूजा सिंघल, राजीव अरुण एक्का जैसे आला अधिकारी के आने से सरकार की छवि होती रही धूमिल.
- मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा भी सरकार के लिए बनते रहे मुसीबत. ईडी की कारवाई और पूछताछ के बाद सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक पिंटू तक पहुंची आंच.
- राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के बीच गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच सोशल मीडिया के अलावे विवाद अदालती लड़ाई में तब्दील हुई.
- नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच विधानसभा से लेकर हाईकोर्ट तक में चलता रहा विवाद, बाबूलाल मरांडी सोरेन परिवार पर चलाते रहे बयानों के तीर.
4 साल पूरा करने वाले दूसरे मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन: विवादों के बीच झारखंड की गद्दी को चार साल तक संभालने वाले दूसरे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बन गए हैं. इससे पहले रघुवर दास ने अपना पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा किया था. यदि हेमंत सोरेन पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लेते हैं तो पहले आदिवासी मुख्यमंत्री झारखंड के होंगे जो कार्यकाल को पूर्ण करने में सफल होंगे.
हालांकि वर्तमान समय में जिस तरह से सरकार चौतरफा घिरी हुई है और संकट के बादल छाये हुए हैं इससे कुछ भी कहना मुश्किल है. ईडी की कार्रवाई तेज होना कई आशंकाओं को जन्म दे रहा है. इन सबके बीच अपने सरकार के कार्यकाल के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 29 दिसंबर को मोरहाबादी मैदान में भव्य कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी चल रही है.
ये भी पढ़ें-
अलविदा 2023: हेमंत सरकार के वो फैसले जो बनी सुर्खियां
हेमंत सरकार के 4 साल: करीब 7% विकास दर से बढ़ रहा है झारखंड, धीरे-धीरे बढ़ रही है प्रति व्यक्ति आय